राष्ट्रपति सचिवालय
राष्ट्रपति ने वीडियो संदेश के जरिये सारनाथ में धर्मचक्र दिवस 2022 समारोह को संबोधित किया
Posted On:
13 JUL 2022 8:37PM by PIB Delhi
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज (13 जुलाई, 2022) को एक वीडियो संदेश के जरिये उत्तर प्रदेश के सारनाथ में आयोजित धर्मचक्र दिवस 2022 समारोह को संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म भारत की महानतम आध्यात्मिक परंपराओं में से एक रहा है। भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं से जुड़े कई पवित्र स्थल भारत में स्थित हैं। उन अनेक स्थानों में से चार मुख्य स्थान हैं- पहला बोधगया जहां उन्होंने आत्मज्ञान प्राप्त किया, दूसरा सारनाथ जहां उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया, तीसरा श्रावस्ती जहां उन्होंने अधिकांश चतुर्मास बिताए और अधिकांश उपदेश दिए और चौथा कुशीनगर जहां उन्होंने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद उनकी शिक्षाओं से जुड़े कई मठ, तीर्थ स्थल, विश्वविद्यालय आदि स्थापित हुए जो ज्ञान के केंद्र रहे हैं। आज ये सभी स्थल बुद्ध-सर्किट के अंग हैं जो देश- विदेश से तीर्थयात्रियों और धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा लोकतंत्र बौद्ध आदर्शों और प्रतीकों से काफी प्रभावित रहा है। हमारा राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया है, जिस पर धर्म चक्र भी उकेरा गया है। लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे 'धर्म चक्र प्रवर्तनाय' सूत्र अंकित है। हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में प्राचीन बौद्ध संघों की कई प्रक्रियाओं को अपनाया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान बुद्ध के अनुसार शांति से बड़ा कोई आनंद नहीं है। भगवान बुद्ध के उपदेशों में आंतरिक शांति पर जोर दिया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस अवसर पर इन शिक्षाओं को याद करने का उद्देश्य यह है कि सभी लोग भगवान बुद्ध के उपदेशों के सही अर्थ को समझें और सभी बुराइयों एवं असमानताओं को दूर करके शांति एवं करुणा से परिपूर्ण एक संवेदनशील विश्व का निर्माण करें।
संस्कृति मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत अषाढ़ पूर्णिमा दिवस मना रहा है।
राष्ट्रपति का संदेश देखने के लिए कृपया यहां क्लिक करें -
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एमजी/एएम/एसकेसी
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