नीति आयोग
कर्नाटक की 21 प्रेरणादायी महिलाओं ने नीति आयोग के वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड्स का पांचवां संस्करण जीता
भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में 75 महिलाएं सम्मानित हुईं
Posted On:
23 MAR 2022 5:03PM by PIB Delhi
इस वर्ष, भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्सव मनाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, 75 महिलाओं को डब्ल्यूटीआई पुरस्कार प्रदान किए गए। इन 75 पुरस्कार विजेताओं में से कर्नाटक राज्य की 21 महिलाओं को सम्मानित किया गया।
अन्य विजेताओं के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें:
1. अलीना आलम, बेंगलुरु, मिट्टी सोशल इनिशिएटिव्स फाउंडेशन
मिट्टी कैफे, कैफे की एक श्रृंखला है जो शारीरिक, बौद्धिक तथा मानसिक दिव्यांगता वाले वयस्क व्यक्तियों को प्रायोगिक प्रशिक्षण तथा रोजगार प्रदान करती है। इसकी स्थापना अलीना आलम द्वारा समावेशिता तथा दिव्यांगता अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक लोकसंपर्क (आउटरीच) पहल के रूप में की थी। पूरे भारत में, 16 से अधिक कैफे के साथ विशेष आवश्यकताओं वाले सैकड़ों वयस्कों ने चार वर्ष की अवधि में 5 मिलियन से अधिक भोजन परोसा है। वे विशेष क्षमताओं वाले व्यक्तियों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र, आत्म विश्वासी बनाने तथा एक गरिमापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के जरिये उन्हें सक्षम तथा सशक्त बना रहे हैं।
मिट्टी कैफे विशेष योग्यताओं वाले व्यक्तियों को उत्पादक कार्यकलापों में शामिल करने के द्वारा उनकी प्रचुर क्षमता का दोहन कर रहा है।
2. नेहा सतक, बेंगलुरु, एस्ट्रोम टेक्नोलॉजिज प्रा. लिमिटेड
नेहा सतक एक सीरियल उद्यमी तथा एक शोधकर्ता हैं जो एस्ट्रोम ट्रांसपोंडर्स कैरी करने वाले सैटेलाइट का उपयोग करके स्पेस से इंटरनेट को बीम करना चाहती हैं। उनका डीप टेक स्टार्टअप अपने पैटंटीकृत मिलीमीटर वेव ई-बैंड रेडियो और सेटैलाइट कम्युनिकेशन उत्पादों के माध्यम से 5जी और बैकहॉल कम्युनिकेशन अवसंरचना की तैनाती में तेजी ला रहा है। एस्ट्रोम को भारत तथा वैश्विक बाजारों में दूरसंचार अवसंरचना पर उसके प्रभाव के लिए कई सारे पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। यह उद्यमियों की सहायता करने के लिए अनुसंधान तथा कॉरपारेट की दुनिया के एक साथ आने का एक बड़ा उदाहरण है।
भारत के प्रमुख आर एंड डी स्कूल, भारतीय विज्ञान संस्थान में इंक्यूबेट किए गए एस्ट्रोम को सिस्को, एनालौग डिवाइसिज़ तथा आईईएसए जैसे संगठनों द्वारा समर्थन प्राप्त है।
3. हार्दिका शाह, बेंगलुरु, किनारा कैपिटल
हार्दिका शाह ने वंचित उद्यमियों की सहायता करने के अपने विजन को भारत में लघु व्यवसाय उधारी कुप्रथा को बाधित करने के लिए किनारा कैपिटल लांच करने के जरिये साकार किया। उनके विजन तथा नेतृत्व के तहत, किनारा एमएसएमई सेक्टर में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ा रही है। इसने वृद्धिशील आय सृजन में 700 करोड़ रुपये का प्रभाव डाला है और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में 250,000 से अधिक रोजगारों की सहायता की है। एआई/एमएल डाटा प्रेरित क्रेडिट निर्णय के साथ, यह एमएसएमई को संपाश्र्विक मुक्त ऋण प्रदान करती है। उनका प्रमुख ‘‘माईकिनारा” ऐप 24 घंटे संवितरण का वादा करता है जबकि ‘‘हरविकास” प्रोग्राम महिला उद्यमियों को ऑटोमैटिक डिस्काउंट प्रदान करता है।
