वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
आहार 2022 में डीपीआईआईटी द्वारा स्थापित जीआई पैवेलियन में 25 उत्पाद प्रदर्शित किए गए
सीआईपीएएम तथा ट्राईफेड द्वारा खाद्य उत्पाद एवं पेय पदार्थ प्रदर्शित किए गए
प्रदर्शित किए गए उत्पादों द्वारा जीआई लोगो तथा टैगलाइन ‘‘ अतुल्य भारत के अमूल्य खजाने ‘‘ को बढ़ावा दिया जा रहा है
Posted On:
30 APR 2022 5:57PM by PIB Delhi
भारत में भौगोलिक संकेतक संवर्धन को प्रोत्साहित करने के उद्वेश्य से, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ( डीपीआईआईटी ) ने 26 अप्रैल से 30 अप्रैल 2022 तक पांच दिनों के लिए जीआई पैवेलियन की स्थापना को सुगम बनाया। इस कार्यक्रम ने एक व्यापक मंच के तहत भारतीय परंपरा, संस्कृति तथा उद्यमशील कार्यकलापों को प्रदर्शित करने का एक अवसर प्रस्तुत किया। देश भर से 25 जीआई उत्पादों को इस मेले में प्रदर्शित किया गया।
बड़ी संख्या में व्यापार आगंतुकों ने आहार 2022 का अवलोकन किया जिसससे जीआई धारकों को संपर्क स्थापित करने तथा उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने में सहायता मिली। इसमें शीर्ष रैंक वाले होटल उद्योग, रेस्तरां, कैटरिंग उद्योग/संस्थानों, आयातकों, खरीदारों/वितरकों को फूड, आवभगत तथा उपकरण सेक्टर शामिल थे जिन्हें सर्वश्रेष्ठ उत्पादों को सोर्स करने में सहायता मिली। आगंतुकों में एक बड़ी संख्या सीईओ, प्रबंध निदेशकों, महाप्रबंधकों जैसे वरिष्ठ प्रबंधन, पेशेवरों की भी थी।
आहार 2022 में जीआई पैवेलियन ने जीआई धारकों को न केवल उनके उत्पादों के लिए एक मंच उपलब्ध कराया बल्कि उन्हें व्यवसायों से संपर्क स्थापित करने में भी सहायता की। ‘‘ खाद्य उत्पाद एवं पेय पदार्थ ‘‘ श्रेणी के तहत स्थापित डीपीआईआईटी के अंतर्गत एक संस्थान, आईपीआर संवर्धन एवं प्रबंधन प्रकोष्ठ ( सीआईपीएएम ) द्वारा हॉल संख्या 2 में स्थित एक 280 वर्ग मीटर का जीआई पैवेलियन में प्रदर्शनी के रूप में मिठाइयों, मसालों, अनाजों तथा फलों जैसे खाद्य उत्पादों के रेंज में जीआई के रूप में पंजीकृत चुने हुए कृषि संबंधी/ खाद्व उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। जिन उत्पादों को प्रदर्शित किया गया, उनमें महाराष्ट्र से सांगली की किशमिश तथा सोलापुर के अनार, तमिलनाडु से इरोड की मंजल हल्दी, केरल से नवारा के चावल तथा पालाक्कदन का मट्टा, आंध्र प्रदेश से बांदार के लड्डु तथा अन्य राज्यों के विभिन्न उत्पाद शामिल थे। भारतीय जनजातीय सहकारी संघ विपणन विकास संघ ( ट्राईफेड ) ने भी इस प्रदर्शनी में भाग लिया जिसके द्वारा नागा मिर्चा, चक हाओ चावल, असम चाय ( पारंपरिक ) जैसे जनजातीय समुदायों के जीआई उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
ये प्रदर्शनियां राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय दोनों ही प्रकार के संपर्कों के लिए एक मंच उपलब्ध कराते हुए जीआई के प्रभावी बांडिंग को सुगम बनाने तथा जीआई संवर्धन करते हुए जीआई लोगो तथा टैगलाइन ‘‘ अतुल्य भारत के अमूल्य खजाने ‘‘ को रेखांकित करने के उद्वेश को पूरा करेंगी। इसलिए , यह भारत के पंजीकृत जीआई ब्रांड पहचान के लिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लोकप्रिय बनाने के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में सिद्ध हो रहा है। इसके अतिरिक्त, इस पर एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में विचार करते हुए ऐसा अनुमान लगाया गया कि यह कार्यक्रम विभिन्न देशों में जीआई को बढ़ावा देगा।
भारत का भौगोलिक संकेतक कृषि, प्राकृतिक, विनिर्मित वस्तुओं, खाद्य पदार्थ तथा हस्तशिल्प सहित कई प्रकार के उत्पादों पर गर्व करता है। जीआई एक विशिष्ट क्षेत्र, इलाके या स्थान पर में उत्पन्न या विनिर्मित होते हैं और जहां एक निश्चित गुणवत्ता, प्रतिष्ठा या ऐसी वस्तुओं के अन्य लक्षण अनिवार्य रूप से उनके भौगोलिक मूल के कारण जुड़े होते हैं। वर्तमान में 390 जीआई पंजीकृत हैं और पंजीकरण कराने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही है।
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एमजी/एएम/एसकेजे
(Release ID: 1821718)
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