भारी उद्योग मंत्रालय
वर्तमान में देश भर में 966,363 इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर हैं
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जरों/चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत की गई
Posted On:
11 FEB 2022 5:36PM by PIB Delhi
देश में हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अखिल भारतीय आधार पर 2015 से इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण (हाइब्रिड एवं) स्कीम (फेम इंडिया) आरंभ की। वर्तमान में फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण को कुल 10,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ पहली अप्रैल, 2019 को पांच वर्षों की अवधि के लिए कार्यान्वित किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, सरकार द्वारा देश में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाये जा रहे हैं:
- सरकार ने देश में बैटरी की कीमतों में कमी लाने के लिए देश में ही एडवांस्ड कैमिस्ट्री सेल (एसीसी) के विनिर्माण के लिए 12-05-2021 को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। बैटरी की कीमतों में कमी आने का परिणाम इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी के रूप में आएगा।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत कवर किया जाता है जिसे 25,938 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ 15 सितंबर, 2021 को पांच वर्षों की अवधि के लिए मंजूरी दी गई।
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत की गई, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जरों/चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत की गई।
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा की कि बैटरी चालित वाहनों को हरे रंग के लाइसेंस प्लेट दिए जाएंगे तथा उन्हें परमिट संबंधी आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी।
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों से सड़क कर माफ करने का परामर्श देते हुए एक अधिसूचना जारी की जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की आरंभिक लागत में कमी लाने में सहायता मिलेगी।
ई-वाहन पोर्टल (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) के अनुसार, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की विस्तृत सूची निम्नलिखित है :
अनुलग्नक
31-01-2022 को इलेक्ट्रिक वाहनों की राज्यवार संख्या
राज्य का नाम
|
कुल योग
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
159
|
अरुणाचल प्रदेश
|
20
|
असम
|
47,947
|
बिहार
|
64,241
|
चंडीगढ़
|
1,931
|
छत्तीसगढ
|
13,428
|
दिल्ली
|
132,302
|
गोवा
|
1,686
|
गुजरात
|
17,593
|
हरियाणाहरियाणा
|
26,780
|
हिमाचल प्रदेश
|
711
|
जम्मू और कश्मीर
|
1,527
|
झारखंड
|
12,171
|
कर्नाटक
|
82,046
|
केरल
|
15,022
|
लद्दाख
|
5,496
|
महाराष्ट्र
|
58,815
|
मणिपुर
|
540
|
मेघालय
|
28
|
मिजोरम
|
20
|
नगालैंड
|
171
|
उड़ीसा
|
12,282
|
पुदुचेरी
|
1,614
|
पंजाब
|
10,142
|
राजस्थान
|
53,141
|
सिक्किम
|
2,425
|
तमिलनाडु
|
50,296
|
त्रिपुरा
|
7,593
|
केंद्र शासित प्रदेश -- डीएनएच और डीडी
|
277
|
उत्तर प्रदेश
|
276,217
|
उत्तराखंड
|
25,451
|
पश्चिम बंगाल
|
44,291
|
कुल योग
|
966,363
|
विवरण केंद्रीकृत वाहन 4 के अनुरुप डिजिटाइज्ड वाहन रिकॉर्ड के लिए दिए गए हैं और आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना तथा लक्षद्वीप के लिए डाटा उपलब्ध नहीं कराये गए हैं क्योंकि वे केंद्रीकृत वाहन-4 में नहीं हैं।
यह जानकारी आज राज्य सभा में भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा एक लिखित उत्तर में दी गई।
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