भारत में छोटे व्यवसाय उद्यमियों को संपाश्र्विक मुक्त त्वरित और लचीला ऋण प्रदान करने के जरिये किनारा कैपिटल ने जीवनों, आजीविकाओं तथा स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को रूपांतरित कर दिया है।
4. जो अग्रवाल, बेंगलुरु, टचकिन ईसर्विसेज प्रा. लिमिटेड (वायसा)
जो अग्रवाल ने अवसाद से अपने खुद के संघर्ष के बाद 2016 में चैटबोट ‘वायसा’ लांच किया। उन्होंने संज्ञानात्मक व्यवहार प्रशिक्षण, जो सीखे जाने वाला एक कौशल है, की शक्ति को महसूस किया। ‘वायसा’ नाम एलिजा से आया है जो अभी तक सृजित किया गया ऐसा पहला चैटबोट था। पांच वर्ष तथा 700 पुनरावृत्तियों के बाद, वायसा ने 4 मिलियन से अधिक लोगों की सहायता की है जिनमें से अधिकांश के पास कोई अन्य मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध नहीं थी। वायसा से बात करने के बाद, लोगों ने बदलाव के जो सैकड़ों और हजारों कहानियां साझा की हैं, वे व्यक्तिगत रूप से टीम के लिए सबसे सार्थक सीख रही है। वायसा प्रौद्योगिकी का लाभ उठा करके तथा व्यक्तिगत रूप से कनेक्ट करने के जरिये मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान कर रही है तथा जीवनों में बदलाव ला रही है।
5. विक्टोरिया जोसलिन डीसूजा, बेंगलुरु, स्वच्छ इको सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड
2008 में श्रीमती विक्टोरिया जोसलिन डीसूजा द्वारा स्थापित स्वच्छ अपशिष्ट प्रबंधन के निरंतर बदलते परिदृश्य में अंतर लाने के एक मिशन पर आधारित है। कर्नाटक का पहला सूखा अपशिष्ट प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने के लिए उनका बेंगलुरु नगर निगम (बीबीएमपी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) है। इसके जरिये रिसाइक्लिंग के लिए बेंगलुरु के 54 से अधिक वार्डों में सूखे कचरे का संग्रह अभियान चलाया गया है। स्वच्छ की टीम सुनिश्चित करती है कि वे अपशिष्ट प्रबंधन उद्योग से संबंधित रुझानों, विनियमों तथा अनुपालन का ट्रैक कभी भी न खोएं। लैंडफिल से अभी तक 28,871 टन कचरे को सफलतापूर्वक डायवर्ट किया जा चुका है।
स्वच्छ प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वच्छ, हरित तथा टिकाऊ भविष्य का वादा करता है।
6. अनुराधा पारेख, बेंगलुरु, विकारा सर्विसेज प्रा. लिमिटेड (द बेटर इंडिया)
अनुराधा पारेख ने लाखों भारतीयों को समस्या का हिस्सा बने रहने के बजाये समाधान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया है। उनकी पहल ‘द बेटर इंडिया’ ने पाठकों को अपने खुद के तरीके से चेंजमेकर बनने में सशक्त बनाते हुए सूचना, जागरूकता तथा उम्मीद तक पहुंच सुलभ कराई है। उदाहरण के लिए, यह उन कहानियों को साझा करती है जिन्होंने सरकारी नीतियों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, किसानों की गरीबी दूर की है, शहरी झुग्गी झोपड़ियों के स्कूलों को फंड दिलाने में सहायता की है, गांवों में पानी और स्वच्छता लाने में मदद की है। उन्होंने देश में मीडिया परिदृश्य को चुनौती दी है तथा निराशा और अवसाद के माहौल को बदल कर प्रेरक और कार्योन्मुखी वातावरण में परिवर्तित कर दिया है। द बेटर इंडिया उन लोगों की मानसिकता को बदल रही है जो खुद को समस्या का हिस्सा समझते हैं बजाये उनके जो खुद को समाधान का हिस्सा मानते हैं।
