उप राष्ट्रपति सचिवालय

'सबका साथ, सबका विकास' का दर्शन गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित है: उपराष्ट्रपति


'आज दुनिया के सामने मौजूद कई खतरों के लिए - गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन और युद्ध तक - गांधी जी के विचार सभी खतरों का समाधान प्रदान करते हैं': उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति हरिजन सेवक संघ के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर सद्भावना सम्मेलन में शामिल हुए

Posted On: 24 SEP 2022 3:50PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि सरकार का “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” का विजन गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित है। इस बात पर जोर देते हुए कि गांधीवादी आदर्श संविधान के मौलिक अधिकारों और निर्देशक सिद्धांतों में व्याप्त हैं, उन्होंने कहा कि बापू की शिक्षाएं मानवता के लिए हमेशा ही प्रासंगिक रहेंगी।

श्री जगदीप धनखड़ आज नई दिल्ली में हरिजन सेवक संघ के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सद्भावना सम्मेलन में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे को पुष्पांजलि अर्पित की।

गांधीजी के हरिजन सेवक संघ के गठन के पीछे की प्रेरणा का स्मरण करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारा स्वतंत्रता संग्राम न केवल एक राजनीतिक आंदोलन था बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान भी था। उन्होंने कहा "यह सामाजिक एकता और राजनीतिक स्वतंत्रता का आह्वान था।"

गांधीजी के योगदान का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारतीय संस्कृति के सर्वोत्तम तत्वों - सत्य और अहिंसा - को धरातल पर लागू करने का प्रयास किया।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों से मानवता को अधिक लाभ होगा। आज दुनिया के सामने - गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन और युद्ध तक कई खतरे हैं - गांधी जी के विचार इन सभी का समाधान प्रदान करते हैं।"

यह देखते हुए कि गांधीजी के स्वराज के विचार का अर्थ कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की खाद्य सुरक्षा, टीकाकरण, सार्वभौमिक बैंकिंग की सभी योजनाएं गांधीवादी भावना में हैं।

श्री धनखड़ ने कहा, "यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि हाल के वर्षों में एक ऐसे इकोसिस्टम का उदय हुआ है जो गांधीवादी दर्शन के साथ आम सहमति से सभी की क्षमता और प्रतिभा का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित कर रहा है।"

 

 

विधान सभा में उनके अंतिम भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि "राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं टिक सकता जब तक कि इसके आधार पर सामाजिक लोकतंत्र न हो।"

उपराष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के आदर्शों पर खरा उतरने के लिए हरिजन सेवक संघ की सराहना की और भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर प्रो. डॉ. शंकर कुमार सान्याल, अध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, श्री नरेश यादव, पूर्व सांसद एवं उपाध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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