स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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डॉ. मनसुख मंडाविया ने आयुष्मान भारत- स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) पर टेली-कंसल्‍टेशन सेवाओं के संचालन की स्थिति की समीक्षा के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एबी-एचडब्ल्यूसी की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर 16 से 22 अप्रैल 2022 तक पूरे सप्‍ताह 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत कार्यक्रम आयोजित करेगा

17 अप्रैल को योग के अलावा 18 से 22 अप्रैल तक 1 लाख से अधिक एबी-एचडब्ल्यूसी में ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य मेलों का आयोजन होगा, मेले में टीबी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दवा एवं जांच के साथ बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं और संबंधित स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ टेली-कंसल्‍टेशन की सुविधा उपलब्‍ध होगी

Posted On: 12 APR 2022 7:24PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एचडब्‍ल्‍यूसी) के संचालन, टेली-परामर्श सेवाओं की स्थिति और ईसीआरपी-II के तहत भौतिक एवं वित्‍तीय प्रगति की समीक्षा करने के लिए आज सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के जरिये आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की चौथी वर्षगांठ समारोह के लिए तैयारी के लिए मार्गदर्शन भी किया और राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से सुझाव आमंत्रित किए।

डॉ. मंडाविया ने टेली-कंसल्‍टेशन डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि ई-संजीवनी प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। कई राज्यों में लोग ई-संजीवनी के फायदे को समझने लगे हैं और इससे स्वास्थ्य सेवाओं के इस डिजिटल माध्‍यम को व्यापक तौर पर तेजी से अपनाने के लिए एक उत्साहजनक प्रवृत्ति दिख रही है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीज इस अभिनव डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हुए रोजाना डॉक्टरों और विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए टेली-परामर्श सेवाएं काफी महत्वपूर्ण हैं और ये सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में काफी सहायक हैं। उन्‍होंने कहा कि राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को सभी हितधारकों को कुशलतापूर्वक सेवाएं प्रदान करने और उन्हें प्रभावी तौर पर प्रमुख स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों से जोड़ने के लिए प्रोत्‍साहित करना चाहिए।

मंत्री ने राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को एबी-एचडब्ल्यूसी स्वास्थ्य मेलों के बारे में तत्‍काल सक्रियता के साथ जागरूकता फैलाने की सलाह दी। सभी एचडब्ल्यूसी में 17 अप्रैल को आयोजित होने वाले योग सत्रों के अलावा 18 से 22 अप्रैल तक इन मेलों का आयोजन किया जाएगा ताकि लोग उसमें आसानी से भाग ले सकें और अपने क्षेत्र में प्रदान की जाने वाली एचडब्ल्यूसी सेवाओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। योग शरीर को मन और आत्मा से जोड़ता है। यह हमारे स्वास्थ्य एवं कल्‍याण का अभिन्न हिस्‍सा है। उन्होंने कहा कि हमें लोगों के बीच योग को बढ़ावा देना चाहिए ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके। टीम इंडिया के रूप में काम करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि एक सरकार के तौर पर हमें अपने नागरिकों की बेहतर तरीके से सेवा करने और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए 'संपूर्ण सरकार' और 'समग्र समाज' के दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने में सरकार ने जिस तरह मिशन मोड में काम किया है वह इसका एक प्रमुख उदाहरण है।

 

एबी-एचडब्ल्यूसी और चौथी वर्षगांठ का आयोजन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की बजटीय प्रतिबद्धता को हासिल करने के लिए भारत सरकार ने फरवरी 2018 में 1,50,000 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की स्थापना करने की घोषणा की थी।

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मौजूदा उप-स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपयुक्‍त बदाव किया जा रहा है ताकि सभी नागरिकों को उनके दरवाजे तक मुफ्त व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सके। एबी-एचडब्ल्यूसी चयनात्मक से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक प्रमुख बदलाव है जिसमें प्रोत्साहन, निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वास और उपशामक देखभाल शामिल हैं। ये सेवाएं रोग केंद्रित से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक और पूरे समाज के दृष्टिकोण पर आधारित हैं। साथ ही ये सेवाएं 'सभी के लिए स्वास्थ्य' के दृष्टिकोण के साथ क्षेत्रीय सहयोग के अनुरूप हैं।

इस यात्रा की शुरुआत 14 अप्रैल 2018 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के एक गांव जंगला में पहले एबी-एचडब्ल्यूसी के उद्घाटन के साथ शुरू हुई थी। तब से हर गुजरते साल के साथ भारत एबी-एचडब्ल्यूसी के जरिये सार्वभौमिक स्‍वास्‍थ्‍य कवरेज के सपने को साकार करने के करीब है। राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र के समेकित एवं सहयोगात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप मार्च 2022 के अंत तक देश भर में 1,10,000 के लक्ष्य के मुकाबले 1,17,440 एबी-एचडब्ल्यूसी का संचालन किया जा रहा है।

 

'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत एबी-एचडब्ल्यूसी की चौथी वर्षगांठ का आयोजन- 16 अप्रैल 2022

माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल, 2018 को आयुष्मान भारत स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण केंद्र को सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्‍ध कराने के उद्देश्य से लॉन्‍च किया गया था जो 14 अप्रैल, 2022 को अपना चौथा वर्ष पूरा करने जा रहा है। इसी संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एबी-एचडब्ल्यूसी, टेली-मेडिसिन/ टेली-कंसल्‍टेशन संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत एक सप्ताह तक चलने वाले समारोहों का आयोजन कर रहा है। ये कार्यक्रम 16 अप्रैल से शुरू होंगे और 22 अप्रैल, 2022 को समाप्त होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय आदि प्रमुख मंत्रालय के सहयोग से देश भर में सभी 1.17 लाख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों पर ब्लॉक स्‍तरीय स्‍वास्थ्‍य मेलों का भी आयोजन करेगा। इन एबी-एचडब्ल्यूसी को ई-संजीवनी टेली-परामर्श सेवाओं से जोड़कर बेहतर बनाया जा रहा है जिसके तहत सभी को मुफ्त एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है।

