महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
पोषण माह के अंतर्गत सभी गतिविधियां आंगनवाड़ी केंद्रों में और उनके आसपास वर्षा जल संचयन तथा जल संरक्षण संवर्धन पर केंद्रित
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह कि वे समस्त आंगनवाड़ियों के परिसरों में जलवायु-अनुकूल वर्षा जल संचयन का कार्य करें
पोषण माह के पहले दो सप्ताहों में ‘जल प्रबंधन’ से जुड़ी 10 लाख से अधिक गतिविधियों की रिपोर्ट मिली
जल संरक्षण, सुरक्षा और जल-निरंतरता के प्रचार के लिये कारगर रणनीति के रूप में अनेकानेक ‘जल प्रबंधन जन संपर्क अभियान’ आरंभ
Posted On:
29 SEP 2022 11:22AM by PIB Delhi
चालू पोषण माह 2022 के दौरान महिला और बाल विकास मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से अनेक स्तरों पर जल प्रबंधन गतिविधियों पर लगातार जोर देता रहा है। इसके परिणामस्वरूप आयोजनों के पहले दो सप्ताहों में ‘जल प्रबंधन’ से जुड़ी 10 लाख से अधिक गतिविधियों की रिपोर्ट मिली है।
उपयुक्त मात्रा में पानी पीने और प्रदूषण मुक्त पानी से मानव शरीर को भोजन के पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से पचाने में मदद मिलती है। आसानी से उपलब्ध और साफ पानी से जल जनित बीमारियों, खासतौर से बच्चों में डायरिया जैसे रोगों से बचाव होता है।
पोषण माह के तहत जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से चलने वाली गतिविधियां मुख्य रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों व आसपास के इलाकों में वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण संवर्धन पर केंद्रित हैं।
इस प्रयास की दिशा में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे समस्त आंगनवाड़ियों के परिसरों में जलवायु-अनुकूल वर्षा जल संचयन का कार्य करें। इसके अलावा ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण और स्वच्छता समितियों के जरिये पोषण पंचायतों तथा मातृत्व समूहों को संलग्न करके जल संरक्षण और प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका को खासतौर से रेखांकित किया गया है।
‘पोषण केंद्रित जन आंदोलनों’ ने मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत के बाद से देशभर में लोगों को जागरूक करने में महती भूमिका निभाई है। अब तक ऐसे आठ जन आंदोलन – मार्च तथा सितंबर में चार पोषण पखवाड़े तथा पोषण माह सफलतापूर्वक आयोजित किये गये। नौवां जन आंदोलन पोषण माह 2022 के रूप में आयोजित हुआ, जो इस समय चल रहा है। उसमें देशभर से विशाल भागीदारी की गई। प्रमुख विषयवस्तुओं में पहले 1000 दिनों की महत्ता, पोषण के पांच सूत्र, बढ़त की निगरानी, रक्ताल्पता की रोकथाम, आयुष का एकीकरण, खान-पान विविधता तथा पारंपरिक स्वदेशी पाक-कला आदि शामिल हैं।
मार्च 2022 में चौथे पोषण पखवाड़े के दौरान एक अन्य प्रमुख विषयवस्तु “लैंगिक संवेदनशील जल प्रबंधन कार्यक्रमों” को देशभर में पहली बार अभियान के अंतर्गत शामिल किया गया।
अनेकानेक ‘जल संसाधन पर जन संपर्क अभियानों’ को जल संरक्षण, सुरक्षा और जल-निरंतरता का प्रचार करने के लिये एक कारगर रणनीति के तौर पर अपनाया गया। इस दिशा में एडब्लूडब्लू/एडब्लूएच को बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दुग्धपान कराने वाली माताओं को ध्यान में रखते हुये दैनिक जीवन में पानी की अहमियत के प्रति जागरूक करने के लिये जोड़ा गया। इसके तहत वर्षा जल संचयन, रसोई, साफ-सफाई, शौचालय आदि में इस्तेमाल होने वाले पानी का दोबारा इस्तेमाल करना, आदि विषयों को शामिल किया गया।
विषयवस्तु सम्बंधी प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार हैं:
- 1.56 लाख ‘लैंगिक संवेदनशील जल प्रबंधन कार्यक्रमों’ को मार्च 2022 के अंतिम पोषण पखवाड़े में आयोजित किया गया, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- एडब्लूसी में वर्षा जल संचयन का संवर्धन (आरडब्लूएच): 10,813
- वर्षा जल अवसंचरनाओं पर वेबिनार (आरएचएस): 99,071
- मौजूदा और कार्यरत आरडब्लूएच को जागरूक करना: 45,603
पोषण माह 2022 के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की गतिविधियों का विवरणः
-
- 20 हजार ‘आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्लूसी) में आदर्श वर्षा जल संरक्षण (आरडब्लूएच) का मनाया जाना’
- महिला और बाल विकास विभाग, जल शक्ति के पदाधिकारी, एडब्लूसी के साथ जुड़े समुदाय, जल समिति, कृषि विज्ञान केंद्रों आदि के सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया।
क्रम सं.
