युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
बजट 2022-23 में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के लिए आवंटन में 97 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने 2022-23 के दौरान एनएसएस के बजट में भारी बढ़ोतरी के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया
Posted On:
04 FEB 2022 4:06PM by PIB Delhi
देश भर के युवाओं में व्यक्तित्व और नेतृत्व के गुणों के विकास और उन्हें राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों के लिए सामुदायिक सेवाओं से जोड़ने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 1,627 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एनएसएस को 15वें वित्त आयोग के चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान जारी रखने का फैसला किया है।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एनएसएस को जारी रखने की अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मंत्रालय और सभी हितधारकों की तरफ से, मैं एनएसएस की अवधि को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने के साथ-साथ बजट 2022-23 में इसके बजटीय आवंटन में 97 प्रतिशत की वृद्धि करके इसे प्रमुखता से आगे बढ़ानने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।”
एनएसएस युवा कार्यक्रम विभाग, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार की जारी केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है। इस योजना को स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र विकास के प्राथमिक उद्देश्य के साथ 1969 में शुरू किया गया था। एनएसएस का वैचारिक आधार महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है। बहुत उचित रूप से, एनएसएस का ध्येय वाक्य “स्वयं से पहले आप” है।
एनएसएस को देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में लागू किया गया है। एनएसएस के डिजाइन में यह परिकल्पना की गई है कि योजना के तहत शामिल प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान में कम से कम एक एनएसएस इकाई हो जिसमें सामान्य रूप से 100 छात्र स्वयंसेवक शामिल हों। उनका नेतृत्व कार्यक्रम अधिकारी (पीओ) के रूप में नामित शिक्षक द्वारा किया जाता है। प्रत्येक एनएसएस इकाई अपनी गतिविधियों के संचालन के लिए एक गांव या बस्ती को गोद लेती है। एक एनएसएस स्वयंसेवक को निम्नलिखित कार्य/ गतिविधियों का संचालन करना होता है :
नियमित एनएसएस गतिविधि : हर एनएसएस स्वयंसेवक को दो साल के लिए हर साल न्यूनतम 120 घंटे यानी कुल 240 घंटे सामुदायिक सेवाएं देनी होती हैं। यह कार्य आम तौर पर अध्ययन के घंटों के बाद या सप्ताहांत के दौरान एनएसएस इकाई या विद्यालय/ महाविद्यालय परिसर द्वारा गोद लिए गए गांवों/ बस्तियों में किए जाते हैं।
विशेष शिविर कार्यक्रम : हर एनएसएस इकाई छुट्टियों के दौरान कुछ स्थानीय समुदायों की भागीदारी के माध्यम से कुछ विशेष परियोजनाओं के साथ गोद लिए गए गांवों या शहरी बस्तियों में 7 दिन का विशेष शिविर आयोजित करती है। हर स्वयंसेवक को 2 साल की अवधि में एक बार एक विशेष शिविर में भाग लेना होता है।
संक्षिप्त में, एनएसएस स्वयंसेवक नियमित और विशेष शिविर से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक महत्व के मुद्दों पर काम करते हैं, जो समुदाय की आवश्यकताओं से जुड़े होते हैं। इन मुद्दों में (1) साक्षरता एवं शिक्षा, (2) स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषण, (3) पर्यावरण संरक्षण, (4) सामाजिक सेवा कार्यक्रम, (5) महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम, (6) आर्थिक विकास की गतिविधियों से जुड़े कार्यक्रम, (7) आपदाओं के दौरान बचाव और राहत आदि शामिल हैं।
एनएसएस के कुछ अन्य कार्यक्रमों में शामिल हैं- (1) राष्ट्रीय एकीकरण शिविर (एनआईसी) (2) राष्ट्रीय साहसिक शिविर कार्यक्रम (3) गणतंत्र दिवस पूर्व शिविर (4) गणतंत्र दिवस परेड शिविर (5) राष्ट्रीय उत्तर पूर्व महोत्सव (6) राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार।
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एमजी/एएम/एमपी
(Release ID: 1805648)