वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि वेंचर कैपिटलिस्ट स्टार्टअप इकोसिस्टम और देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं


आईवीसीए सरकार, स्टार्टअप, बाजार और उपभोक्ताओं के बीच एक सुनहरे सेतु का काम कर सकता है - श्री पीयूष गोयल

“वेंचर कैपिटलिस्ट आत्मनिर्भरता की प्रक्रिया में तेजी लाने और एक आत्मनिर्भर भारत बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं”: श्री गोयल

श्री गोयल ने वेंचर कैपिटलिस्टों से श्रेणी 2, श्रेणी 3 और श्रेणी 4 के शहरों और कस्बों पर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया

Posted On: 09 MAR 2022 9:38PM by PIB Delhi

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री  श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि वेंचर कैपिटलिस्टों ने भारत के स्टार्टअप की कहानी को आगे बढ़ाने और देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि वेंचर कैपिटलिस्ट नवाचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं और वैसे नए विचारों को सामने ला रहे हैं जोकि बेहद शानदार हैं।

श्री गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिए गए अपने मुख्य भाषण में कहा, “स्टार्टअप  इकोसिस्टम में वेंचर कैपिटलिस्टों और एंजेल निवेशकों की एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। मुझे याद है कि प्रधानमंत्री ने एक बार कहा था कि वर्तमान दशक भारत के लिए ‘तकनीक का दशक’ (टेक-एड) होने जा रहा है। और यह एक ऐसा दशक होगा जिसमें प्रौद्योगिकी और नवाचार भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को आगे बढ़ाएंगे, चाहे वह यूपीआई का मामला हो या कोविन का। आज हम पूरी दुनिया को यह दिखा रहे हैं कि भारतीय लोगों की क्षमताएं क्या हैं और कैसे हम एक अरब से अधिक लोगों के जीवन में व्यापक पैमाने पर परिवर्तन लाकर डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठा सकते हैं।”                  

श्री गोयल ने कहा कि आईवीसीए सरकार, स्टार्टअप, बाजार और उपभोक्ताओं के बीच एक सुनहरे सेतु का काम कर सकता है और नवाचार को बढ़ावा दे सकता है।

उन्होंने कहा, “भारत ने दुनिया के स्टार्टअप संबंधी मानचित्र में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है। हमारे पास 60,000 से अधिक स्टार्टअप हैं और मैं इसे भारत के भविष्य के डीएनए के रूप में देखता हूं।

वेंचर कैपिटल फंड्स से श्रेणी 3 और 4 के शहरों तक पहुंचने का आग्रह करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि स्टार्टअप एडवाइजरी काउंसिल यह मानती है कि भारत के दूरदराज के इलाकों में प्रतिभाओं का एक बड़ा भंडार है। उन्होंने कहा कि नवाचार की अगली लहर में घरेलू पूंजी बड़ी भूमिका निभा सकती है।

उन्होंने कहा, “अटल टिंकरिंग लैब्स एक अच्छा उदाहरण है। संपूर्ण इकोसिस्टम दिन दूनी और रात चौगुनी की दर से बढ़ने वाला है। जल्द ही विचार यह तय करेंगे कि कौन सी निधि (फंड) को साथ लेना है। विकल्पों के अभाव के कारण कम धनराशि वाले चेक ने कई अच्छे विचारों पर वर्चस्व जमा लिया है। हमें गंभीरता के साथ इन अच्छे विचारों के लिए कुछ साधनों को खोजना और इनके प्रति थोड़ी अधिक उदारता बरतनी चाहिए।”

श्री गोयल ने निवेशकों और पूंजी प्रदाताओं से निम्नलिखित चार बातों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया:

  • नवाचार और भविष्य की प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना
  • घरेलू पूंजी जुटाने की सुविधा प्रदान करना
  • आत्मनिर्भरता की प्रक्रिया में तेजी लाना: एक आत्मनिर्भर भारत
  • श्रेणी 2, श्रेणी 3 और श्रेणी 4 के शहरों और कस्बों पर ध्यान केन्द्रित करना

श्री गोयल ने कहा कि हम 400 अरब डॉलर के व्यापारिक माल के निर्यात के स्तर तक पहुंचने की कगार पर हैं।

उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि हमारे स्टार्टअप महत्वपूर्ण योगदान दें क्योंकि हम एक ट्रिलियन डॉलर के सामान और सेवाओं के निर्यात की ओर बढ़ रहे हैं।”

श्री गोयल ने कहा कि स्टार्टअप अमृतकाल में, यानी अगले 25 वर्षों में जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, एक निर्णायक भूमिका निभायेंगे।

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एमजी/एएम/आर

 



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