सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार  से दिव्यांगता से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा करने के लिए  ऑस्ट्रेलिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की


ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार और ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच दिव्यांगता से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन को लागू करने में हुई प्रगति की सराहना की

डॉ. वीरेंद्र कुमार ने समुदाय आधारित समावेशी विकास (सीबीआईडी) कार्यक्रम पर छह महीने का पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए मेलबर्न विश्वविद्यालय और डीईपीडब्ल्यूडी की सराहना की

दोनों पक्ष पुनर्वास के क्षेत्र में पाठ्यक्रम/मॉड्यूल विकसित करने के लिए जिसमें मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास भी शामिल है,  एक कार्यबल के गठन पर भी सहमति

Posted On: 04 APR 2022 8:01PM by PIB Delhi

एक ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने जिसमें मेलबर्न विश्वविद्यालय के अधिकारी भी शामिल थे, आज दिव्यांगता क्षेत्र में सहयोग और भविष्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार से उनके कार्यालय में मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल में प्रोफेसल माइकल वेस्ले, उप कुलपति, प्रोफेसर एम अशोक कुमार, सहायक उप कुलपति, प्रोफेसर एम ओ'ब्रायन, डीन विज्ञान संकाय, प्रोफेसर नैथन ग्रिल्स और सुश्री लिसा सिंह मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ऑस्ट्रेलिया- इंडिया इंस्टीट्यूट ने  दिव्यांगता क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार और ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच 22 नवंबर, 2018 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन की प्रगति पर  मुख्य रूप से चर्चा की।  ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने समझौता ज्ञापन को लागू करने में अब तक हुई प्रगति की सराहना की।

उपरोक्त एमओयू में शामिल सहयोग के क्षेत्रों में अन्य बातों के साथ-साथ दिव्यांगता नीति और सेवाओं का वितरण, दिव्यांगता की रोकथाम के लिए शीघ्र पहचान और मदद, सामुदायिक पहुंच, शिक्षा और प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और दिव्यांगता क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना शामिल है। मेलबर्न विश्वविद्यालय एमओयू के कार्यान्वयन के लिए ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग, नई दिल्ली द्वारा नामित ऑस्ट्रेलियाई पक्ष की कार्यान्वयन एजेंसी है।

डॉ. वीरेंद्र कुमार ने समुदाय आधारित समावेशी विकास (सीबीआईडी) कार्यक्रम पर छह महीने के पाठ्यक्रम को विकसित करने में मेलबर्न विश्वविद्यालय और डीईपीडब्ल्यूडी के योगदान की सराहना की, जिसे तब से देश भर के 16 संस्थानों में पायलट आधार पर शुरू किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि एक बार जब राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) पूरी तरह कार्यात्मक हो जाता है, तो मेलबर्न विश्वविद्यालय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आदान-प्रदान के माध्यम से संस्थान के क्षमता विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी माना कि एनआईएमएचआर और मेलबर्न विश्वविद्यालय दोनों मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए संयुक्त अनुसंधान और मॉडल एवं मानक संचालन प्रक्रिया विकसित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।

दोनों पक्ष पुनर्वास क्षेत्र में जिसमें मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास भी शामिल है पाठ्यक्रम/मॉड्यूल विकसित करने के लिए एक कार्यबल के गठन पर भी सहमत हुए हैं। डीईपीडब्लूडी के तहत राष्ट्रीय संस्थान भी एमओयू के तहत मेलबर्न विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करेंगे।

सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी, सुश्री अंजलि भावरा और उनकी टीम जिसमें संयुक्त सचिव श्री राजेश यादव और श्री राजीव शर्मा  और अन्य अधिकारी शामिल थे, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के दौरान उपस्थित रहे।

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