वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

ईसीजीसी ने छोटे निर्यातकों के लिए 90 प्रतिशत तक निर्यात ऋण जोखिम को कवर करने के लिए नई बीमा कवर देने वाली योजना शुरू की

Posted On: 26 JUL 2022 5:38PM by PIB Delhi

ईसीजीसी ने 'बैंकों के लिए निर्यात ऋण बीमा' (संपूर्ण टर्नओवर पैकेजिंग क्रेडिट और पोस्ट शिपमेंट) (ईसीआईबी-डब्ल्यूटीपीसी, पीएस) के तहत छोटे निर्यातकों को समर्थन देने के लिए 90 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ निर्यात ऋण जोखिम बीमा कवर प्रदान करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना से ईसीजीसी डब्ल्यूटी-ईसीआईबी कवर रखने वाले बैंकों से निर्यात ऋण पाने वाले कई छोटे स्तर के निर्यातकों को लाभ होने की उम्मीद है। इसके कारण छोटे निर्यातक नए बाजारों/नए खरीदारों का पता लगा सकेंगे और बहुत प्रतिस्पर्धात्मक ढंग से अपने मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता ला सकेंगे।

आज मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ईसीजीसी के अध्यक्ष एम. सेंथिलनाथन ने कहा, "हमें उम्मीद है कि बीमा कवर एक बहुत बड़ी तब्दीली लाने वाली भूमिका निभाएगा। हमें उम्मीद है कि इससे 20 करोड़ रुपये तक के खातों का प्रतिशत बढ़ जाएगा। जिससे ईसीजीसी पोर्टफोलियो को और स्थिरता मिलेगी।” उन्होंने आगे कहा, "बैंकों को 90 प्रतिशत कवर देकर हमें उम्मीद है कि और ज्यादा छोटी कंपनियां बैंकों से निर्यात ऋण प्राप्त करेंगी, जिससे इन उद्योगों को बहुत लाभ होगा। हमें उम्मीद है कि बैंक और रियायतें देंगे। इसका कुल असर ये होगा कि निर्यातकों को लाभ होगा, जिसमें ब्याज दर में कमी होना भी शामिल है।”

वाणिज्य मंत्रालय और मंत्री श्री पीयूष गोयल को धन्यवाद देते हुए ईसीजीसी के अध्यक्ष ने कहा, “सरकार ने हाल के वर्षों में पर्याप्त पूंजी निवेश के साथ हमारा समर्थन किया है। इस वजह से और निर्यातकों के लिए अपने कवर को और अधिक उपयोगी बनाने की जरूरत के चलते हमने आज इस निर्णय की घोषणा की है।"

भारत सरकार की इस प्रमुख निर्यात क्रेडिट एजेंसी द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में बात करते हुए श्री सेंथिलनाथन ने कहा, "ईसीजीसी जैसे संगठनों द्वारा निभाई गई प्रतिचक्रीय भूमिका दरअसल किसी अग्निशमन कर्मी की भूमिका के समान है, जब क्रेडिट मुश्किल हालत में होता है तो क्रेडिट बीमा एजेंसियां ​​​​बाजार को स्थिर करने के लिए आगे आती हैं। "

श्री सेंथिलनाथन ने आगे कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर बाजार को स्थिर करने के लिए सभी सरकारों ने विभिन्न उपाय किए। इस वजह से ईसीजीसी ने निर्यातकों को दिए गए कवर को वापस नहीं लिया। उम्मीदों के उलट दुनिया भर में निर्यात ऋण बीमा एजेंसियों ने औसत दावा अनुपात देखे हैं, ऊंचे अनुपात नहीं।

 

बैंकों के लिए बढ़ा हुआ कवर

  • रत्न, आभूषण और हीरा क्षेत्र को छोड़कर और व्यापारी निर्यातकों/ट्रेडरों को छोड़कर, ये बढ़ा हुआ कवर 20 करोड़ रुपये तक की फंड-आधारित निर्यात ऋण कार्यशील पूंजी सीमा का लाभ उठाने वाले विनिर्माता-निर्यातकों (यानी, प्रति निर्यातक/निर्यातक-समूह कुल पैकेजिंग क्रेडिट और पोस्ट शिपमेंट सीमा) के लिए उपलब्ध होगा।
  • ये नई योजना ईसीजीसी के डब्ल्यूटी-ईसीआईबी कवर रखने वाले बैंकों को ब्याज दरों को और कम करने की संभावना तलाशने में सक्षम करेगी ताकि सभी हितधारकों को लाभ हो। ये बढ़ा हुआ कवर प्रतिशत भारतीय स्टेट बैंक को उसके अनुकूल दावा प्रीमियम अनुपात को देखते हुए पिछले वर्ष की प्रीमियम दर के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, अन्य बैंकों के लिए प्रचलित प्रीमियम दरों में मामूली वृद्धि हो सकती है।

ईसीजीसी ने पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 6.18 लाख करोड़ रुपये के निर्यात को समर्थन दिया था। 31/03/2022 तक 6,700 से ज्यादा विशिष्ट निर्यातकों को इस प्रत्यक्ष कवर का लाभ हुआ है जिसे निर्यातकों को जारी किया गया है। 9,000 से ज्यादा विशिष्ट निर्यातकों को बैंकों के लिए निर्यात ऋण बीमा (ईसीआईबी) के तहत लाभ मिला है। खास बात ये है कि इनमें से लगभग 96 प्रतिशत छोटे निर्यातक हैं।

********

एमजी/एएम/जीबी/डीवी



(Release ID: 1845146) Visitor Counter : 405


Read this release in: English , Urdu , Marathi , Punjabi