7. छाया नंजप्पा, मांड्या, नेक्टर फ्रेश
छाया नंजप्पा एक ग्रामीण सामाजिक उद्यमी हैं और उनका ब्रांड नेक्टर फ्रेश पिछले 13 वर्षों से जनजातियों, ग्रामीण समुदायों तथा छोटे किसानों को सशक्त बनाता रहा है। आज, नेक्टर फ्रेश ‘गुणवत्ता’ का पर्यायवाची बन चुका है और गुणवत्ता के प्रति सजग बाजारों के लिए एक पसंदीदा ब्रांड बन चुका है। इसने स्थानीय समुदायों में निवेश किया है और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उत्पादों का विनिर्माण करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया है। एक फार्म गेट प्रोसेसिंग यूनिट के रूप में, इसने अनगिनत किसानों को अपनी ऊपज खराब होने से बचाने में मदद की है। स्थानीय किसानों तथा पैकेजिंग सामग्रियों के स्थानीय विनिर्माताओं की सहायता करने की छाया की पहल ने उन्हें नेक्टर फ्रेश की लागत में कमी करते हुए उन्हें काफी मदद की। गुणवत्तापूर्ण उत्पादों में एक मार्केट लीडर बन चुका नेक्टर फ्रेश एक मजबूत व्यावसायिक नैतिकता के सख्त अनुपालन के माध्यम से एक मजबूत उपस्थिति का निर्माण कर रहा है। वे छोटे किसानों की मदद करने तथा जनजातीय तथा ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के अपने मूलभूत मूल्य का पालन करते हैं।
8. ऋचा सिंह, बेंगलुरु, योरदोस्त हेल्थ सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड
ऋचा के इंजीनियरिंग दिनों के एक मित्र द्वारा आत्महत्या कर लेने के कारण उसे खो देने के व्यक्तिगत नुकसान ने उनके दिमाग में एक टेक-आधारित अनाम समाधान का निर्माण करने के विचार को जन्म दिया। उनकी कंपनी योरदोस्त भारत के सबसे बड़े इमोशनल वेलनेस (भावनात्मक कल्याण) प्लेटफॉर्म में से एक है। अपने समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से, यह व्यक्ति विशेष, टीम तथा नेतृत्व स्तर पर युक्तियां उपलब्ध कराता है जिससे कि एक सहानुभूतिपूर्ण तथा उच्च निष्पादन वाली संस्कृति का सृजन किया जा सके। यह टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म 900 से अधिक मनोवैज्ञानिकों तथा कोचों को 1 पर 1 के लिए काउंसलिंग, स्वयं सहायता टूल्स, प्रशिक्षण, मूल्यांकन आदि के लिए एक्सेस प्रदान करता है।
योरदोस्त एक अधिक प्रसन्न तथा स्वस्थ भारत का निर्माण करने के मिशन पर है जो एक समय में एक मुस्कराहट से कई और मुस्कराहटों पर केंद्रित है।
9. पूजा शर्मा गोयल, बेंगलुरु, बिल्डिंग ब्लौक्स लर्निंग सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड
बिल्डिंग ब्लौक्स लर्निंग सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड ने अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी कौशलों का उपयोग करते हुए नवोन्मेषण के लिए बच्चों और स्कूलों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। एक सह-संस्थापक के रूप में, पूजा लंबे समय से अनुभवजन्य शिक्षा के लिए अग्रणी शख्सियत रही है जो बच्चों को समस्या का समाधान करने वाला, निर्माता, निर्माणकर्ता बनने के लिए प्रेरित करती है जो वास्तविक दुनिया की जटिल समस्याओं का हल निर्भीक तरीके से करते हैं। ब्रांड नाम आविष्कार के तहत उनके किट्स तथा पाठ्यक्रम कंप्यूटेशनल थिंकिंग, मेकैनिकल डिजाइन तथा डिजाइन थिंकिंग जैसे 21वीं सदी के कौशलों को सीखने में 5 से 18 वर्ष के बीच के बच्चों की सहायता करते हैं। वे एक शक्तिशाली वर्चुअल रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहे हैं जो भारत में प्रत्येक बच्चे को इन महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी कौशलों को सीखने में सक्षम बनाएगा। आविष्कार टीम का मानना है कि हर युवा जिज्ञासु बच्चे के भीतर एक नवोन्मेषक छुपा होता है और वे नवोन्मेषकों की अगली पीढ़ी का सृजन करने में मदद करते हैं।
