सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राष्ट्रीय आय, उपभोग व्यय, बचत और पूंजी निर्माण का पहला संशोधित अनुमान
Posted On:
31 JAN 2022 5:30PM by PIB Delhi
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने (i) वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राष्ट्रीय आय, उपभोग व्यय, बचत और पूंजी निर्माण के पहले संशोधित अनुमान के साथ-साथ (ii) वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए दूसरा संशोधित अनुमान और (iii) वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए तीसरा संशोधित अनुमान (आधार वर्ष 2011-12 के साथ) जारी किया है। ये अनुमान राष्ट्रीय खातों से संबंधित संशोधित नीति* के अंतर्गत जारी किए गए हैं। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2011-12 से लेकर 2019-20 तक के अनुमान को 29 जनवरी 2021 को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से और वित्तीय वर्ष 2020-21 के अनंतिम अनुमान को 31 मई 2021 को जारी किया गया था।
2. वर्ष 2020-21 के लिए पहले संशोधित अनुमान को 31 मई 2021 को अनंतिम अनुमानों के जारी होने के समय नियोजित किए गए बेंचमार्क-संकेतक विधि के उलट उद्योग-वार/संस्थान-वार प्राप्त विस्तृत जानकारी का उपयोग कर संकलित किया गया है। वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए कृषि उत्पादन से संबंधित नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों; औद्योगिक उत्पादन से संबंधित नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों (एएसआई के अंतिम परिणामः 2018-19); बजट दस्तावेजों में उपलब्ध सरकारी आंकड़ों (वर्ष 2019-20 के लिए संशोधित अनुमानों की जगह वास्तविक आंकड़ों का उपयोग); कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) आदि जैसी विभिन्न स्त्रोत एजेंसियों से उपलब्ध व्यापक डाटा और राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालयों (डीईएस) से प्राप्त अतिरिक्त डाटा के उपयोग के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) व अन्य सकल आंकड़ों के अनुमानों में संशोधन हुए हैं।
3. सकल स्तर पर संशोधित अनुमानों की मुख्य विशेषताओं को नीचे के अनुच्छेदों (पैराग्राफ) में बताया गया है।
सकल घरेलू उत्पाद
4. वर्ष 2020-21 के लिए मौजूदा कीमतों पर संकेतिक जीडीपी या जीडीपी का अनुमान 198.01 लाख करोड़ का है जबकि 2019-20 के लिए यह 200.75 लाख करोड़ था। यह 2019-20 की 6.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 के दौरान 1.4 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है।
5. वर्ष 2020-21 और 2019-20 के लिए वास्तविक जीडीपी या स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीडीपी क्रमशः 135.58 लाख करोड़ और 145.16 लाख करोड़ रुपये रहेगी, जो कि 2019-20 के दौरान 3.7 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 के दौरान 6.6 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है।
जीवीए और इसका उद्योग-वार विश्लेषण
6. सकल स्तर पर, आधार मूल्यों पर सांकेतिक जीवीए में 2019-20 की 6.9 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 के दौरान 1.6 प्रतिशत की कमी आई है। वास्तविक जीवीए के संदर्भ में, यानी स्थिर (2011-12) आधार मूल्यों पर जीवीए 2019-20 में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 में 4.8 प्रतिशत की कमी हुई है।
7. 2011-12 से लेकर 2020-21 तक के दौरान समग्र जीवीए के संदर्भ में अर्थव्यवस्था के व्यापक क्षेत्रों की हिस्सेदारी और वार्षिक विकास दर का उल्लेख नीचे किया गया हैः
वर्ष
|
मौजूदा कीमतों पर जीवीए में क्षेत्रवार हिस्सेदारी (% में)
|
स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीवीए में क्षेत्रवार वृद्धि (% में)
|
सकल जीवीए
(रु. लाख करोड़ में)
|
प्राथमिक
|
द्वितीयक
|
तृतीयक
|
प्राथमिक
|
द्वितीयक
|
तृतीयक
|
सभी
|
मौजूदा
|
स्थिर
