रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
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केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने रसायन और पेट्रोकेमिकल विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता की


फार्मास्युटिकल और एग्रोकेमिकल उद्योगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण इंटरमीडिएट्स के उत्पादन के लिए पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योगों के बाइ-प्रोडक्ट के इस्तेमाल की संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक संयुक्त कार्य बल का गठन

Posted On: 04 MAY 2022 5:24PM by PIB Delhi

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने रसायन और उर्वरक एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री, श्री भगवंत खुबा के साथ सचिव (रसायन और पेट्रोकेमिकल्स), सचिव (पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस),सचिव (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग) पीएसयू और पेट्रोकेमिकल उद्योग के प्रमुख लोगों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की ।

पेट्रोलियम उद्योग के बाइ-प्रोडक्ट जो कि डाउनस्ट्रीम विशेषता रासायनिक उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग किये जाते हैं, की मूल्य वृद्धि के तरीकों पर चर्चा करने के लिए बैठक आयोजित की गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने इन कच्चे माल/इंटरमीडिएट्स के आयात के विकल्प को तलाशने के लिए भारत की आवश्यकता पर जोर देने, पीसीपीआईआर के मौजूदा इकोसिस्टम को मजबूत करने, क्रैकर प्लांट में निवेश को प्रोत्साहन, और विशेष रसायनों को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र की औद्योगिक क्षमता का लाभ उठाने पर जोर दिया, जिससे माननीय प्रधान मंत्री के "आत्मनिर्भर भारत" के दृष्टिकोण को साकार किया जा सके।

डॉ. मांडविया ने ऐसे कच्चे/शुरुआती सामग्री/इंटरमीडिएट पदार्थों की पहचान करने के लिए एक संयुक्त कार्य बल गठित करने का निर्देश दिया जो अधिक आयात किए जाते हैं और देश में पेट्रोलियम उद्योगों/रिफाइनरियों के बाइ-प्रोडक्ट के मूल्यवर्धन के माध्यम से इन रसायनों का उत्पादन करने की क्षमता है। उन्होंने अन्य संबंधित हितधारकों के साथ तालमेल बनाकर रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

कार्य बल फार्मास्युटिकल और एग्रोकेमिकल उद्योगों सहित विशेष रसायनों में कई मूल्य श्रृंखला अनुप्रयोगों वाले महत्वपूर्ण इंटरमीडिएट्स और कच्चे माल की पहचान करने के लिए जिम्मेदार होगा।

कार्य बल अनुसंधान और विकास के माध्यम से समाधान की पहचान करके और सरकार को सुझाव देकर व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए मिल जुल कर काम करेगा। संयुक्त कार्यबल के काम काज को अंजाम देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग केन्द्रीय विभाग होगा।

संयुक्त कार्यबल प्रौद्योगिकी के विकास को भी सुगम बनाएगा और इसे उद्योग को हस्तांतरित करेगा।

डॉ. मांडविया ने यह भी निर्देश दिया कि भारत को रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कार्यबल चरणबद्ध तरीके से महत्वपूर्ण रसायनों को प्राथमिकता देगा  ।

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