10. नीलम छिब्बर, बेंगलुरु, इंडस ट्री क्राफ्ट्स फाउंडेशन
समाज के सबसे निर्बल समुदायों की महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन पर काम करते हुए, नीलम छिब्बर ने इंडस ट्री की सह-स्थापना की। उनका काम भारतीय और वैश्विक कारगर विनिर्माण प्रणालियों को अगली पुनरुत्पादक अर्थव्यवस्था के लिए निर्णायक के रूप में पुनर्परिभाषित कर रहा है। यह स्थायी आजीविकाओं के लिए एक स्व-स्वामित्व वाले परितंत्र का सृजन करने के लिए एक अनुभवजन्य मॉडल की रणनीति बनाता है। इस मॉडल ने उनके कौशल का लाभ उठाने तथा उन्हें सृजनात्मक सेक्टर में समेकित करने के जरिये गैर-कृषि व्यवसायों में कारीगरों की आय में तिगुनी वृद्धि कर दी है। उनकी पहुंच भारत तथा अफ्रीका में 500,000 लोगों तक पहुंच चुकी है तथा आइकिया, फ्यूचर ग्रुप, फैबइंडिया आदि में 58 मिलियन डॉलर के संचयी बाजार का निर्माण किया है।
इंडस ट्री ऐसी दुनिया की परिकल्पना करता है जिसमें लाखों उत्पादक पुनरुत्पादक उत्पादन प्रक्रियाओं के भीतर सतत आजीविकाओं का निर्माण करने के द्वारा गरीबी से बाहर निकल जाते हैं।
11. सुचेता भट, बेंगलुरु, ड्रीम ए ड्रीम
सुचेता 2007 में एक स्वयंसेवक के रूप में ड्रीम ए ड्रीम में शामिल हुई। इन वर्षों में, उन्होंने संगठन के परिमाण और रणनीतिक दिशा को प्रेरित किया है। आज, ड्रीम ए ड्रीम की सीईओ के रूप में, वह एक युवा व्यक्ति की यात्रा की समझ को एक अद्वितीय गहराई के साथ आगे बढा़ती हैं। उन्होंने नए समग्र कैरीकुलम को लागू करने, शिक्षक प्रशिक्षण/अध्ययन अभ्यासों, को रूपांतरित करने, सीखने के लिए शैक्षणिक दृष्टिकोण को परिवर्तित करने, मुख्य पाठ्यक्रम ढांचे को फिर से डिजाइन करने में मदद की है तथा शिक्षा के मूल उद्देश्य के रूप में ‘प्रत्येक बच्चे के लिए एक संपन्न जीवन’ की दिशा में मानसिकता को बदलने के लिए परितंत्र को प्रेरित किया है। इससे भारत में 3 मिलियन से अधिक बच्चों तक पहुंचने में मदद मिली है।
ड्रीम ए ड्रीम एक अकादमिक केंद्रित शिक्षा मॉडल को एक व्यक्तिगत, परिप्रेक्ष्य के अनुकूल मॉडल की दिशा में परिवर्तन लाने के लिए काम कर रहा है। यह समानता, गरिमा तथा समावेश सुनिश्चित करने की दिशा में काम करता है।
12. मयूरा बालासुब्रमणियन, बेंगलुरु, क्राफ्टीजेन फाउंडेशन
मयूरा के पास प्रचालनगत दक्षता में सुधार लाने तथा विभिन्न चैनलों में मार्केटिंग में सक्षम बनाने के लिए सोर्सिंग, जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण और डिजाइन विकास से समस्त हैंडीक्राफ्ट वैल्यू चेन में विशेषज्ञता है। उसकी कंपनी क्राफ्टीजेन शहरी, ग्रामीण तथा जनजातीय क्षेत्रों में बौद्धिक दिव्यांगता तथा वंचित महिलाओं के साथ वयस्कों सहित जिनके पास मुख्यधारा आय अर्जित करने की सुविधा नहीं है, समाज के वंचित वर्गों को कौशल प्रदान करती है। वह सभी शिल्प मूल्य श्रृंखला में सहायता उपलब्ध कराती है।
