वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत लगभग 400 व्यापक जीआईएस आधारित मानचित्र पहले ही तैयार किए जा चुके हैं- श्री पीयूष गोयल
डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत की नींव तैयार करेगा
5जी भारतीय अर्थव्यवस्था में अगले 15 वर्षों के दौरान 450 अरब डॉलर का योगदान देगी- श्री पीयूष गोयल
माननीय मंत्री ने देश में स्थिर नीतियों का इकोसिस्टम बनाने और संरक्षित करने के लिए दूरसंचार नियामक की सराहना की, जिससे कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को सुरक्षा मिली
Posted On:
18 MAY 2022 7:01PM by PIB Delhi
केंद्रीय वाणिज्य एवम् उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवम् सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि लगभग 400 व्यापक जीआईएस आधारित नक्शे पहले से ही पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार किए गए हैं।
माननीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि बदलाव लाने वाली पीएम गतिशक्ति पहल देश में बुनियादी ढांचे के बेतरतीब विकास की समस्या को हल करने में मदद देगी और बुनियादी ढांचे की योजना बनाने के लिए एक सुरक्षित, टिकाऊ, बड़े पैमाने का और सहयोगी दृष्टिकोण बनाने में हमारी मदद करेगी।
वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के मंत्रिस्तरीय सत्र 'सेमिनार ऑन कलेबरेटिव रेग्युलेशंस : को-क्रिएशन एंड शेयरिंग ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर (सिंक्रनाइजेशन विद गतिशक्ति ) एंड इंटरनेशनल रेग्युलेटर्स' में 'कलेबरेटिव रेग्युलेशंस यूजिंग रेगटेक एंड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर गोलमेज सम्मेलन में मुख्य भाषण दे रहे थे।
माननीय मंत्री ने देश की आजादी का अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करने का उत्सव) के दौरान, देश की सेवा में 25 वर्ष पूरे करने के लिए ट्राई को बधाई दी ।
पिछले कुछ वर्षों में दूरसंचार क्षेत्र द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति विशेष रूप से डिजिटल विभाजन को खत्म करने की बात करते हुए, माननीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सूचना प्रौद्योगिकी और देश के सबसे दूर के हिस्सों तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने का हर क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा और आने वाले समय में ये भारत के विकास की कहानी की नींव होगी। उन्होने साथ ही कहा कि डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत की नींव बनाएगा।
माननीय मंत्री ने दुनिया भर में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और अन्य सहायता प्रणालियों तक त्वरित और आसान पहुंच को सक्षम करके कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में डिजिटल कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने महामारी के दौरान जिस तेजी से शिक्षा ऑनलाइन हुई और एजुटेक की ओर रुख किया, उसकी प्रशंसा की। माननीय मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत ने एक भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को कम न करके दुनिया के लिए एक विश्वसनीय भागीदार होने का खिताब अर्जित किया है।
दूरसंचार और डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत द्वारा उठाए जा रहे बड़े कदमों का उल्लेख करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सरकार ने पिछले आठ वर्षों में पहुंच, सुधार, विनियमन, प्रतिक्रिया और बदलाव के पंचामृत के साथ दूरसंचार क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया है। उन्होंने कहा कि इन सिद्धांतों ने इस क्षेत्र में फिर से ऊर्जा भरने के लिए पिछले 8 वर्षों में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को परिभाषित किया है।
माननीय मंत्री ने कहा कि देश के दूरदराज में स्थित हर गांव में कनेक्टिविटी को सफलतापूर्वक पहुंचाने के लिए किए गए प्रयास डिजिटल विभाजन को खत्म के लिए सरकार की संवेदनशीलता का साक्षी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक दुनिया से जुड़ने की क्षमता से वंचित न रहे।
