भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय

पूर्वी दिल्ली के न्यू जाफराबाद में विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क का उद्घाटन


यह पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के सहयोग से भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की परियोजना है

Posted On: 28 MAR 2022 1:09PM by PIB Delhi

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय के वेस्ट टू वेल्थ मिशन, पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के सहयोग से 29 मार्च, 2022 को न्‍यू जाफराबाद, पूर्वी दिल्ली में नगर पालिका ठोस अपशिष्‍ट के ऑनसाइट प्रसंस्‍करण के लिए विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क का उद्घाटन कर रहा है। इसका उद्देश्य दोहराये जाने वाले जीरो वेस्‍ट और जीरो ऊर्जा के उद्देश्य से एक मापनीय (स्‍केलेबल) ऑनसाइट प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी पार्क की स्‍थापना करना है।

कार्यक्रम

समय

विवरण

प्रात: 11:00 बजे

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का आगमन

प्रात: 11: 05 बजे

उद्घाटन/उद्घाटन समारोह

प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार और ईडीएमसी के आयुक्त की बातचीत

प्रात: 11:10 बजे

प्रौद्योगिकी 1 - अपशिष्ट पृथक्करण इकाई

प्रात: 11:15 बजे

प्रौद्योगिकी 2 - एमआरएफ और गैसीफायर

प्रात: 11:20 बजे

प्रौद्योगिकी 3 - प्लाज्मा पायरोलिसिस इकाई

प्रात: 11:25 बजे

प्रौद्योगिकी 4 - अपशिष्ट जल उपचार इकाई

प्रात: 11:30 बजे

प्रौद्योगिकी 5 – तैरते हुए अपशिष्ट को हटाने की तकनीक

हॉल कार्यक्रम

प्रात: 11:35 बजे

स्वागत

प्रात: 11:40 बजे

मिशन निदेशक, वेस्ट टू वेल्थ मिशन का संबोधन

प्रात: 11:45 बजे

नगर आयुक्त, ईडीएमसी द्वारा संबोधन

प्रात: 11:50 बजे

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का संबोधन

प्रात: 11:55 बजे

धन्यवाद प्रस्ताव

 

परियोजना पृष्ठभूमि

पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में 64 वार्डों में 469 कॉलोनियाँ हैं जो दिल्ली की लगभग 23.5% आबादी का प्रतिनिधित्‍व करती हैं और यहां औसतन लगभग 2000 टन एमएसडब्ल्यू (प्रत्येक वार्ड से लगभग 30 टीपीडी) पैदा होता हैं। जाफराबाद ढलाव में कई खुले डंपिंग स्‍थलों को 10 टन प्रतिदिन ताजा कचरा प्राप्‍त होता है जो 22,000 व्यक्तियों (पूर्वी दिल्ली वार्ड का 28 प्रतिशत) द्वारा उत्पन्न कचरे के बराबर है और यह बिना पृथक्‍कीकरण और संसाधित ही गाजीपुर लैंडफिल में सीधे भेजा जाता है। हालांकि एसडब्ल्यूएम नियम 2016 में अपशिष्ट प्रसंस्करण के अधिदेश का उल्लेख है लेकिन प्रौद्योगिकियों और भूमि की उपलब्धता की कमी के कारण, शहरी स्थानीय निकाय इस दृष्टिकोण का पालन करने में सक्षम नहीं हैं।

शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वेल्थ मिशन (www.wastetowealth.gov.in) ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के सहयोग से न्यू जाफराबाद में विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना की है। प्रौद्योगिकी पार्क एक पायलट परियोजना है, जो अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक सिरे से दूसरे सिरे तक समाधान प्रदान करती है, इसके अलावा यह नगरपालिका ठोस अपशिष्‍ट के अर्ध-स्वचालित अलगाव से लेकर साइट पर संघनन और कचरे के उपचार के लिए खुले ढलाव के विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रसंस्करण के रूपांतरण को भी प्रदर्शित करती है। यह विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क 10 टन प्रति दिन क्षमता के साथ लगभग 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र (वर्तमान में खुले डंपिंग या द्वितीयक संग्रह स्थल के लिए उपयोग किया जाने वाला क्षेत्र) को कवर करता है।