क्राफ्टीजेन ने 30 से अधिक विभिन्न शिल्प कौशलों से 250 से अधिक अनूठे डिजायन विकसित किए हैं तथा बंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता तथा लखनऊ में 2,500 से अधिक लाभार्थियों को प्रभावित किया है।
क्राफ्टीजेन के पास शिल्प आधारित आजीविकाओं, कस्टमाइज्ड मर्केन्डाइज सॉल्यूशन, कार्यशालाओं तथा कर्मचारी नियुक्ति के लिए सीएसआर कार्यक्रमों सहित पहलों की एक श्रंखला है। क्राफ्टीजेन भारतीय शिल्प तथा शिल्प कौशलों को संरक्षित तथा विकसित करने की परिकल्पना करती है जिससे कि वे हमारे सांस्कृतिक तानेबाने का एक अभिन्न अंग बने रह सकें।
13. अक्षिता सचदेव, बेंगलुरु, ट्रेस्टल लैब्स प्रा. लिमिटेड
अक्षिता सचदेव अपनी कंपनी ट्रेस्टल लैब्स में सहायक प्रौद्योगिकी समाधान का निर्माण कर रही है जो दृष्टिबाधित लोगों को 60 से अधिक वैश्विक भाषाओं में किसी भी प्रकार की मुद्रित, हस्तलिखित और डिजिटल सामग्री को सुनने, अनुवाद करने और डिजिटाइज करने में सहायता करती है। उनके प्रमुख नवोन्मेषी उत्पाद किबो में तीन उत्पाद-किबो मोबाइल ऐप, किबो एक्सएस डिवाइस तथा किबो डेस्क वेब सॉफ्टवेयर शामिल है जो जीवनशैली, अध्ययन तथा यूजर के जीवन के आय संबंधी पहलुओं की पूर्ति करते हैं।
जुलाई 2019 में लांच किए गए, उनके उत्पाद स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और कार्यस्थलों को समावेशी बनाते हैं तथा 65 हजार से अधिक नेत्रहीन तथा दृष्टिबाधित व्यक्तियों को बेहतर शैक्षणिक तथा कार्यस्थल उत्पादकता के साथ सशक्त बनाते हैं।
ट्रेस्टल लैब्स नेत्रहीनों को चुनने का अधिकार कि वे क्या और कब एक्सेस करना, पढ़ना और सीखना चाहते हैं, और उस पर बिना निर्भर बने जो दुनिया उनके लिए सुलभ बना सकती है, देकर उन्हें सशक्त बना रही है।
14. डॉ. गायत्री वासुदेवन, बेंगलुरु, लेबर नेट सर्विसेज इंडिया प्रा. लिमिटेड
लेबर नेट की सह-संस्थापक तथा अध्यक्ष डॉ. गायत्री वासुदेवन वास्तव में एक दूरदर्शी हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान, जब महामारी अपने चरम पर थी, लेबर नेट ने 18,000 छात्रों के जीवन को प्रभावित किया जो अल्पावधि पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए प्रेरित हुए। 27,000 किशोर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए और 500 छात्रों ने बी. वोक प्रोग्राम में नामांकन कराया। आरपीएल के तहत 19,000 प्रमाण पत्र जारी किए गए, उनके प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत 3,000 लाभान्वित हुए, 2,000 उद्यमियों को प्रशिक्षण प्राप्त हुआ तथा 6 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया।
अनौपचारिक क्षेत्र में, व्यक्तियों की आय में सुधार लाने के मिशन के साथ, लेबर नेट सर्विसेज मूल रूप से शिक्षा, रोजगारपरकता तथा उद्यमिता के साथ टिकाऊ युक्तियों की रूपरेखा तैयार करती है।
15. डॉ. सुष्मिता मोहंती, बेंगलुरु, अर्थ2आर्बिट
डॉ. सुष्मिता मोहंती विश्व की एकमात्र अंतरिक्ष उद्यमी हैं जिन्होंने तीन विभिन्न महाद्वीप: अमेरिका, यूरोप तथा भारत पर कंपनियों की शुरुआत की है। उनका भारतीय वंचर अर्थ2आर्बिट (ई20) भारत का पहला अंतरिक्ष स्टार्ट अप है और इसने लगभग 420 बिलियन डॉलर के वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में भारत के प्रवेश में मदद की है। ई20 ने 1998 के अमेरिकी प्रतिबंध और कड़े निर्यात नियंत्रण व्यवस्था के बावजूद भारतीय पीएसएलवी राकेट के लिए अमेरिकी लांच बाजार को खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । 