वस्त्र मंत्रालय
श्री यू पी सिंह ने इंडिया जीआई फेयर का उद्घान किया; नए बी2बी मेलों पर ईपीसीएच को बधाई दी और प्रदर्शक मिश्रण एवं प्रभावशाली प्रदर्शन पर उद्योग से जुड़े क्षेत्रों की सराहना की
खिलौना- इंडियन टॉयज एंड गेम फेयर, मां शिशु और एसटीईएम कोन्फेक्स का इंडिया एक्सपो सेंटर में साथ-साथ आयोजन किया जा रहा है
मां शिशु में समग्र पालन-पोषण पर जोर दिया जाता है और एसटीईएम कोन्फेस में शिक्षा के माध्यम से बच्चों के महत्वपूर्ण कौशल के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाता है
भारत और विदेश के 500 से ज्यादा प्रदर्शकों, पूर्व पंजीकृत क्रेता ले रहे हैं भाग
विषय वस्तु प्रस्तुतीकरणों, स्टेट पवेलियन और पैनल चर्चाओं से 3 दिवसीय शो को परिभाषित किया गया है
Posted On:
26 AUG 2022 9:21PM by PIB Delhi
वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव श्री उपेंद्र प्रसाद सिंह ने 26 से 28 अगस्त, 2022 तक ग्रेटर नोएडा में होने वाले जीआई फेयर, खिलौना-इंडिया टॉयज एंड गेम्स फेयर, मा शिशु और एसटीईएम कोन्फेक्स के पहले संस्करण का आज उद्घाटन किया। इस अवसर पर वस्त्र मंत्रालय में व्यापार सलाहकार सुश्री शुभ्रा, ह्यूमन वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन, वाराणसी में कार्यकारी निदेशक डॉ. रजनी कांत (पद्म श्री सम्मान), ईपीसीएच के चेयरमैन श्री राज के मल्होत्रा, ईपीसीएच में महानिदेशक और ईईएमएल के चेयरमैन श्री राकेश कुमार, द टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल और ईपीसीएच में कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा उपस्थित रहे। मध्य पूर्व के देशों से आया एक प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम और मेलों के विशेष अतिथियों में शामिल था।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री सिंह ने सभी मेलों में प्रदर्शकों के मिश्रण और प्रभावशाली प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा, “अधिकांश लोग नहीं जानते हैं कि भारत में 390 से ज्यादा जीआई उत्पाद हैं, जिनमें से 200 से ज्यादा हथकरघा और हस्तशिल्प हैं।” उन्होंने बड़ी संख्या में ऐसे विनिर्माताओं को एक मंच उपलब्ध कराने के लिए ईपीसीएच की सराहना की, जो अपनी कड़ी मेहनत, रचनात्मकता और उद्यम के साथ भारत और विदेशी बाजारों में योगदान करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “ माननीय प्रधानमंत्री भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और वस्त्रों के सर्वश्रेष्ठ दूत हैं।” उन्होंने कहा, पीएम ने खिलौनों के क्षेत्र में संभावनाओं के दोहन पर भी अपना विजन साझा किया है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती शुभ्रा ने कहा, “जब आप भारतीय उत्पादों को खरीदते हैं तो आप भारत का एक हिस्सा अपने साथ ले जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य विशेष क्षेत्रों के उत्पादों को बाहर लाने और उन्हें पूरी दुनिया में ले जाना होना चाहिए।”
साथ-साथ हो रहे मेलों में सभी का स्वागत करते हुए ईपीसीएच के चेयरमैन श्री राज कुमार मल्होत्रा ने कहा, “ईपीसीएच ने विभिन्न मेले एवं प्रदर्शनियां और पहल की हैं, जो उद्योग को दुनिया के सामने अपनी असाधारण कहानी बताने के उद्देश्य से अपने उत्पादों और सेवाओं के प्रदर्शन के लिए एक वैश्विक मंच उपलब्ध कराते हैं।” ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने कहा, “जीआई फेयर का श्रेय हमारे प्रधानमंत्री के विशिष्ट पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के विजन को जाता है। खिलौना- इंडिया टॉयज एंड गेम्स फेयर भी उनकी इच्छा की अभिव्यक्ति है कि इस क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं का पता लाया जाना चाहिए। अन्य दोनों मेले मां शिशु और एसटीईएम कोन्फेक्स हैं, जिसकी योजना हमने पिछले एक साल में बनाई है और आखिरकार इस पर अमल हो गया।”
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि इंडिया जीआई फेयर भारत का अपनी तरह का पहला व्यापारिक आयोजन है, जिसमें सामग्रियों और सामानों, खाद्य और घटकों, प्रकृति और कल्याण, हस्तशिल्प और हथकरघा, घर और संग्रहणीय और फैशन और सहायक उपकरणों में बटी 12 प्रमुख श्रेणियों से संबंधित 300 से ज्यादा प्रदर्शकों के माध्यम से भारतीय भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। 200 से ज्यादा प्रदर्शकों के साथ खिलौना- इंडिया टॉयज एंड गेम फेयर माननीय प्रधानमंत्री के खिलौनों और खेलों में 'वोकल फॉर लोकल' और वैश्विक आपूर्ति केंद्र बनने के उद्देश्य से 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के साथ-साथ भारत को इस सेगमेंट के लिए विनिर्माण में अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराने के विजन से संबंधित है। उन्होंने कहा, मां शिशु में समग्र पालन-पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है और एसटीईएम कोन्फेक्स में बच्चों शिक्षा के माध्यम से बच्चों के महत्वपूर्ण कौशल के विकास पर केंद्रित किया जाता है।
पेरेंटिंग विशेषज्ञ अर्जुन सेठ नेप्रोडिजी सुपर किड्स में छोटे बच्चों को बिना तकनीक या उपकरणों के, खेल के माध्यम से सिखाने के उद्देश्य से एक आकर्षक मास्टर क्लास प्रस्तुत, जिससे वे नए युग की क्षमताओं और कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला विकसित कर सकते हैं। इसके अलावा, इंडिया स्टेम फाउंडेशन के साथ भागीदारी में 19 वर्ष से कम के विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के लिए एक दिलचस्प प्रतियोगिता ‘कौन बनेगा रोबोजीनियस’ का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य एक रोबोट का डिजाइन और विकास करना था, जो विभिन्न कार्यों में स्कूली बच्चों की मदद कर सकता है। इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स द्वारा आयोजित एक सत्र में प्रीकन्सेप्शन केयर मॉड्यूल शामिल किया गया था।
मेलों के दौरान दो पैनल चर्चाओं का आयोजन होना है, जिनके शीर्षक हैं- ‘रिइन्वेंटिंग द फ्यूचर ऑफ टॉयज’ और ‘जिओग्राफिकल इंडीकेशन (जीआई)- इकोसिस्टम एंड इनीशिएटिव्स फॉर ब्रांड प्रमोशन थ्रो मार्केट लिंकेज्स।’ पैनल के सदस्यों में उद्योग के अग्रणी पेशेवर और सलाहकार शामिल हैं। कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए आयोजकों के अभिनंदन के साथ ही उन्हें पुरस्कार भी दिए गए।
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