विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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गुजरात के मुख्यमंत्री ने भारत की तकनीकी ताकत का दोहन करने के लिए सीएसआईआर और आईक्रिएट के बीच समझौता ज्ञापन को सुगम बनाया

Posted On: 25 APR 2022 5:59PM by PIB Delhi

समझौता ज्ञापन यानी एमओयू से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और विश्व स्तरीय स्टार्ट-अप्स खड़ा करने में मदद मिलेगी।

 

  • आईक्रिएट सीएसआईआर के नवाचारों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए चुनिंदा सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में नए स्टार्ट-अप इनक्यूबेटर स्थापित करने में मदद करेगा।
     

· सीएसआईआर आईक्रिएट के स्टार्ट-अप्स को अपने उपकरणों, सुविधाओं के साथ-साथ वैज्ञानिक मानवशक्ति तक पहुंच प्रदान करेगा
 

· सीएसआईआर और आईक्रिएट देश के सामने बड़ी चुनौतियों का समाधान करने के लिए तकनीकी नवाचार-आधारित वाणिज्यिक समाधान तैयार करने को लेकर संयुक्त रूप से काम करेंगे
 

  • सीएसआईआर अभिनव स्टार्ट-अप को वित्तीय रूप से मदद करने देने के नए तरीकों की खोज करेगा

    गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के की अध्यक्षता में आज गुजरात सरकार के प्रमुख प्रौद्योगिकी इनक्यूबेटर - आईक्रिएट (इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड टेक्नोलॉजी) और भारत सरकार के प्रमुख अनुसंधान और विकास निकाय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। आईएएस अधिकारी डॉ राजीव कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव, उद्योग और खान विभाग और अध्यक्ष, आईक्रिएट एवं आईएएस अधिकारी डॉ राहुल गुप्ता, उद्योग आयुक्त, गुजरात सरकार उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे।

 

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समझौता ज्ञापन यानी एमओयू के तहत सीएसआईआर और आईक्रिएट देश में उद्यमियों और नवोन्मेषकों के लिए संयुक्त संसाधन उपलब्ध करके भरोसेमंद तकनीकी स्टार्ट-अप के लिए एक सहयोगी समर्थन प्रणाली स्थापित करने का विचार है। इस साझेदारी से वैज्ञानिक नवाचार और उच्च तकनीक स्टार्ट-अप की विपणन क्षमता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

इसके अलावा, आईक्रिएट चिन्हित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में नए इन्क्यूबेटरों को स्थापित करने में मदद करेगा। ऐसे स्टार्ट-अप सीएसआईआर के उपकरण, सुविधाओं और वैज्ञानिक मानवशक्ति का उपयोग करेंगे। सीएसआईआर उभरते उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए बौद्धिक संपदा सहायता प्रदान करेगा और भारत के अभिनव स्टार्ट-अप को वित्तीय रूप से समर्थन देने के तरीकों का पता लगाएगा।

आईक्रिएट वास्तविक जरूरों को चिन्हित करने के लिए अपने मजबूत उद्योग संपर्कों और बाजार संबंधों का भी लाभ उठाएगा जिससे सीएसआईआर वैज्ञानिकों द्वारा वैज्ञानिक नवाचार के माध्यम से उनका समाधान किया जा सके। इस प्रकार सीएसआईआर से पैदा होने वाले नवाचारों का तेजी से व्यावसायीकरण होगा।