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
गतिविधियों की संख्या
|
1
|
महाराष्ट्र
|
6317
|
2
|
तमिलनाडु
|
4671
|
3
|
गुजरात
|
3012
|
4
|
मध्यप्रदेश
|
2357
|
5
|
उत्तरप्रदेश
|
1488
|
6
|
पंजाब
|
524
|
7
|
बिहार
|
483
|
8
|
कर्नाटक
|
406
|
9
|
झारखंड
|
129
|
10
|
मणिपुर
|
107
|
-
- 24 हजार ‘सामुदायिक जल स्रोतों/झीलों/तालाबों/पानी की टंकियों आदि के सम्बंध में सफाई/गाद निकालने के अभियान।’
- महिला और बाल विकास विभाग, जल शक्ति, पंचायती और ग्रामीण विकास ने ग्राम समुदाय तथा जल समिति, कृषि विज्ञान केंद्रों, किसान समितियों आदि के साथ शिरकत की।
क्रम सं.
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
गतिविधियों की संख्या
|
1
|
महाराष्ट्र
|
6578
|
2
|
तमिलनाडु
|
6407
|
3
|
गुजरात
|
4316
|
4
|
मध्यप्रदेश
|
2481
|
5
|
उत्तरप्रदेश
|
1436
|
6
|
बिहार
|
802
|
7
|
पंजाब
|
789
|
8
|
कर्नाटक
|
472
|
9
|
हरियाणा
|
272
|
10
|
राजस्थान
|
257
|
-
- 29 हजार ‘स्थानीय संस्थानों/निकायों (पीआरआई/यूएलबी) के साथ जल संरक्षण की गतिविधियों के प्रति जागरूकता।’
क्रम सं.
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
गतिविधियों की संख्या
|
1
|
महाराष्ट्र
|
8832
|
2
|
तमिलनाडु
|
5915
|
3
|
गुजरात
|
5390
|
4
|
मध्यप्रदेश
|
2325
|
5
|
उत्तर प्रदेश
|
1880
|
6
|
पंजाब
|
1122
|
7
|
हरियाणा
|
1070
|
8
|
बिहार
|
671
|
9
|
मणिपुर
|
500
|
10
|
राजस्थान
|
415
|
-
- 34 हजार ‘एडब्लूसी में वर्षा जल संचयन के संवर्धन पर सत्र/कार्यक्रम।’
-
- महिला और बाल विकास विभाग, जल शक्ति, पंचायती और ग्रामीण विकास ने ग्राम समुदाय तथा जल समिति, कृषि विज्ञान केंद्रों, किसान समितियों आदि के साथ शिरकत। कई स्थानों पर जिला जल शक्ति केंद्रों, जल शक्ति के तकनीकी अधिकारियों, विशेषज्ञ जल अनुसंधान संस्थाओं आदि ने भी विभिन्न मुद्दों पर जनता की जानकारी बढ़ाने में सहयोग किया।
क्रम सं.
