विद्युत मंत्रालय

समर्थ ने एनटीपीसी के सहयोग से तापीय बिजली संयंत्रों में जैव-ईंधन के उपयोग पर कार्यशाला का आयोजन किया


कार्यशाला का उद्देश्य कृषि अवशेषों के उपयोग को बढ़ावा देना और इसे सहज बनाना है

Posted On: 14 JUL 2022 6:15PM by PIB Delhi

तापीय बिजली संयंत्रों में जैव-ईंधन (बायोमास) के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन (समर्थ) ने एनटीपीसी के सहयोग से तापीय बिजली संयंत्रों में आग जलाने में सहयोग के लिए कृषि अवशेषों के उपयोग पर आज चंडीगढ़ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

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इस कार्यशाला में सरकार, मंत्रालय, सीएक्यूएम, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, एमएनआरई, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग- पंजाब, बिजली विभाग- पंजाब, कृषि विभाग- पंजाब, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग- पंजाब, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग- हरियाणा, कृषि विभाग- हरियाणा, ऊर्जा विभाग- हरियाणा, समर्थ मिशन, एनटीपीसी लिमिटेड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनको), वित्तीय संस्थान, गुटिका विनिर्माता, उद्यमी, उद्योग संघ, ओईएम, कृषि विश्वविद्यालय, केवीके, एफपीओ, सीबीबीओ और किसान संगठनों ने भाग लिया।

इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य ताप बिजली संयंत्रों में जैव-ईंधन (बायोमास) के एकत्रीकरण, परिवहन, निर्माण, आपूर्ति और आग जलाने में सहयोग के लिए एक परितंत्र विकसित करने पर ध्यान देने के साथ विभिन्न अनुप्रयोगों में कृषि अवशेषों के उपयोग को बढ़ावा देना और उसे सहज बनाना है। कार्यशाला का आयोजन ऐसे क्षेत्र में किया गया है जहां बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इसमें संबंधित हितधारकों के साथ जैव-ईंधन के एकत्रीकरण और गुटिका निर्माण के विस्तार की दिशा में मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा की गई।

कार्यशाला की शुरूआत श्री सुदीप नाग (मिशन निदेशक, तापीय बिजली संयंत्र में जैव-ईंधन के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन और कार्यकारी निदेशक, एनटीपीसी लिमिटेड) के भारत की ईंधन ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने में जैव-ईंधन के महत्व का वर्णन करते हुए स्वागत संबोधन के साथ हुई। एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (संचालन) श्री रमेश बाबू ने एक अप्रयुक्त संसाधन, आय के अतिरिक्त स्रोत, मांग के उच्च स्तर और अनुकूल सरकारी नीतियों के रूप में जैव-ईंधन (बायोमास) की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने टीपीपी में जैव-ईंधन के उपयोग के लिए एनटीपीसी द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में भी बताया और उल्लेख किया कि एनटीपीसी के 14 संयंत्रों ने पहले ही जैव-ईंधन जलानी शुरू कर दी है और लगभग 77000 टन जैव-ईंधन को अब तक जलाया जा चुका है।

सीएक्यूएम के अध्यक्ष डॉ. एम. एम. कुट्टी ने वायु प्रदूषण के ज्वलंत मुद्दे, विशेष रूप से एनसीआर क्षेत्र में और चुनौतियों पर मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने जैव-ईंधन के विभिन्न संभावित उपयोगों, फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति, कृषि मशीनीकरण के लिए केंद्रीय योजना, तापीय बिजली संयंत्रों में जलाने में जैव-ईंधन के इस्तेमाल के जरिए बिजली उत्पादन के लिए जैव-ईंधन के उपयोग की नीति के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि कृषि क्षेत्र कैसे आगे आ सकता है और वैज्ञानिक एवं तकनीकी समाधानों को लागू करते हुए पराली को कमाई का जरिया बनाकर प्रदूषण को नियंत्रित में करने में अपना योगदान दे सकता है। कार्यशाला स्थल पर उद्यमियों, वित्तीय संस्थानों, ओईएम और समर्थ मिशन द्वारा विभिन्न तकनीकी और वित्तीय पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए 09 प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए गए थे। कार्यशाला में उपस्थित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदर्शनी स्टालों की खूब सराहना की।

सरकार, मंत्रालयों, सीएक्यूएम, एमओईएफसीसी, एमओए एंड एफडब्ल्यू, एमएनआरई, पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, एनटीपीसी लिमिटेड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी बिजली उत्पादन कंपनियों, वित्तीय संस्थानों, गुटिका निर्माताओं, उद्यमियों, उद्योग संघों, ओईएम, कृषि विश्वविद्यालयों, केवीके, एफपीओ, सीबीबीओ और किसान संगठनों से आने वाले 250 से अधिक पंजीकृत प्रतिभागियों के साथ,  तापीय बिजली संयंत्रों में कृषि अवशेषों के उपयोग पर आयोजित यह कार्यशाला अब तक की सबसे बड़ी जैव ऊर्जा सभाओं में से एक थी। कई कंपनियां / नवोदित उद्यमी / किसान कार्यशाला में व्यापार के नए अवसरों को समझने और इसमें संभावनाएं तलाशने के लिए आए।

इस कार्यशाला में न केवल पराली जलाने के मुद्दे पर बातचीत की गई, बल्कि सभी हितधारकों को कृषि-अवशेषों के उद्देश्यपूर्ण उपयोग और इसमें कमाई की क्षमता पर ज्ञान और अनुभव को साझा करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान किया गया।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग  (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष डॉ. एम. एम. कुट्टी ने एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (संचालन) श्री रमेश बाबू, सदस्य-सचिव (सीएक्यूएम) श्री अरविंद नौटियाल, सदस्य सचिव (हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) श्री एस. नारायणन, सदस्य सचिव (पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) श्री क्रुनेश गर्ग, (मिशन निदेशक तापीय बिजली संयंत्र में जैव-ईंधन के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन और एनटीपीसी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक) श्री सुदीप नाग और पंजाब एवं हरियाणा के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ कार्यशाला का उद्घाटन किया।

 

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