पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी ने प्रधानमंत्री गति शक्ति परियोजनाओं में हो रही प्रगति की जानकारी दी
जेएनपीए के अध्यक्ष ने कहा, “जेएनपीए-एसईजेड, चौथा कंटेनर टर्मिनल, अतिरिक्त लिक्विड कार्गो जेट्टी भारत में बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण को के विकास के लिए सहायक होंगे”
Posted On:
11 MAR 2022 3:39PM by PIB Delhi
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) ने आज मुंबई में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि उसने प्रधानमंत्री की 'गति शक्ति' की पहल के अनुरूप कई परियोजनाएं शुरू की हैं। मीडिया ब्रीफिंग में प्रधानमंत्री गति शक्ति-मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप इन विकास संबंधी परियोजनाओं की प्रगति और नतीजों के बारे में जानकारी दी गई।
गति शक्ति के उद्देश्य में योगदान देने वाली जेएनपीए की परियोजनाओं और इसकी विशेषताओं पर जोर देते हुए, जेएनपीए के अध्यक्ष, संजय सेठी ने कहा, “जेएनपीए-एसईजेड, चौथा कंटेनर टर्मिनल, अतिरिक्त लिक्विड कार्गो जेट्टी, आदि जैसी परियोजनाएं भारत में बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण और एक्जिम व्यापार को संचालन में आसानी के साथ और भी अधिक कुशल बनाना के लिए सहायक होंगी।” जेएनपीए देश का अग्रणी बंदरगाह है जो अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है। गति शक्ति के तहत ये परियोजनाएं राष्ट्र की सर्व-समावेशी प्रगति और विकास में योगदान देंगी।”
प्रधानमंत्री गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, जेएनपीए ने कोस्टल बर्थ, जेएनपीए एसईजेड, केंद्रीकृत पार्किंग प्लाजा, चौथा कंटेनर टर्मिनल, रोड चौड़ीकरण, वर्धा और जालना में ड्राई पोर्ट, रोपैक्स/आरओआरओ के लिए बर्थिंग सुविधा, कॉमन रेलयार्ड, अतिरिक्त तरल कार्गो जेट्टी आदि जैसी विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इन परियोजनाओं से एक्जिम व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
कॉन्फ्रेंस के दौरान, जेएनपीए ने परियोजनाओं की जानकारी देने के लिए एक वीडियो के जरिये प्रस्तुति दी, जिसके बाद जेएनपीए के अध्यक्ष के साथ एक सवाल-जवाब का सत्र आयोजित किया गया।
इस अवसर पर रेलवे, सीमा शुल्क, पीएसए मुंबई, आईपीआरसीएल, एनएचएआई कुंजी और जेएनपीटी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री गति शक्ति परियोजना का उद्देश्य लॉजिस्टिक लागत को कम करना, एक्जिम व्यापार को बेहतर बनाने के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास करना जिससे लागत और समय की बचत हो और देश में विकास की गति हो। इस पूरे पहल से देश के नागरिकों को फायदा मिले। यह देश के एकीकृत आर्थिक विकास में प्रमुख भूमिका निभाएगा। यह विकास के सात इंजनों-सड़क, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, मास ट्रांसपोर्ट सिस्टम, जलमार्ग और लॉजिस्टिक पर आधारित है।
नवी मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) भारत में प्रमुख कंटेनर हैंडलिंग बंदरगाहों में से एक है। इस पोर्ट की नींव 26 मई 1989 को डाली गई थी। अपने संचालन के तीन दशकों से भी कम समय में जेएनपीए बल्क-कार्गो टर्मिनल से देश में प्रमुख कंटेनर पोर्ट बन गया है। वर्तमान में जेएनपीए पांच कंटेनर टर्मिनल संचालित करता है: जवाहरलाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल (जेएनपीसीटी), न्हावा शेवा इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (एनएसआईसीटी), गेटवे टर्मिनल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (जीटीआईपीएल), न्हावा शेवा इंटरनेशनल गेटवे टर्मिनल (एनएसआईजीटी) और हाल ही में शुरू किया गया भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड (बीएमसीटीपीएल)। पोर्ट में सामान्य कार्गो के लिए एक शैडो वाटर बर्थ और एक अन्य लिक्विड कार्गो टर्मिनल भी है जिसका प्रबंधन बीपीसीएल-आईओसीएल कंसोर्टियम और नवनिर्मित तटीय बर्थ द्वारा किया जाता है।
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(Release ID: 1805274)
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