पंचायती राज मंत्रालय
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 ‘जल से परिपूर्ण तथा स्वच्छ और हरित ग्राम पंचायत’ सम्बंधी विषयवस्तु 4 एवं 5 पर विषयगत नजरिये के माध्यम से ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय कार्यशाला कल से पुणे में आरंभ

Posted On: 21 SEP 2022 7:42PM by PIB Delhi

 जल से परिपूर्ण तथा स्वच्छ और हरित ग्राम पंचायतसम्बंधी विषयवस्तु 4 एवं 5 पर विषयगत नजरिये के माध्यम से ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला कल से पुणे, महाराष्ट्र में शुरू हो रही है। कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय कर रहा है, जिसमें ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग तथा महाराष्ट्र सरकार का सहयोग है।

राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय पंचायती राज्यमंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल करेंगे। उनके साथ महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरीश महाजन, महाराष्ट्र के जलापूर्ति और स्वच्छता मंत्री श्री गुलाबराव पाटिल, महाराष्ट्र के पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार, महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री राजेश कुमार, अन्य गणमान्य तथा स्थानीय जन प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से समापन सत्र में सम्मिलित होंगे और विदाई सम्बोधन करेंगे। विभिन्न तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता केंद्र सरकार के सचिव करेंगे, जिनमें, पंचायती राज सचिव श्री सुनील कुमार, ग्रामीण विकास सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा, जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता सचिव श्रीमती विनी महाजन, जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की अपर सचिव श्रीमती अर्चना वर्मा शामिल हैं।

श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और श्री गिरीश महाजन तथा अन्य गणमान्य पदाधिकारी कल एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे तथा विषयगत क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थानों की विभिन्न विकास योजनाओं, पहलों तथा उपलब्धियो के बारे में लगाये गये विषय सम्बंधी स्टॉलों का अवलोकन करेंगे।

महाराष्ट्र और देशभर के पंचायती राज संस्थानों के पदाधिकारी और चुने हुये प्रतिनिधि राष्ट्रीय कार्यशाला में सम्मिलित होंगे। लगभग 1,500 प्रतिभागियों के राष्ट्रीय कार्यशाला में हिस्सा लेने की संभावना है। प्रतिभागियों में ग्राम पंचायतों के चुने हुये प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन, जेडपी के पदाधिकारी और अन्य विभागों के प्रतिनिधि, प्रमुख हितधारक, विषय के विशेषज्ञ तथा जल व स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसियां शामिल हैं।

राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान महाराष्ट्र के आरजीएसए के राज्य परियोजना निदेशक श्री आनन्द भंडारी और यशादा के डीडीजी तथा एसआईआरडी-एंड-पीआर के निदेशक डॉ. मल्लीनाथ कालशेट्टी धन्यवाद ज्ञापित करेंगे। राष्ट्रीय कार्यशाला के तीसरे दिन बहुत बेहतर तरीके से तैयार की गई एक्सपीरियंस शेयरिंग एंड लर्निंग फ्रॉम दी फील्ड (जमीनी स्तर पर सीखना और अनुभव साझा करना) विषयक क्षेत्रीय दौरा प्रतिभागियों/प्रतिनिधियों के लिये प्रमुख आकर्षण होगा।

राष्ट्रीय कार्यशाला तीन दिनों की अवधि के दौरान निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही हैः

  • अन्य राज्यों के साथ विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के जरिये ग्राम पंचायतों द्वारा सीखने का अवसर बनाना।
  • पंचायतों के चुने हुये प्रतिनिधियों और सिविल सोसायटी संगठनों के बीच संवाद कायम करना।
  • जल से परिपूर्ण तथा स्वच्छ और हरित ग्राम पंचायतसम्बंधी विषयवस्तु 4 एवं 5 पर रणनीति क्रियान्वयन को मजबूती देना।
  • पंचायतों में एसडीजी स्थानीयकरण पर महाराष्ट्र राज्य रोडमैप जारी करना।
  • विषयवस्तु 4 और 5 सम्बंधी जानकारी का प्रसार और नवोन्मेषी विचारों पर चर्चा।

राष्ट्रीय कार्यशाला कार्य-प्रणाली और ग्राम पंचायतों के सीखने व अनुभव के लिये एक उचित मंच के रूप में काम करेगी। इसमें प्रतिभागिता की जायेगी तथा विश्लेषण भी किया जायेगा। इसकी तीन प्रक्रियायें होंगीः