2019 में, डॉ. सुष्मिता को बीबीसी की 100 महिला पुरस्कार विजेताओं, जो एक महिला नेतृत्व वाले भविष्य को प्रेरित और प्रभावित कर रही थी, में से एक के रूप में चुना गया। 2017 में, डॉ. सुष्मिता फॉच्र्यून पत्रिका के आवरण पर दिखीं। वह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकीयों के लिए वल्र्ड इकोनोमिक फोरम ग्लोबल फ्यूचर काउंसिल की सदस्य हैं। अर्थ2आर्बिट नई पीढ़ी को स्वप्न देखने तथा सितारों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने के द्वारा वैश्विक मार्केट प्लेस में भारत के प्रवेश का नेतृत्व कर रहा है।
16. खुशबू अवस्थी, बेंगलुरु, मंत्रा सोशल सर्विसेज
खुशबू अवस्थी द्वारा सह-संस्थापित मंत्रा4चेंज एक गैर लाभकारी संगठन है जो पब्लिक स्कूलों में बच्चों के लिए एक समृद्ध शिक्षण अनुभव का सृजन करने के लिए प्रतिबद्ध है। टीम का दृढ़ विश्वास है कि प्रत्येक स्तर पर बिना सहयोग के शिक्षा में प्रणालीगत परिवर्तन असंभव है। उनका मिशन 2025 तक 1.5 लाख स्कूलों में टिकाऊ सुधार लाने के लिए शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी व्यक्तियों को सक्षम बनाना है। इसके लिए, उन्होंने राज्यों में स्कूल शिक्षा विभाग के साथ कार्यक्रमों को डिजाइन तथा कार्यान्वित किया है और प्रणालीगत रूपांतरण के विचार को आगे बढ़ाने के लिए समान विचार वाले एनजीओ के एक परितंत्र का निर्माण किया है।
मंत्रा बच्चों के लिए एक समृद्ध शिक्षण अनुभव को सक्षम बना रहा है, शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी व्यक्तियों को स्कूल में निरंतर सुधार लाने के लिए प्राथमिक सहायता कर रहा है।
17 अदिति अवस्थी, बेंगलुरु, इंडीविजुअल लर्निंग लिमिटेड (इम्बाइब)
इम्बाइब विश्व की पहली एडटेक कंपनी है जो वास्तव में शिक्षण तथा जीवन परिणाम प्रदान करती है। इसने एआई तथा अत्याधुनिक शैक्षणिक ढांचे का लाभ उठाते हुए प्रत्येक बच्चे को वास्तविक वैयक्तिकरण का अनुभव प्रदान करने में मदद करने के लिए तकनीक को शिक्षण में डाल दिया है। पिछले 9 वर्षों में, संस्थापक सुश्री अदिति अवस्थी की ओपेन एक्सेस की प्रतिबद्धता ने इम्बाइब को यह समझने के लिए अभूतपूर्व डाटा दिया है कि वास्तव में क्या काम करता है। यह प्लेटफॉम प्रत्येक शिक्षार्थी के लिए उनकी मातृभाषा में सभी के लिए सुलभ मूल्य बिन्दु पर व्यक्तिगत उपलब्धि यात्रा प्रदान करता है। इम्बाइब अपने आदर्श वाक्य ‘‘प्रत्येक बच्चा उपलब्धि हासिल करेगा” का पालन कर रहा है। इम्बाइब छात्रों को शिक्षण तथा जीवन परिणाम प्रदान करने के लिए एक आंदोलन है। यह शिक्षकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदान करने में भी सक्षम बनाता है।
18. मालिनी परमार, बेंगलुरु, रेक्के पर्सनल केयर प्रा. लिमिटेड (Stonesoup.in)
मालिनी परमार ने समुदायों पर कचरे के प्रभाव को कम करने के अपने जुनून के लिए स्टोनसूप की सह-संस्थापना की। एक गैर लाभकारी कंपनी के रूप में, जिसका उद्देश्य महिलाओं के लिए रोजगार पैदा करना है, इसकी शुरुआत सैनिटरी अपशिष्ट को समाप्त करने के साथ हुई। टीम एक परितंत्र प्रणाली में विश्वास करती है जहां स्वच्छ भारत अर्जित करने के लिए सरकार, कंपनियों तथा एनजीओ को एक साथ मिल काम करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने लैंडफिल से 12 मिलियन पैड डायवर्ट किए हैं और 10 टन गीला अपशिष्ट प्रतिदिन उनके कंपोस्टर में कंपोस्ट किया जाता है। स्टोनसूप लोगों को शून्य अपशिष्ट घर प्राप्त करने में सहायता करती है जो शून्य अपशिष्ट नगरों का निर्माण करेगी।