पहले दिन यानी 16 अप्रैल 2022 को समारोह का सीधा प्रसारण होगा और इसके जरिये 75,000 से अधिक एबी-एचडब्ल्यूसी में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा टीम के सदस्य टेली-कंसल्‍टेशन के जरिये सेवा प्राप्‍त करने वाले लोगों से जुड़ेंगे। इस आयोजन के दौरान भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन कैडर (पीएचएमसी) दिशानिर्देश भी जारी किए जाएंगे। सबसे अधिक टेली-कंसल्टेशन सेवाएं दर्ज करने वाले शीर्ष तीन राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को सम्‍मानित किया जाएगा। ये राज्य टीबी मुक्त भारत अभियान में अच्छा प्रदर्शन करने के साथ-साथ दिसंबर 2022 के लक्ष्य पहले ही हासिल कर चुके हैं।

 

एबी-एचडब्ल्यूसी में योग सत्र- 17 अप्रैल 2022

दूसरे दिन यानी 17 अप्रैल 2022 को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत सभी एबी-एचडब्ल्यूसी में योग सत्र आयोजित किए जाएंगे ताकि एबी-एचडब्ल्यूसी में सेवा प्रावधान के तहत स्वास्थ्य एवं कल्याण के एकीकरण के महत्‍व को उजागर किया जा सके।

 

ब्लॉक स्वास्थ्य मेला- 18 अप्रैल 2022 से 22 अप्रैल 2022

पूरे देश में 18 अप्रैल 2022 से राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक जिले के कम से कम एक ब्लॉक में एबी-एचडब्ल्यूसी पर ब्लॉक स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक ब्लॉक स्वास्थ्य मेला एक दिन के लिए होगा और राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक को कवर किया जाएगा

 

ब्‍लॉक स्‍वास्‍थ्‍य मेलों के तहत निम्‍नलिखित की परिकल्‍पना की गई है-

1. आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) जैसे विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करना।

2. प्रतिभागियों के लिए एबीडीएम के तहत विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी बनाने की सुविधा।

3. पात्र नागरिकों के लिए एबी-पीएम-जेएवाई के तहत आयुष्मान भारत कार्ड के प्रावधान को सुगम बनाना।

4. विभिन्न संचारी एवं गैर-संचारी रोगों की रोकथाम के लिए लोगों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना।

5. इनोवेटिव मास मीडिया और मिड-मीडिया गतिविधियों जरिये जनता स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी वर्ताव को अपनाने के लिए प्रेरित करना।

6. शीघ्र निदान के लिए स्क्रीनिंग, दवा एवं जांच सुविधा के साथ बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं, संबंधित स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ टेली-कंसल्‍टेशन और आवश्‍यक होनेपर रेफरल सुविधा उपलब्‍ध कराना।

 

स्वास्थ्य मेला में निम्‍नलिखित प्रमुख सेवाएं प्रदान की जाएंगी:

  1. परामर्श, जांच और उपचार के लिए: 

क. प्रजनन बाल स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं - मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन आईईसी-परिवार कल्याण, प्रजनन संबंधी बीमारियां/ यौन संचारित बीमारियां/ एड्स।

ख. एनसीडी संबंधित: उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के लिए जांच, योग, ध्यान एवं जीवन शैली संबंधी परामर्श, तंबाकू एवं शराब बंद करने के लिए परामर्श और कैंसर की रोकथाम के लिए जागरूकता।

ग. संचारी रोग संबंधित: टीबी, कुष्ठ रोग, त्वचा की देखभाल के लिए जागरूकता एवं जांच।

. आंखों की देखभाल: दृष्टि दोष और मोतियाबिंद संबंधी जांच।

. ईएनटी संबंधी जांच।

च. दंत चिकित्‍सा संबंधी परामर्श।

 

  1. सामान्‍य:
  • आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता बनाना (डिजिटल स्वास्थ्य आईडी)
  • आयुष्मान भारत कार्ड जारी करना
  • सामान्य स्वास्थ्य जांच, विशेषज्ञों के साथ टेली-कंसल्टेशन
  • भारतीय चिकित्सा पद्धति- आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथी के चिकित्सकों के साथ परामर्श
  • मेला में भाग लेने वाले रोगियों को सभी प्रासंगिक दवाएं एवं जांच नि:शुल्क उपलब्ध कराना
  • जागरूकता गतिविधियां: प्रदर्शनी- सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों और नागरिक सेवाओं को प्रदर्शित करना
  • क्षेत्रीय प्रचार- स्थानीय लोक कला और नाटक का उपयोग करना

 

बैठक के दौरान उपस्थित राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों में श्री धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), श्री मंगल पांडे (बिहार), श्री राजेश टोपे (महाराष्ट्र), श्री ब्रजेश पाठक (उत्तर प्रदेश), डॉ. प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश) और डॉ. के. सुधाकर (कर्नाटक) शामिल थे। स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव श्री राजेश भूषण, एएस एवं एमडी श्री विकास शील, संयुक्‍त सचिव श्री विशाल चौहान एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एनएचएम मिशन निदेशकों और राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के अन्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

 

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