नागरिक उड्डयन मंत्रालय
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय को गणतंत्र दिवस 2022 के लिए 'सर्वश्रेष्ठ झांकी' ट्रॉफी से नवाजा गया


झांकी में क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) - उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) को प्रदर्शित किया गया था

Posted On: 21 MAR 2022 8:22PM by PIB Delhi

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) को आज 'सर्वश्रेष्ठ झांकी' ट्रॉफी से नवाजा गया। पुरस्कार समारोह का आयोजन मंत्रालय में ही रक्षा मंत्रालय (एमओडी) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) के अधिकारियों के एक छोटे से प्रतिनिधिमंडल के साथ किया गया।

इस कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव श्री राजीव बंसल, संयुक्‍त सचिव श्रीमती उषा पाधी, अवर सचिव श्री उमेश कुमार भारद्वाज, उप सचिव श्री मृत्युंजय शर्मा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मीडिया प्रकोष्‍ठ से श्री राहुल शर्मा, महाप्रबंधक (कॉरपोरेट कम्‍युनिकेशंस) श्री जेबी सिंह, भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण (एएआई) से रजनी गुप्‍ता और रक्षा मंत्रालय में अवर सचिव श्री सुमित गखर उपस्थित थे।

 

नागरिक उड्डयन मंत्रालय को ट्रॉफी के अलावा प्रशंसा प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। गणतंत्र दिवस 2022 में ऐसा पहली बार हुआ है जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी ने भाग लिया और अपनी पहली भागीदारी पर 'सर्वश्रेष्ठ मंत्रालय/ केंद्रीय मंत्रालय की झांकी' का पुरस्‍कार हासिल किया।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी में क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)- उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) और इससे होने वाले फायदे को प्रदर्शित किया गया। मंत्रालय द्वारा परिकल्पित और एएआई द्वारा कार्यान्वित इस योजना का उद्देश्य आर्थिक तौर पर टिकाऊ और किफायती तरीके से क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाना है।

 

साल 2016 में शुरू की गई उड़ान योजना का उद्देश्य बेहतर विमानन बुनियादी ढांचे और टियर II एवं टियर III शहरों में हवाई संपर्क के साथ उड़े देश का आम नागरिक के दृष्टिकोण का पालन करते हुए आम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है। लगभग 5 वर्षों की छोटी सी अवधि में आज 409 उड़ान मार्ग 66 अंडरसर्व्ड/ असर्व्‍ड हवाई अड्डों को जोड़ते हैं जिसमें हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम शामिल हैं। इसे अब तक 90 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। उड़ान योजना से पहाड़ी राज्यों, पूर्वोत्‍तर क्षेत्र और द्वीपों सहित अखिल भारतीय स्‍तर पर कई क्षेत्रों काफी लाभान्वित हुए हैं।

विमान के आकार की इस झांकी में सामने की ओर महिला पायलटों को दर्शाया गया था ताकि भारतीय विमानन में महिला शक्ति का चित्रण किया जा सके क्योंकि भारत महिला वाणिज्यिक पायलटों में वैश्विक स्‍तर पर सबसे आगे है। झांकी के पिछले हिस्‍से में बौद्ध धर्म का प्रतीक और उड़ान का आदर्श वाक्य- सब उड़ें, सब जुड़ें को दर्शाया गया था। मध्य भाग में बुद्ध सर्किट को दर्शाया गया था जिसमें गया में भगवान बुद्ध की मूर्ति जहां उन्‍हें ज्ञान प्राप्‍त हुआ था, धमेख स्तूप, सारनाथ जहां उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया (धर्मचक्र परिवर्तन) था और महापरिनिर्वाण स्तूप, कुशीनगर जहां उन्होंने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था, शामिल थे। झांकी के मध्य भाग के दोनों किनारों में विरासत स्थलों को दर्शाया गया था- उत्तर से हुमायूं का मकबरा, पूर्व में कोणार्क सूर्य मंदिर, दक्षिण में हम्पी मंदिर रथ और पश्चिम में अजंता की गुफाएं जो हवाई सेवाओं से जुड़ी हैं।

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