रक्षा मंत्रालय
दिल्ली महिला आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बीआरओ अधिकारियों को उनकी प्रेरणादायक सेवाओं के लिए सम्मानित किया
Posted On:
08 MAR 2022 6:31PM by PIB Delhi
प्रमुख आकर्षण
- बीआरओ ने अधिकारियों से लेकर अनियत भुगतान पर काम करने वाले मजदूर(कैजुअल पेड लेबर)(सीपीएल) तक बड़ी संख्या में महिलाओं को अपने कार्यबल में शामिल किया है
- बीआरओ ने 'लैंगिक तटस्थ दृष्टिकोण' और 'किसी भी रूप में भेदभाव के लिए जीरो टॉलरेंस (शून्य सहिष्णुता)' नीति को अपनाया है।
- संगठन में महिलाओं को विभिन्न कार्यों और क्षेत्रों में समान अवसर व भूमिकाएं दी जा रही हैं
- वर्ष 2021-22 में बीआरओ ने महिलाओं को स्वतंत्र नेतृत्व की भूमिकाएं देकर " नारी सशक्तिकरण' के उद्देश्य से महत्वपूर्ण सुधार किए
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने नई दिल्ली में 08 मार्च, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की चार महिला अधिकारियों को सम्मानित किया। इन्होंने प्रेरणादायक नेतृत्व कर अनुकरणीय मानक स्थापित किए हैं, इसलिए उन्हें 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
पुरस्कृत होने वालों में कार्यकारी अभियंता सुश्री वैशाली एस. हिवासे हैं, जो सड़क निर्माण कंपनी (आरसीसी) की कमान संभालने वाली पहली जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) महिला अधिकारी बनीं। उत्तराखंड के कठिन क्षेत्र में काम करते हुए उन पर बहुत ही प्रमुख जिम्मेदारी है। चुनौतीपूर्ण क्षेत्र और विपरीत मौसम वाले इस इलाके में मुनिसैरी-बगदियार-मिलम को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण भारत-तिब्बत सड़क निर्माण की जिम्मेदारी उन्हीं पर है।
पुरस्कार प्राप्त करने वाली दूसरी महिला हैं मेजर आइना राणा। वह न केवल आरसीसी की कमान संभालने वाली पहली भारतीय सेना की महिला अधिकारी बनीं बल्कि पहली ऑल वुमन आरसीसी की स्थापना भी की। इसमें उनके सभी प्लाटून कमांडर भी महिला अधिकारी हैं, जिससे महिलाओं को अपनी एक अलग पहचान बनाने में मदद मिलती है।
तीसरी महिला को यह सम्मान दिया गया है वह हैं कार्यकारी अभियंता ओबिंग टाकी। वह उत्तर-पूर्व क्षेत्र में एक अन्य आरसीसी की कमान संभाल रही हैं। उन्हें एक सर्व-महिला कार्यबल का गठन करने और बेली ब्रिज को डी-लॉन्च करने का कार्य सफलतापूर्वक करने का श्रेय दिया जाता है, यह काम अब तक केवल पुरुषों द्वारा ही किया गया है।
पुरस्कार प्राप्त करने वाली चौथी महिला हैं इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर की कर्नल नवनीत दुग्गल। वह बीआरओ में सबसे वरिष्ठ महिला अधिकारी हैं, जिन्हें हाल ही में कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया है। वह श्रीनगर में स्थित एक स्वतंत्र फील्ड वर्कशॉप का नेतृत्व कर रही हैं और उन पर भारी उपकरणों के रखरखाव की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर बोलते हुए डीजी बीआर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने बीआरओ की महिला सदस्यों की क्षमताओं पर विश्वास जताया। उन्होंने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में इन मजबूत इरादों वाली महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने में दिल्ली महिला आयोग के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि बीआरओ में महिला सशक्तिकरण सही मायने में उन क्षेत्रों में एक सोच परिवर्तन को शामिल करके हासिल किया गया है, जहां महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है। यह महिलाओं के साथ उचित सम्मान, गरिमा, निष्पक्षता और समानता के साथ व्यवहार और सबसे महत्वपूर्ण रूप से उन्हें विभिन्न संगठनात्मक कार्यों को निष्पादित करने के लिए पर्याप्त जिम्मेदारियों और संसाधनों के साथ सशक्त बनाने के द्वारा प्राप्त किया जाता है।
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने उन महिला मजदूरों की बेहतरी के लिए बीआरओ द्वारा की गई पहलों की भी बात की, जो अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके कठिन परिस्थितियों में काम करती हैं। सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के तहत उनकी बालिकाओं को शिक्षा देने और उनके स्वयं की आमदनी व दस्तावेजीकरण (प्रलेखीकरण) प्रबंधन में सहायता करती हैं।
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