कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मंत्री और आईआईपीए के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- एनडीए सरकार ने पिछले 8 वर्षों में सभी राज्यों के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्र पर विशेष जोर दिया है


डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईपीए, नई दिल्ली में जम्मू एवं कश्मीर के शहरी स्थानीय निकायों के मेयरों/अध्यक्षों और नगर आयुक्तों/मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के लिए शहरी शासन प्रणाली पर तीन दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन किया

2047 में जब भारत 100 साल का हो जाएगा, तब तक देश की लगभग आधी आबादी के शहरी क्षेत्रों में रहने की संभावना है: डॉ. जितेंद्र सिंह

जम्मू एवं कश्मीर में 2011 में 27% शहरी आबादी से बढ़कर आने वाले दशकों में आधी शहरी आबादी की ओर बढ़ रही है: डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 02 MAR 2022 6:31PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पिछले 8 वर्षों में सभी राज्यों के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्र पर विशेष जोर दिया है।

जम्मू-कश्मीर के शहरी स्थानीय निकायों के मेयरों/अध्यक्षों और नगर आयुक्तों/मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के लिए शहरी शासन प्रणाली पर तीन दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार इस साल के केंद्रीय बजट में अगले 25 साल के परिप्रेक्ष्य में शहरी नियोजन और विकास के बारे में बात की गई है जब 50% भारत शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगा।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/djs-1ZVYF.jpg

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2022-23 के केंद्रीय बजट में 76,549.46 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक अनुदान आवंटित किया गया है। बजट में शहरी क्षेत्र की नीतियों, योजना, कार्यान्वयन, क्षमता निर्माण, और शासन प्रणाली के प्रति दृष्टिकोण में आमूल परिवर्तन लाने के लिए योजनाकारों, अर्थशास्त्रियों और संस्थानों की एक उच्च स्तरीय समिति की स्थापना सहित कई उपायों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा, 2047 में भारत जब 100 वर्ष का हो जाएगा, तब तक देश की लगभग आधी आबादी के शहरी क्षेत्रों में रहने की संभावना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 के बाद से कई विशेष शहरी मिशन शुरू किए गए हैं जिनमें एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन), पीएमएवाई (प्रधान मंत्री आवास योजना), अमृत (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन), एससीएम (स्मार्ट सिटीज मिशन), और एनयूएलएम (राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन) शामिल हैं। इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आने वाले समय में शहरी बहुसंख्यक समाज समावेशी, टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल और उत्पादक हो।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/djs-2AJOK.jpg

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में, शहरीकरण के औसत स्तर से ऊपर वाले राज्यों में बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा आदि जैसे शहरीकरण के निम्न स्तर वाले राज्यों की तुलना में प्रति व्यक्ति आय बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि गुजरात से तमिलनाडु तक के राज्य या तो 50% के आंकड़े (तमिलनाडु) हासिल कर लिए हैं या शहरी बहुसंख्यक आबादी वाले राज्य बनने के करीब हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू और कश्मीर के नगरपालिका नेताओं के लिए शहरी शासन प्रणाली पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में इस कार्यक्रम के आयोजन का विशेष महत्व है क्योंकि भारत अर्ध-शहरी (25% से अधिक) से अगले 25 वर्षों तक शहरी बहुसंख्यक समाज के संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक विकास का प्रतीक है क्योंकि शहरीकरण विनिर्माण और सेवाओं के विस्तार से जुड़ा हुआ है।

डॉ. सिंह ने कहा कि पूरे देश की तरह, जम्मू और कश्मीर भी 2011 में 27% शहरी आबादी से आने वाले दशकों में आधी शहरी आबादी वाले राज्य की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव हमारे शहरी मिशनों के जरिए शुरू किए गए शहरी क्षेत्र के सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करने में एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक विकास में तेजी लाने में जम्मू की भूमिका महत्वपूर्ण है जो सबसे पुरानी नगर पालिकाओं में से एक है, इसे 1930 में बनाया गया था, और यह राज्य का प्रवेश द्वार है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बड़े संदर्भ में, उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि जम्मू नगर निगम, जिसका गठन 2000 में किया गया था, ने पिछले कुछ वर्षों में सराहनीय कदम उठाए हैं, जिसमें ऑनलाइन भुगतान गेटवे और अनुमोदन प्रक्रिया, अवैध निर्माण की रोकथाम, बैनर होर्डिंग्स और कुशल शिकायत निवारण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में कई नवाचार और अच्छे कामकाज चल रहे हैं जिनका जम्मू शहर के लिए उपयुक्त प्रदर्शन जरूरी है और इस संबंध में, शहर की सरकार में निर्वाचित नेताओं की भूमिका निर्णायक हो जाती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने निर्वाचित नेताओं की कई भूमिकाओं का उल्लेख किया जैसे कि शहर की शासन प्रणाली में एक बॉटम-अप कनेक्टिविटी विकसित करना, जमीनी स्तर से नेतृत्व के उद्भव को बढ़ावा देना, सामुदायिक भागीदारी और स्थानीय संसाधनों को जुटाना, और शहर की सरकार और समुदाय तथा राज्य नेतृत्व और शहर के बीच मध्यस्थ कड़ी के रूप में काम करना। उन्होंने कहा कि पानी, स्वच्छता, गतिशीलता और आवास पर हमारा विशेष ध्यान है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हर घर नल से जल पर ध्यान देने के साथ जल जीवन मिशन के अलावा, देश पहले ही सभी शहरी क्षेत्रों के लिए ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) का दर्जा हासिल कर चुका है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन बुनियादी ढांचा और प्रबंधन प्रदान कर रहा है, पीएमएवाई किफायती आवास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि पीएमएसवीएनिधि रेहड़ी-पटरी वालों को कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान कर रहा है। मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि इन सभी योजनाओं को जम्मू में उपयुक्त तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने समापन भाषण में कहा कि आईआईपीए के तीन दिवसीय कार्यक्रम में भारत सरकार के मिशनों और देश के विभिन्न हिस्सों से केस स्टडीज पर चर्चा शामिल है। उन्होंने कहा कि यहां मिलने वाली सबक निश्चित रूप से जम्मू के संदर्भ में सोचने के लिए कुछ खास बिंदू देंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि जम्मू में शहरी सुधार न केवल इस शहर के लिए बल्कि राज्य के अन्य शहरों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। मंत्री ने आशा व्यक्त की कि शहरी शासन प्रणाली पर यह तीन दिवसीय सम्मेलन हमारे प्रत्येक निर्वाचित प्रतिनिधि के लिए लाइव केस और एजेंडा प्रदान करेगा और जम्मू को एक स्वच्छ, हरित और उत्पादक शहर बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा।

****

एमजी/एएम/एके


(Release ID: 1802498) Visitor Counter : 239


Read this release in: English , Urdu , Urdu , Telugu