इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

'प्रौद्योगिकी-सक्षम विकास' पर बजट पश्चात वेबिनार


 इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 'एनर्जाइज़िंग स्टार्ट-अप्स और डीप टेक विद डेटा एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' और 'मेकिंग इंडिया ग्लोबल हब फॉर डेटा सेंटर एंड क्लाउड' पर सत्र आयोजित किए

 प्रधानमंत्री ने वेबिनार को संबोधित किया और जीवन की सुगमता के लिए प्रौद्योगिकी  के अधिकतम इस्तेमाल पर जोर दिया

Posted On: 02 MAR 2022 6:39PM by PIB Delhi

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने भारत सरकार के विज्ञान से जुड़े अनेक मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर 2 मार्च, 2022 को "प्रौद्योगिकी-सक्षम विकास" नामक एक वेबिनार का आयोजन किया।

 

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प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में, हितधारकों को समयबद्ध तरीके से बजट के प्रस्तावों को पूरी तरह से कार्यान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जीवन की सुगमता के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम इस्तेमाल कैसे किया जाए। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5जी इको-सिस्टम और पीएलआई योजनाओं के रोडमैप पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने हितधारकों को नागरिक सेवाओं में ऑप्टिकल फाइबर के इस्तेमाल, ई-वेस्ट प्रबंधन, सर्कुलर इकोनॉमी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक सुझाव देने का स्पष्ट निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार श्री के. विजय राघवन ने भी उद्घाटन सत्र के दौरान 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर भारत की ओर' विषय पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उद्घाटन सत्र के बाद, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग (डीओटी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा चार - प्रत्येक एक-एक विषयगत विस्तृत सत्रों का नेतृत्व किया गया।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 'सतत विकास के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों' विषय पर  विस्तृत सत्र का आयोजन किया गया और इसके एक  हिस्से के रूप में, दो पैनल चर्चा आयोजित की गई थी।

'एनर्जाइज़िंग स्टार्टअप्स एंड डीप टेक विद डेटा एंड एआई' विषय पर पैनल चर्चा में  इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. राजेंद्र कुमार, नैस्कॉम की अध्यक्ष सुश्री देबजानी घोष, आईआईएससी बैंगलोर के इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज के सीईओ-डॉ. इंदर गोपाल, वाधवानी एआई के प्रमुख श्री शेखर शिवसुब्रमण्यम, फ्रैक्टल एनालिटिक्स के सह-संस्थापक श्री श्रीकांत वेलामकन्नी सहित सम्मानित पैनलिस्ट ने विचार-विमर्श में हिस्सा लिया। सत्र का संचालन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एनईजीडी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक सिंह द्वारा किया गया। पैनल ने अभिनव, समावेशी और सुरक्षित डिजाइन सिद्धांतों के बारे में सुझाव देने के साथ-साथ 10,000 करोड़ रुपये के निवेश (एआई उपयोग के मामलों में 5000 करोड़ रुपये का निवेश और डीप टेक स्टार्टअप्स में 5000 करोड़ रुपये का निवेश), 5 मिलियन नए रोजगार सृजन (स्किलिंग और रीस्किलिंग के माध्यम से), डेटा एक्सचेंज, एआई को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए पहल, डेटा पॉलिसी सपोर्ट (डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क, डेटा शेयरिंग कल्चर और क्वालिटी डेटा क्रिएशन के लिए) और एपीआई सेतु (आईटी ब्रिज के माध्यम से केंद्रीय और राज्य स्तर की प्रणालियों के एकीकरण के लिए) का सुझाव दिया।

इसके बाद 'मेकिंग इंडिया ग्लोबल हब फॉर डेटा सेंटर एंड क्लाउड' विषय पर एक और पैनल चर्चा हुई,  जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. राजेंद्र कुमार, एनआईसी की महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा, जोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री श्रीधर वेम्बू, अमेजन इंटरनेट सर्विसेज प्रा. लिमिटेड के अध्यक्ष श्री राहुल शर्मा, कंट्रोल्स डाटा सेंटर लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश राठौड़ सहित सम्मानित वक्ताओं द्वारा गहन चर्चा की गई। पैनल की प्रमुख सिफारिशों में डेटा सेंटर और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर के बड़े पैमाने पर वृद्धि, सरकारी खरीद की समीक्षा, बड़े पैमाने पर कौशल, स्वदेशी उपकरण, कैपेक्स सपोर्ट, डार्क फाइबर एक्सेस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की नीति पर जोर देना, अनापत्ति प्रमाणपत्र शीघ्रतापूर्वक देना तथा डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए मंजूरी शामिल है।

समापन सत्र में, संबंधित मंत्रालयों/विभागों ने विस्तृत सत्रों के दौरान चर्चा के मुख्य तथ्यों को प्रस्तुत किया।

कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री के नेतृत्व को धन्यवाद दिया, क्योंकि भारत आज न केवल अनुसंधान एवं विकास, तकनीकी विकास और नवाचारों के पारंपरिक क्षेत्रों में तकनीक के उपयोग में, बल्कि नागरिकों के जीवन को सशक्त बनाने और बदलने के लिए तकनीक के उपयोग में भीदुनिया के पूर्व-प्रतिष्ठित देशों में से एक बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष ने सरकार को  सक्षम बनाने, नागरिकों को सशक्त बनाने और अर्थव्यवस्था को  मजबूत बनाने में मदद की है। बजट 2022  के बारे में, श्री राजीव चंद्रशेखर ने इसे  एक ऐसा बजट बताया, जो हमारी अर्थव्यवस्था में तकनीक को गहराई से  समाहित करने और सरकार के रूप में काम करने के तरीके के बारे में  प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और रणनीति की पुष्टि करता है,  पुनः स्थापित करता है। उन्होंने  ‘टेकेड’ शब्द गढ़ा है, जो यह बताता है कि एक राष्ट्र के रूप में  अगला 10 साल कैसा होना चाहिए। आगे के रोडमैप के बारे में उन्होंने कहा कि त्वरित डिजिटलीकरण के अवसरों का  लाभ प्राप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने परिणाम-आधारित अनुसंधान, सरकार  तथा उद्योग के बीच सहयोग और वैश्विक तकनीकी मानक स्थापित करने में नेतृत्व की भूमिका के लिए भारत की आवश्यकता पर जोर दिया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने  सभी विस्तृत सत्रों में अपना उनका अनुभव साझा किया। उन्होंने अंतरिक्ष को खोलने और ड्रोन नीति में ढील देने में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास  के बजट का 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र के लिए निर्धारित किया गया है। उन्होंने  सुझाव दिया कि भारतीय डेटा का उपयोग भारतीय समाधानों के लिए किया जाना चाहिए और उसी को बढ़ाया जाना चाहिए।

रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स  एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने समापन  भाषण दिया। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, स्पेक्ट्रम का उपयोग, अनुसंधान एवं विकास में निजी  क्षेत्र की बड़ी भूमिका, और डिजाइन समर्थित विनिर्माण ऐसे निर्धारक घटक हैं, जिनके बारे में सभी विस्तृत सत्रों में चर्चा की गई है। उन्होंने उद्योग को पीएलआई और पीएमए योजनाओं का लाभ उठाने और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में और अधिक आगे बढ़ने के लिए नवीन विचारों के साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया।

वेबिनार का समापन प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार श्री के. विजय राघवन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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