आईक्रिएट के सीईओ अनुपम जलोटे ने कहा, ’’यह एक बहुत शक्तिशाली गठबंधन है जिसका विकास किया जा रहा है - सीएसआईआर प्रयोगशालाओं को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है और उनकी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता विश्व स्तरीय है। आईक्रिएट दक्ष और बाजार से जुड़ा हुआ है - ये दो लक्षण बहुत अच्छी तरह से तालमेल बिठाते हैं, और मुझे विश्वास है कि यह भारत को वैश्विक ज्ञान-संचालित अर्थव्यवस्था में बदलने में मदद करेगा। नवोदित उद्यमियों को अपने अनुसंधान एवं विकास की विशेषज्ञता और तकनीकी ज्ञान की समझ के क्षेत्र के आधार पर आईक्रिएट के लिए सलाहकार के रूप में सीएसआईआर के वैज्ञानिकों को शामिल किया जा सकता है।’’
डॉ. शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर ने कहा, ’’हमें एक सहयोगी वातावरण बनाने के लिए आईक्रिएट के साथ साझेदारी करने पर गर्व है जहां ज्ञान को मूल्यवान बनाने का कार्य तेज होगा। विचारों, ज्ञान और विशेषज्ञता के मूल्यवान आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के साथ-साथ देशभर में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के सीएसआईआर के प्रयासों में यह एक और कदम है।

आईक्रिएट और सीएसआईआर के एक साथ आने से कई हितधारकों के बीच नए तालमेल के परिणामस्वरूप स्टार्ट-अप के लिए नए अवसर खुलने की उम्मीद है। आईकिएट ने 2012 में अपनी स्थापना के बाद से सभी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में स्टार्ट-अप्स को तेजी से विकास करने और बड़े पैमाने पर विकास को रफ्तार देने में मदद की है। सीएसआईआर के सहयोग से आईक्रिएट की सोच भारत के मजबूत नवोन्मेषी स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को मदद करने और इसे गति प्रदान करने की है।


आईक्रिएट के संबंध में:


आईक्रिएट (इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड टेक्नोलॉजी) गुजरात सरकार का एक स्वायत्त उत्कृष्टता केंद्र है और तकनीकी नवाचार पर आधारित स्टार्ट-अप को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए भारत का सबसे बड़ा संस्थान है। अहमदाबाद के देव धोलेरा स्थित 40 एकड़ के इस अत्याधुनिक परिसर में अब तक इसने 412 से अधिक नवाचारों और उच्च स्तर के 30 पेटेंट, एंटरप्रेन्योर फस्र्ट मॉडल को समर्थन दिया है, जो उन्हें परामर्शकर्ता, बाजार और धन से जोड़ता है।
इलेक्ट्रिक वाहन, एग्रीटेक, स्मार्ट सिटी, हेल्थ, टेक, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे अन्य क्षेत्रों में अंतर्निहित प्रणाली और आईओटी आईकिएट के फोकस क्षेत्र हैं। यह भारत में सिस्को की सबसे बड़ी नवाचार प्रयोगशाला का ठिकाना है और अमेरिका, इजराइल एवं अन्य देशों के प्रमुख संस्थानों के साथ इसकी साझेदारी है।

अधिक जानने के लिए, कृपया देखें:www.icreate.org.in

 

सीएसआईआर के बारे में:


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास और औद्योगिक ज्ञान के आधार के लिए चर्चित वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) एक समकालीन अनुसंधान एवं विकास संगठन है। सीएसआईआर के पास 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 आउटरीच सेंटर्स, एक इनोवेशन कॉम्प्लेक्स और अखिल भारतीय उपस्थिति रखने वाली तीन इकाइयों का एक सक्रिय नेटवर्क है। वर्तमान में, सीएसआईआर की अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञता और अनुभव 4193 वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक व तकनीकी कर्मियों द्वारा समर्थित 3439 सक्रिय वैज्ञानिकों में सन्निहित है। सीएसआईआर के पास 8366 भारतीय पेटेंट और 7806 विदेशी पेटेंट का पेटेंट पोर्टफोलियो है।
सीएसआईआर समुद्र विज्ञान, भू-भौतिकी, रसायन, दवाओं, जीनोमिक्स, जैव प्रौद्योगिकी और नैनो प्रौद्योगिकी से लेकर खनन, वैमानिकी, इंस्ट्रूमेंटेशन, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करता है। यह सामाजिक प्रयासों से संबंधित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान करता है, जिसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवास, ऊर्जा, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मानव संसाधन विकास में सीएसआईआर की भूमिका उल्लेखनीय है।

 

अधिक जानने के लिए, कृपया देखें:https://www.csir.res.in/

 

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अर्चना थॉमस

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