जनजातीय कार्य मंत्रालय

एनईएसटीएस, जनजातीय कार्य मंत्रालय और सीबीएसई ने टाटा ट्रस्ट, टीआईएसएस और एमजीआईएस के सहयोग से ईएमआरएस स्कूल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए 21वीं सदी के कार्यक्रम के लिए प्रायोगिक शिक्षण के दूसरा बैच का शुभारम्भ किया


8 सप्ताह के इस पेशेवर विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में ईएमआरएस के 300 शिक्षकों को शामिल करने का लक्ष्य है

Posted On: 03 AUG 2022 6:31PM by PIB Delhi

एनईएसटीएस, जनजातीय कार्य मंत्रालय और सीबीएसई ने आज टाटा ट्रस्ट, टीआईएसएस और एमजीआईएस के सहयोग से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए 21वीं सदी के कार्यक्रम के लिए प्रायोगिक शिक्षण का शुभारंभ किया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय में जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (एनईएसटीएस) के आयुक्त श्री असित गोपाल ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और ईएमआरएस के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के लिए पाठ्यक्रम -2 के औपचारिक शुभारम्भ की घोषणा की। उद्घाटन समारोह में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आयुक्त श्री गोपाल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निरंतर पेशेवर विकास प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया गया है जो एक ऐतिहासिक नीति दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि "ऐसा माना जाता है कि यह कार्यक्रम प्रायोगिक शिक्षण शिक्षा-शास्त्र के क्षेत्र में अद्वितीय है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के सतत पेशेवर विकास (सीपीडी) के हिस्से के रूप में उसके उद्देश्य को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।"

 पहले चरण में, इस कार्यक्रम को 20 नवंबर, 2021 को शुरू किया गया था जिसमें 6 राज्यों, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में स्थित सीबीएसई और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के 350 शिक्षकों ने भाग लिया था।

 

दूसरे चरण में, 8 सप्ताह के पेशेवर विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहले चरण में शामिल राज्यों के अलावा गुजरात, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड के ईएमआरएस के 300 शिक्षकों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

21वीं सदी के लिए प्रायोगिक शिक्षण कार्यक्रम को शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के लिए एक ऑनलाइन कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है ताकि उन्हें कक्षा में शिक्षण को वास्तविक जीवन के अनुभवों के अनुकूल बनाने में मदद मिल सके। नवंबर, 2021 से अप्रैल, 2022 तक चले पहले चरण में सभी चयनित शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को यह कार्यक्रम मुफ्त में दिया गया था। इन चयनित शिक्षकों को "अगुवा शिक्षक " के रूप में प्रशिक्षित किया गया था, जो चरणबद्ध तरीके से सभी ईएमआरएस शिक्षक बिरादरी को प्रायोगिक शिक्षण शिक्षा-शास्त्र को समझने में सहायता करेंगे।

 

शिक्षकों के लिए प्रायोगिक शिक्षण के सैद्धांतिक और पेशेवराना दृष्टिकोण के प्रति समझ बढ़ाने के लिए टीआईएसएस और एमजीआईएस के संकाय के परामर्श से इस पाठ्यक्रम को तैयार किया गया था। यह 8 सप्ताह का कार्यक्रम है जिसमें शिक्षकों की समझ पर चर्चा करने और पाठ्यक्रम सीखने में उनकी सहायता करने के लिए वर्चुअल वेबिनार के साथ 4 मॉड्यूल शामिल हैं। वेबिनार में परियोजना मानचित्रण और पाठ योजना बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अध्यापन कार्य को और भी बेहतरीन करने का दृष्टिकोण प्रदान किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम की कल्पना की गई है और इसे सह-रचनात्मक प्रायोगिक शिक्षण की तर्ज पर क्रियान्वित किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के लिए चुने गए शिक्षकों की यात्रा उस शिक्षण का अनुकरण करेगी जिसमें हम चाहते हैं कि छात्र अपनी दिन-प्रतिदिन की कक्षाओं में सार्थक, वास्तविक जीवन स्थितियों और परियोजनाओं पर आधारित व्यावहारिक और क्रियाशील गतिविधियों के साथ अनुभव करें।

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