पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
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सतत कृषि के माध्यम से आत्मनिर्भर पूर्वोत्तर- एनईआरसीआरएमएस - एक पंजीकृत संस्था पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, एनईसी के संरक्षण में कार्यरत है

Posted On: 08 FEB 2022 6:08PM by PIB Delhi

अरुणाचल प्रदेश के निचले सुबनसिरी जिले में सुपीयू गांव स्थित है, जहां पर ज्यादातर लोग कृषि एवं खेती से जुड़े हुए श्रमिक कार्यों में लगे हुए हैं। अपने व्यवसाय की मौसमी प्रकृति के कारण, किसान अपनी आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में पशुधन पर ही निर्भर हैं।

चूंकि सेब की कम शीतलन वाली किस्मों के लिए उपयुक्त कृषि-जलवायु परिस्थितियों के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं, ऐसे में भारत सरकार के पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन सोसायटी (एनईआरसीआरएमएस), शिलांग ने वित्त पोषित परियोजना "भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में कम शीतलन सेब के बागान को बढ़ावा दें (2020-21)" के माध्यम से उन्हें इस क्षेत्र में आगे ले जाने की पहल की है।

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एनईआरसीआरएमएस ने अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली चैरिटी मिशन सोसाइटी (जेडवीसीएमएस) के सहयोग से अरुणाचल प्रदेश में निचले सुबनसिरी जिले के सुपीयू गांव में सेब के बगीचे में सेब के पेड़ों की छंटाई और रोपण के बाद प्रबंधन पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

इसके बाद, विभिन्न समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ) से 19 (उन्नीस) लाभार्थियों की पहचान की गई। उन्हें कम शीतलन सेब की छंटाई विधि के साथ-साथ फसलों को प्रभावित करने वाले कीटों और बीमारियों से पौधों की रक्षा करने के तरीके के बारे में भी प्रशिक्षित किया गया। फलों की संख्या बढ़ाने के लिए पेड़ों को खाद और पानी की खुराक तथा अन्य दवाओं का छिड़काव कैसे करें, इसके लिए उन्हें और आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई गई।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ओल्ड जीरो, निचले सुबनसिरी जिले के उपमंडल अधिकारी श्री बदोनलुम तौसिक ने हिस्सा लिया। उन्होंने एनईसी और एनईआरसीआरएमएस द्वारा की गई पहल की सराहना की। श्री तौसिक ने कहा कि सीबीओ सदस्यों को सूक्ष्म उद्यम शुरू करने के लिए आवश्यक कौशल एवं दक्षताओं को विकसित करने में मदद करने हेतु प्रशिक्षण शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में घाटी में ऐसी और परियोजनाएं लागू की जाएंगी।

कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), याचुली के वैज्ञानिक (पीपी) डॉ. टैसो ताबिन ने इस सत्र की अध्यक्षता की।

किसानों की आय को दोगुना करने के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण के अनुरूप, छंटाई और पौधरोपण के बाद प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया गया था।

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