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
गतिविधियों की संख्या
|
1
|
महाराष्ट्र
|
10093
|
2
|
तमिलनाडु
|
8574
|
3
|
गुजरात
|
5993
|
4
|
मध्य प्रदेश
|
3276
|
5
|
उत्तर प्रदेश
|
2045
|
6
|
बिहार
|
1035
|
7
|
पंजाब
|
825
|
8
|
मणिपुर
|
712
|
9
|
कर्नाटक
|
670
|
10
|
झारखंड
|
117
|
-
- 46 हजार ‘स्थानीय गैर-सरकारी संस्थाओं सहित विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा जल प्रबंधन गतिविधियां।’
- महिला और बाल विकास विभाग, जल शक्ति, पंचायती और ग्रामीण ग्राम समुदाय सदस्यों ने शिरकत की। जल संरक्षण/प्रबंधन आदि मुद्दों पर काम करने वाले जल शक्ति केंद्रों, जल अनुसंधान संस्थानों, सिविल सोसायटी संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों, आदि ने जनता को जागरूक करने में सक्रिय भागीदारी की।
क्रम सं.
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
गतिविधियों की संख्या
|
1
|
महाराष्ट्र
|
14771
|
2
|
तमिलनाडु
|
10980
|
3
|
गुजरात
|
6573
|
4
|
मध्य प्रदेश
|
5981
|
5
|
उत्तर प्रदेश
|
2837
|
6
|
बिहार
|
2169
|
7
|
पंजाब
|
1271
|
8
|
कर्नाटक
|
758
|
9
|
हरियाणा
|
263
|
10
|
झारखंड
|
160
|
-
- 54 हजार ‘जल संरक्षण, प्रबंधन और संचयन की तकनीकों पर महिलाओं को जानकारी देने के लिये कार्यशालायें।’
- जल शक्ति केंद्रों, जल संसाधन संस्थानों जैसी एजेंसियों ने अपने तकनीकी अधिकारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर महिला और बाल विकास विभाग, जल शक्ति, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज के अधिकारियों की उपस्थिति में जल प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर जनता की जानकारी बढ़ाने के लिये सत्रों का आयोजन किया।
क्रम सं.
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
गतिविधियों की संख्या
|
1
|
महाराष्ट्र
|
14650
|
2
|
तमिलनाडु
|
11750
|
3
|
गुजरात
|
9836
|
4
|
मध्य प्रदेश
|
7193
|
5
|
उत्तर प्रदेश
|
3347
|
6
|
बिहार
|
2936
|
7
|
पंजाब
|
1585
|
8
|
कर्नाटक
|
1302
|
9
|
झारखंड
|
273
|
10
|
तेलंगाना
|
139
|
-
- ‘जल प्रबंधन’ से जुड़ा एक अहम क्षेत्र – डब्लूएएसएच है। इसके तहत ‘हस्त प्रक्षालन और स्वच्छता/आरोग्य, जल एवं सफाई’ पर अब तक आठ लाख गतिविधियों का सफल आयोजन।
- महिला और बाल विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल शक्ति, पंचायती राज आदि के पदाधिकारियों ने समुदायों, विशेष रूप से बच्चों/छात्रों को साफ-सफाई तथा स्वास्थ्य व बेहतर पोषण के बारे में जागरूक किया।
क्रम सं.
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
गतिविधियों की संख्या
|
1
|
तमिलनाडु
|
199139
|
2
|
महाराष्ट्र
|
155102
|
3
|
मध्य प्रदेश
|
111475
|
4
|
गुजरात
|
92941
|
5
|
पंजाब
|
84525
|
6
|
बिहार
|
67316
|
7
|
उत्तर प्रदेश
|
62110
|
8
|
कर्नाटक
|
6679
|
9
|
झारखंड
|
6212
|
10
|
आंध्रप्रदेश
|
4660
|
गोआ – जल संरक्षण, खपत और पानी बचाओ पर जागरूकता गतिविधियां



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एमजी/एएम/एकेपी/एसएस
(Release ID: 1863338)