19. डॉ. स्वप्ना प्रिया के, बेंगलुरु, फार्म्स2फोर्क टेक्नालॉजिज प्रा. लिमिटेड
डॉ. स्वप्ना प्रिया के एक कृषि टेक कंपनी फार्म्स2फोर्क टेक्नालॉजिज प्रा. लिमिटेड की मुख्य प्रचालन अधिकारी हैं। उनका उद्देश्य निम्न मिट्टी नमी का पता लगाने तथा बहुत कम लागत पर किसानों को सचेत करने के लिए आनग्रांउड सेंसरों, सैटेलाइट तथा मौसम डाटा को मिश्रित करते हुए कृत्रिम आसूचना (एआई) तथा मशीन लर्निंग पर आधारित कम लागत वाले सिंचाई परामर्शी मॉडल का निर्माण करना है।
उनका मिशन धान, गन्ना, कपास, अंगूर, अनार तथा केला उपजाने वाले किसानों को एआई तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) द्वारा संचालित अपने अनुकूलित सिंचाई समाधान के साथ 30 प्रतिशत तक लाभ बढ़ाने एवं 50 प्रतिशत तक जल की बचत करने में सहायता करना है।
फार्म्स2फोर्क कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृत्रिम आसूचना तथा मशीन लर्निंग का उपयोग कर रही है।
20. राजोशी घोष, बेंगलुरु, हसुरा
हसुरा एक ओपेन सोर्स उत्पाद है जो तत्काल आपके डाटा पर बिल्ट इन अथोराइजेशन के साथ ग्राफक्यूएल या रेस्ट एपीआई उपलब्ध कराने के द्वारा डाटा एक्सेस में तेजी लाता है।
राजोशी हसुरा की सह-संस्थापक है जो भारत में पहला ओपेनसोर्स यूनिकॉर्न स्टार्टअप है और वह भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की पहली महिला संस्थापक भी है। हसुरा इस क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ने वाली ओपेनसोर्स परियोजनाओं में से एक है तथा इसे वैश्विक स्तर पर डेवलपर्स द्वारा 450 मिलियन बार से अधिक डाउनलोड किया गया है। हसुरा डेवलपर्स को तुरंत डाटा एक्सेस करने के लिए एपीआई प्राप्त करने में सक्षम बनाता है जिससे कि वे तेजी से मिशन के लिए महत्वपूर्ण एप्लीकेशनों का निर्माण कर सकें। हसुरा डाटा एक्सेस को तेज, सुरक्षित तथा परिमाणयोग्य बनाने के मिशन पर है। ऐसे विश्व की परिकल्पना करना जहां डेवलपर्स को विचार की गति से ऐप्लीकेशन बनाने में सक्षम बनाया जाता है।
21. सुगंधा सुकृतराज, बेंगलुरु, अम्बा
अशोक फेलो, सुगंधा सुकृतराज ने एक सामाजिक उद्यम अम्बा की संस्थापना की। यह अनंत कार्यात्मक संभावनाओं की खोज करते हुए मध्यम/गंभीर बौद्धिक रूप से दिव्यांग वयस्कों के बारे में प्रतिमानों/मानसिकताओं को बदलने पर ध्यान केंद्रित करता है। वे 475 एसीपीसी (अम्बा सर्टिफायड पार्टनर सेंटर) के भीतर प्रशिक्षण एवं रोजगार का निर्माण करने, संचालित करने तथा बनाये रखने के लिए एक परितंत्र का निर्माण रहे हैं। वे सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए इन व्यक्तिविशेषों के लिए शिक्षण तथा आय अर्जित करने के एक परितंत्र की दिशा में काम कर रहे हैं जिससे कि उन्हें वह सम्मान तथा स्वतंत्रता प्राप्त हो सके जिसके वे हकदार हैं।
अम्बा मध्यम से गंभीर बौद्धिक दिव्यांगता वाले वयस्कों के समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के जरिये उनकी क्षमता को अधिकतम बनाने के लिए काम करता है।
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एमजी/एएम/एसकेजे/एके
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