टेक्नोलॉजी पार्क में, 10 टीपीडी नगरपालिका कचरे का पृथक्‍कीकरण और उपचार किया जाएगा जिसके परिणामस्वरूप इसकी प्रमात्रा में कमी आएगी और इससे 1 टीपीडी कम्पोस्टेबल फ्रैक्शंस, 2 टीपीडी ज्वलनशील फ्रैक्शंस, 1.5 टीपीडी रिसाइकिलेबल में रूपांतरित किया जाएगा। हैंडलिंग और परिवहन के लिए मात्रा को कम करने हेतु यहां एक अपशिष्ट संघनन इकाई भी है। दहनशील कचरे को तब साइट पर संसाधित किया जाएगा, जिससे केवल 5-10 प्रतिशत कचरा ही लैंडफिल तक पहुंचेगा। आने वाले एमएसडब्‍ल्‍यू के अलावा, निकटवर्ती 52-क्यूसेक नाले से तैरने वाले कचरे को भी एकत्र किया जाएगा और साइट पर संसाधित किया जाएगा। इससे यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत शहरी स्थानीय निकायों के एसडब्ल्यूएम अनुपालन और लैंडफिल साइटों पर लोड को कम करने के लिए, सेटअप और निपटान करने के लिए नई भूमि खरीदारी किए बिना ही सुनिश्चित करेगा। कचरे की विकेन्‍द्रीकृत प्रोसेसिंग कचरे की ढुलाई में कमी लाने के अतिरिक्‍त लाभ के साथ "जीरो लैंडफिल" की दिशा में एक कदम है।

विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क में तैनात प्रौद्योगिकियां

विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क में आने वाले ताजा कचरे के वन-स्टॉप समाधान के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ निम्‍नलिखित पांच प्रौद्योगिकियों को इस स्‍थल पर स्‍थापित किया है:

  1. 'एक्‍सेपर' (मैसर्स ई3 वेस्ट सॉल्यूशंस, पंजाब द्वारा) - एक स्वदेशी अर्ध-स्वचालित तकनीक है जो आ रहे ताजे मिश्रित नगरपालिका ठोस कचरे को खाद, पुन: प्रयोज्य, दहनशील और निष्क्रिय घटकों में अलग करती है।

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पृथक्‍कीरण और संसाधित करने के लिए खुले डंपसाइट को एक्सेपर द्वारा हटा दिया गया है।

  1. 'प्लाज्मा पायरोलिसिस यूनिट' (आईआईटी दिल्ली द्वारा) - पर्यावरण के अनुकूल घटकों में ऑक्सीजन कमी वाले वातावरण में कार्बनयुक्त सामग्री के थर्मल विघटन के लिए लगाई गई है।

 

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  1. इनवायरो-राइज आर-ए 1100' (मैसर्स डीईएसएमआई इंडिया एलएलपी द्वारा) – प्रौद्योगिकी पार्क स्थल के नजदीक रहने वाले 52 क्यूसेक नाले से तैरते हुए ठोस कचरे को हटाने के लिए डेनमार्क की प्रौद्योगिकी।

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  1. 'गैसीफायर' (मैसर्स जीडी एनवायर्नमेंटल प्राइवेट लिमिटेड, महाराष्ट्र द्वारा) - नगरपालिका के ठोस कचरे (कोविड-19 कचरे सहित) के गैसीकरण और ऊर्जा में संभावित रूपांतरण के लिए 150 किलोग्राम/घंटा संयंत्र

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5.   जोहकासो एसटीपी (मैसर्स डाइकी एक्सिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली द्वारा) - 52 क्यूसेक नाले में बहने वाले अपशिष्ट जल के उपचार, रिसाइक्लिंग और पुन: उपयोग के माध्यम से साइट पर परिचालन और गैर-पीने योग्य पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक विकेन्द्रीकृत सीवेज उपचार तकनीक।

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 प्रौद्योगिकी पार्क के लाभ:

  1. विकेन्द्रीकृत ऑन-साइट अपशिष्ट प्रसंस्करण
  2. न्यूनतम भूमि की आवश्यकता
  3. ऑनसाइट अपशिष्ट उपचार, प्रसंस्करण, संघनन और ऊर्जा में रूपांतरण की संभावना
  4. सैकेंड्री अपशिष्ट परिवहन लागत को कम करना
  1. जीरो लैंडफिल की ओर कदम बढ़ाना
  2. भारत के विभिन्न शहरों में इसका विस्‍तार और दोहराव

विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क का लक्ष्य जीरो-वेस्‍ट, जीरो-एनर्जी और जीरो लैंडफिल है। इस पायलट योजना के सफल प्रदर्शन से इस मॉडल को पूरे भारत के शहरों, कस्बों और गांवों में दोहराया जा सकेगा।

अधिक जानकारी के लिए https://www.wastetowealth.gov.in/ पर जाएं या contact.wastetowealth@investindia.org.in पर ईमेल करें।

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