राष्ट्रपति सचिवालय
राष्ट्रपति ने आईआईएम जम्मू के 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया
वास्तव में अच्छा उद्यमी, अच्छा प्रबंधक या एक अच्छा व्यवसायी लीडर वही है जो बेहतर कार्य के साथ अच्छा करने में विश्वास रखता है: राष्ट्रपति कोविंद
Posted On:
09 JUN 2022 8:45PM by PIB Delhi
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (9 जून, 2022) जम्मू में भारतीय प्रबंधन संस्थान जम्मू के 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया और अपना संबोधन भी दिया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ी प्रवर्तक है। हमारे देश का भविष्य हमारी युवा आबादी की अच्छी शिक्षा पर निर्भर करता है। आईआईएम जम्मू जैसे संस्थान हमारे युवाओं का पोषण कर रहे हैं। ये प्रतिभाशाली युवा भविष्य के भारत का निर्माण करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये युवा लोगों के जीवन को बेहतर और देश को मजबूत बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि सर्वविदित है कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को आज की ज्ञान अर्थव्यवस्था में 'ज्ञान केन्द्र' के रूप में स्थापित करना चाहती है। यह हमारे प्राचीन मूल्यों को संरक्षित करते हुए 21वीं सदी की दुनिया के लिए हमारे युवाओं को सुसज्जित करने का प्रयास करती है जो आज भी प्रासंगिक हैं। भारत को एक वैश्विक ज्ञान केंद्र बनने के लिए, हमारे शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि वैश्विक रैंकिंग में भारतीय संस्थानों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आईआईएम जम्मू जैसे नए संस्थानों को तेजी से वैश्विक सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को अपनाना चाहिए और उच्च रैंकिंग का आकांक्षी होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकियों और अवसरों के अभिसरण से सहायता प्राप्त, कई स्टार्ट-अप बेहद सफल बन चुके हैं और उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था का उभरता हुआ मुख्य आधार कहा जा सकता है। यूनिकॉर्न, जिनमें से अधिकांश को युवाओं द्वारा स्थापित किया गया है, उन्हें सभी छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं के बीच रोज़गार प्राप्तकर्ता न बनकर रोजगार प्रदाता बनने की मानसिकता हमारे देश के प्रमुख कारकों में से एक बन चुकी है, और आज यह दुनिया के सबसे अच्छे स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र में से एक है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आईआईएम जम्मू, डीआईसीसीआई और सीआईआई के सहयोग से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संभावित उद्यमियों की सहायता के लिए एक विशेष विविधता प्रकोष्ठ स्थापित करने जा रहा है। उन्होंने उद्यमिता और समावेश को बढ़ावा देने की इस पहल से जुड़े सभी लोगों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने छात्रों को सलाह दी कि वे जीवन पर्यन्त शिक्षण का भाव बनाए रखें। उन्होंने कहा कि तीव्र गति से जारी तकनीकी परिवर्तनों की भूमिका विघटनकारी हो सकती है। प्रौद्योगिकियों के प्रबंधन और नेतृत्व शैलियों की शेल्फ समय सीमा कम होने वाली है। ऐसे परिदृश्य से निपटने के लिए, उन्हें 'ज्ञात के उपयोग' की मानसिकता से 'अज्ञात की खोज' के दृष्टिकोण की ओर बढ़ना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं को अपने कम्फर्ट जोन से परे जाकर नवीन क्षेत्रों में कार्य करना होगा। उन्हें चुनौतियों को अवसरों में बदलना होगा। उन्हें परिवर्तन के समर्थक के रूप में नवीन परिवर्तन की दिशा में कार्य करना चाहिए और इसके साथ-साथ सभी के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। उन्हें कल से शिक्षा प्राप्त करने हुए भविष्य की ओर देखना होगा। उन्हें अतीत से प्रासंगिक ज्ञान के आधार पर अपना भविष्य बनाना होगा। राष्ट्रपति ने युवाओं को खुले मस्तिष्क, स्वच्छ हदय और दृढ़ इच्छाशक्ति का भाव बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वास्तव में एक अच्छा उद्यमी, अच्छा प्रबंधक या एक अच्छा बिजनेस लीडर वही है जो बेहतर कार्य करते हुए अच्छा करने में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता और नैतिकता कदम मिलाकर एक साथ आगे बढ़ते हैं।
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