स्थिर नीतियों के एक इकोसिस्टम को बनाने और संरक्षित करने के लिए नियामकों की सराहना करते हुए, माननीय मंत्री ने कहा कि इससे दूरसंचार कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों की रक्षा करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग को जिन क्षेत्रों से सबसे कम शिकायतें मिलीं उसमें में से एक दूरसंचार क्षेत्र था।
माननीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया और जेएएम त्रिमूर्ति (जन धन-आधार-मोबाइल) का शुभारंभ देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था और कहा कि इसने सार्वजनिक सेवाओं को आम आदमी तक पहुंचाने के तरीके में क्रांति ला दी। उन्होंने कहा कि जेएएम त्रिमूर्ति ने प्रौद्योगिकी के फायदों को आम आदमी तक पहुंचाने में , लेन-देन की लागत को कम करने, बिचौलियों को खत्म करने, सिस्टम में संसाधनों की बर्बादी रोकने और भ्रष्टाचार को दूर करने में मदद की।
एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) को सबसे क्रांतिकारी पहलों में से एक बताते हुए, माननीय मंत्री ने कहा कि पीएमजीकेएवाई में प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सुनिश्चित किया है कि योजना के करोड़ों लाभार्थी अपनी पसंद के समय और स्थान पर खाद्यान्न पा सकते हैं।
यह रेखांकित करते हुए कि देश पारदर्शी और प्रभावी शासन की ओर बढ़ रहा है, माननीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, राष्ट्र पारदर्शिता के साथ 2जी/3जी से 4जी और अब 5जी में बदल गया है। 5जी अगले 15 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान देगा और प्रधानमंत्री के द्वारा स्वदेशी 5जी परीक्षण मंच का शुभारंभ दूरसंचार में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने, स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने, शासन में सुधार, जीवनयापन में आसानी और देश में व्यापार करने की सुगमता में मदद करेगा।
श्री गोयल ने कहा कि ट्राई के दो तकनीकी कार्यक्रम, कलेबरेटिव रेग्युलेशंस : को-क्रिएशन एंड शेयरिंग ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर (सिंक्रनाइजेशन विद गतिशक्ति ) एंड इंटरनेशनल रेग्युलेटर्स' में 'कलेबरेटिव रेग्युलेशंस यूजिंग रेगटेक एंड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर गोलमेज सभा में पथ-प्रदर्शक क्षमता थी और यह एक उपयुक्त समय पर हुआ है, क्योंकि सरकार आत्मनिर्भर भारत पर जोर दे रही है।
उन्होंने कहा कि ट्राई द्वारा किए गए अग्रणी कार्य अन्य नियामकों की मदद करेंगे और इस क्षेत्र के व्यवस्थित विकास के लिए स्मार्ट और सरल नियमों की क्षमता को दुनिया के सामने ले जाएंगे।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की तकनीकी संरचना के बारे में विस्तार से बताते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि यदि हम देश में सभी उपलब्ध संसाधनों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके डेटा प्वाइंट के रूप में विकसित करना चाहते हैं और यदि ये डेटा प्वाइंट एपीआई का उपयोग करके एक दूसरे से संपर्क कर सकते हैं, तो हम बेहतर योजना बना सकते हैं और बजट के भीतर समयबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बेहतर ढंग से पूरा कर उन्हें कुशलतापूर्वक कार्यान्वित कर सकते हैं।
तर्कसंगत, आंकड़ों पर आधारित एकीकृत योजना के अभाव में दशकों से लटकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, माननीय मंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्ति इन मुद्दों को हल करने के लिए एक सरल, प्राथमिक, तार्किक, तर्कसंगत उपकरण थी। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के हर हिस्से ने पीएम गतिशक्ति को साकार करने में योगदान दिया है, जिससे यह समस्त सरकार के दृष्टिकोण का एक अच्छा उदाहरण है।
संगोष्ठी में कई क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के सह-निर्माण और साझाकरण पर अंतर-सरकारी सहयोगात्मक दृष्टिकोण, निर्माण के लिए बहुपक्षीय दृष्टिकोण, दूरसंचार और बिजली क्षेत्र के साझा इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवहार्यता, संभावनाएं एवं चुनौतियां चर्चा में शामिल अन्य प्रासंगिक विषयों में एक थे।
संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स सूचना प्रौद्योगिकी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, ट्राई के चेयरमैन, डॉ पी डी वघेला , ट्राई के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
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