  1. वीडियो प्रस्तुतिकरणः पंचायतें और विषयगत विशेषज्ञ प्रस्तुतिकरण देंगे, जिसमें वीडियो के जरिये बीते कुछ वर्षों के दौरान किये जाने वाले अनुकरणीय कामों का हवाला होगा। पंचायतें और विशेषज्ञ उन प्रक्रियाओं के बारे में बतायेंगे, जो उन्होंने अपनाई तथा उसका उनकी ग्राम पंचायतों या कार्य करने के क्षेत्र पर क्या असर हुआ। पीपीटी और लंबे-लंबे वक्तव्यों को जानबूझकर हतोत्साहित किया गया है, ताकि चुने हुये प्रतिनिधि कार्यशाला में वीडियो प्रस्तुतिकरण के जरिये सीखें और दूसरों को सिखा सकें।
  2. सामूहिक/पैनल चर्चाः पैनलों में पंचायतें, विषयगत विशेषज्ञ, एनजीओ, वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। पैनल की अध्यक्षता सम्बंधित विभाग के सम्बंधित सचिव करेंगे। वीडियो प्रस्तुतिकरण को आधार बनाकर पैनल वीडियो में दर्शाये गये विषय पर चर्चा करेगा। इन वीडियो को वरिष्ठ अधिकारियों ने बनाया है। प्रतिभागियों के प्रश्नों का जवाब सम्बंधित ग्राम पंचायतें और विशेषज्ञ देंगे।
  1. क्षेत्रों का दौराः चर्चा और विचार-विमर्श केवल कार्यशाला की चार दीवारों तक सिमटा नहीं रहेगा, बल्कि अन्य राज्यों के प्रतिभागियों को महाराष्ट्र की ग्राम पंचायतों में ले जाया जायेगा, जहां वे ग्राम पंचायतों के कामकाज को देखेंगे। राज्य प्रतिनिधि निर्दिष्ट ग्राम पंचायतों में जायेंगे और वहां किये जाने वाले कामों तथा उनके प्रभावों का प्रत्यक्ष अनुभव करेंगे। इससे प्रतिभागियों को महाराष्ट्र की ग्राम पंचायतों द्वारा अपनायी जाने वाली प्रक्रियाओं को जानने का मौका मिलेगा। क्षेत्रों के दौरे की व्यवस्था और समन्वय एसआईआरडी-एंड-पीआर, महाराष्ट्र यशादा, पुणे तथा महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग करेंगे।

राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान तीन दिनों की अवधि में निम्नलिखित महत्‍वपूर्ण गतिविधियों का संचालन होगाः

  • एसडीजी स्थानीयकरण पर महाराष्ट्र राज्य एसडीजी रोडमैप जारी करना।
  • महा ई-ग्राम पोर्टल का आरंभ जिसमें निम्न बिंदु शामिल होंगेः-
  • महाराष्ट्र राज्य के लिये एसडीजी डैशबोर्ड
  • ई-भुगतान गेटवे
  • ऑनलाइन प्रमाणपत्र
  • मोबाइल ऐप – महा ई-ग्राम सिटीजन कनेक्ट
  • विषयवस्तु 4 और 5 पर पुस्तिकाओं को जारी करना
  • पोस्टर प्रतियोगिताओं के जरिये तैयार किये गये एलएसडीजी पोस्टरों पर पुस्तक को जारी करना
  • विषयवस्तु 4 और 5 पर प्रदर्शनी स्टॉलों का प्रदर्शन
  • नृत्य और अन्य कला विधाओं के जरिये महाराष्ट्र की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • महाराष्ट्र में ग्राम पंचायतों का दौरा

पृष्ठभूमिकाः

संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिपादित सतत विकास लक्ष्य एक जनवरी, 2016 से प्रभावी हुये। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने एसडीजी के सम्बंध में विषयगत समझ को अपनाया। इसके विषय में वैश्विक योजना को हासिल करने के लिये स्थानीय कार्रवाई को सुनिश्चित किया जाना है। इसका लक्ष्य पीआरआई, खासतौर से ग्राम पंचायतों के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीजी का स्थानीयकरण करना है। इसके लिये 17 लक्ष्यों को नौ विषयों में समाहित किया गया है। समुचित नीतिगत निर्णयों और संशोधनों के नतीजे में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और ग्राम पंचायत विकास योजना दिशा-निर्देशों को दुरुस्त करना है, ताकि ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण की प्रक्रिया निर्बाध चल सके। पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीकरण एजेंडे के अनुपालन में केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय विभिन्न स्थानों पर विषयगत कार्यशालाओं की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। इस कार्य में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के राज्य संस्थान, सम्बंधित मंत्रालय/विभाग तथा अन्य हितधारक करीबी सहयोग कर रहे हैं।

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