आयुष
प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखी
भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली जीवन को समग्र रूप से समझने का विज्ञान है - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
ग्लोबल सेंटर की स्थापना से तालमेल और सहयोग बढ़ेगा, डब्ल्यूएचओ के सभी सदस्य देशों को लाभ मिलेगा : श्री सर्बानंद सोनोवाल
Posted On:
19 APR 2022 8:22PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जामनगर, गुजरात में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) की आधारशिला रखी। समारोह में मॉरीशस के प्रधान मंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस ने भाग लिया। आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) गुजरात के जामनगर में दुनिया का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (डब्ल्यूएचओ जीसीटीएम) स्थापित कर रहे हैं।
इस अवसर पर संबोधन हुए माननीय प्रधान मंत्री ने कहा, "डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन इस क्षेत्र में भारत के योगदान और क्षमता को मिली मान्यता दिखाता है। भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली केवल उपचार तक ही सीमित नहीं है। यह जीवन को समग्र रूप में समझने का विज्ञान है। भारत इस साझेदारी को पूरी मानवता की सेवा के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में लेता है।"
माननीय प्रधान मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि दुनिया आज स्वास्थ्य देखभाल पहुंचाने के नए आयामों की तलाश कर रही है। उन्होने साथ ही कहा "मुझे खुशी है कि 'वन प्लैनेट अवर हेल्थ' का नारा देकर डब्ल्यूएचओ ने 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के भारतीय दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है। यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में चुना गया है।"
इस समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केन्द्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण एवं रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया,राज्य मंत्री आयुष मंत्रालय डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई कालूभाई और आयुष मंत्रालय और गुजरात सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन पूरे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। समारोह में प्रसारित रिकॉर्डेड वीडियो संदेश के माध्यम से बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के प्रधान मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया।
इस अवसर पर, डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा, “पारंपरिक दवाओं के उत्पाद विश्व स्तर पर प्रचुर मात्रा में हैं और केन्द्र पारंपरिक चिकित्सा के वादे को पूरा करने में एक लंबा सफर तय करेगा। नया केन्द्र आंकड़ों, नवाचार और निरंतरता पर ध्यान केंद्रित करेगा और पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग का अधिकतम फायदा उठाएगा। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के लिए डब्ल्यूएचओ वैश्विक केंद्र वास्तव में एक वैश्विक परियोजना है। इस केंद्र के माध्यम से भारत पारंपरिक चिकित्सा के अपने ज्ञान को दुनिया तक ले जा सकेगा और इसी तरह दुनिया भारत तक पहुंचेगी। उन्होंने भारत में इस केंद्र की स्थापना में मदद के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
समारोह में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “भारत प्राचीन काल से पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को इतिहास में दर्ज किया गया है और उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए , भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा लगातार केंद्रित प्रयास किए गए हैं। ग्लोबल सेंटर की स्थापना इस क्षेत्र में तालमेल और सहयोग लाने का एक प्रयास है, जिससे सभी सदस्य देशों को लाभ होगा।"
माननीय आयुष मंत्री ने कहा कि, आयुष मंत्रालय, भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनकी उत्कृष्ट पहल और डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन को जामनगर, गुजरात में एक वास्तविकता बनाने में उनके निरंतर मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, "हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, योग, आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक दवाओं का ज्ञान दुनिया के साथ साझा किया जा रहा है और यह वैश्विक नागरिकों के संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए उपयोगी बन गया है। 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' का संस्कृत सूत्र, जो कि "सभी का कल्याण" है, उपचार के इस समग्र तरीके से पूरा होगा"
डब्ल्यूएचओ जीसीटीएम का मुख्य उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का अधिकतम इस्तेमाल करना और दुनिया भर के समुदायों के संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करना है। केन्द्र पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को उजागर करेगा और इसके सुरक्षित और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी प्रगति का उपयोग करेगा।
भारत के गुजरात के जामनगर में भारत का डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का अपना अंतरिम कार्यालय गुजरात के आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) में होगा। इस केन्द्र को भारत सरकार की ओर से लगभग 25 करोड़ डॉलर की निवेश सहायता मिलेगी।
स्वास्थ्य देखभाल को पहुंचाने में पारंपरिक चिकित्सा एक प्रमुख स्तंभ है और ये न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हाल के वर्ष में, पारंपरिक चिकित्सा उपचारों ने भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, तकनीकी नवाचारों के उपयोग के रूप में एक बड़ा परिवर्तन देखा है, जिसने इसे जनता के लिए अधिक सुलभ बना दिया है। जीसीटीएम का लक्ष्य पारंपरिक चिकित्सा के लाभों को आधुनिक विज्ञान की उपलब्धियों के साथ एकीकृत करना और एक व्यापक स्वास्थ्य रणनीति तैयार करना है।
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