|
2011-12
|
21.7
|
29.3
|
49.0
|
|
|
|
|
81.1
|
81.1
|
2012-13
|
21.3
|
28.7
|
50.0
|
1.4
|
3.6
|
8.3
|
5.4
|
92.0
|
85.5
|
2013-14
|
21.4
|
27.9
|
50.6
|
4.8
|
4.2
|
7.7
|
6.1
|
103.6
|
90.6
|
2014-15
|
20.9
|
27.3
|
51.8
|
1.2
|
6.7
|
9.8
|
7.2
|
115.0
|
97.1
|
2015-16
|
20.1
|
27.6
|
52.3
|
2.1
|
9.5
|
9.4
|
8.0
|
125.7
|
104.9
|
2016-17
|
20.4
|
27.0
|
52.6
|
7.3
|
7.5
|
8.5
|
8.0
|
139.7
|
113.3
|
2017-18
|
20.4
|
27.0
|
52.5
|
4.5
|
7.1
|
6.3
|
6.2
|
155.1
|
120.3
|
2018-19*
|
19.8
|
26.9
|
53.3
|
1.6
|
5.9
|
7.2
|
5.8
|
171.8
|
127.3
|
2019-20#
|
20.2
|
24.9
|
54.8
|
4.5
|
-1.4
|
6.3
|
3.8
|
183.6
|
132.2
|
2020-21@
|
21.8
|
25.1
|
53.1
|
1.6
|
-2.8
|
-7.8
|
-4.8
|
180.6
|
125.9
|
*: तीसरा संशोधित अनुमान; # : दूसरा संशोधित अनुमान; @ : पहला संशोधित अनुमान
8. वर्ष 2020-21 में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, वानिकी, मत्स्य पालन और खनन एवं उत्खनन सहित), द्वितीयक क्षेत्र (विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं तथा निर्माण कार्य सहित) और तृतीयक क्षेत्र (सेवाएं) की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत, -2.8 प्रतिशत और -7.8 प्रतिशत के रूप में अनुमानित की गई है जबकि पिछले साल यह वृद्धि दर क्रमशः 4.5 प्रतिशत, -1.4 प्रतिशत और 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर रही थी। 2020-21 के दौरान वास्तविक जीवीए में गिरावट ‘खनन और उत्खनन’, ‘विनिर्माण’, ‘बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाएं’, ‘निर्माण’, ‘व्यापार, मरम्मत, होटल और रेस्तरां’, ‘परिवहन’ और ‘अन्य सेवाएं’ में कमी के कारण जैसा कि विवरण 4.2 में देखा जा सकता है। हालांकि, इस अवधि के दौरान ‘कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन’, ‘संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाएं’, ‘वित्तीय सेवाएं’, ‘रियल स्टेट, आवास एवं व्यावसायिक सेवाओं का स्वामित्व’ और ‘लोक प्रशासन एवं रक्षा’ में मामूली वृद्धि देखी गई।
शुद्ध राष्ट्रीय आय
9. वर्ष 2020-21 के लिए मौजूदा कीमतों पर सांकेतिक शुद्ध राष्ट्रीय आय (एनएनआई) व शुद्ध राष्ट्रीय आय 171.94 लाख करोड़ है जबकि वर्ष 2019-20 में 177.17 लाख करोड़ थी जो कि पिछले साल की 6.0 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 के दौरान 2.9 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है।
सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय
10. मौजूदा कीमतों पर सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय (जीएनडीआई) वर्ष 2020-21 के लिए 200.86 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है जबकि वर्ष 2019-20 के लिए यह अनुमान 204.22 लाख करोड़ रुपये है। यह 2019-20 की 6.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में वर्ष 2020-21 में 1.6 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।
बचत
11. 2020-21 के दौरान 55.92 लाख करोड़ रुपये का सकल बचत अनुमानित है जबकि वर्ष 2019-20 के दौरान यह बचत 59.96 लाख करोड़ रुपये रही थी। 2020-21 के दौरान सकल बचत में गैर-वित्तीय निगमों, वित्तीय निगमों, जनरल गवर्मेंट और घरेलू क्षेत्रों की हिस्सेदारी क्रमशः 35.6 प्रतिशत, 10.0 प्रतिशत, (-)24.1 प्रतिशत और 78.5 प्रतिशत है। जीएनडीआई के लिए सकल बचत की दर वर्ष 2019-20 के लिए 29.4 प्रतिशत की तुलना में 2020-21 के लिए 27.8 प्रतिशत का अनुमान है।
पूंजी निर्माण
12. मौजूदा कीमतों पर सकल पूंजी निर्माण (जीसीएफ) वर्ष 2020-21 के लिए 54.03 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2019-20 के दौरान यह 61.61 लाख करोड़ रुपये था। 2020-21 के दौरान जीसीएफ से जीडीपी की दर 27.3 प्रतिशत है, जबकि 2019-20 में यह 30.7 प्रतिशत थी। आरओडब्ल्यू से सकारात्मक शुद्ध पूंजी प्रवाह के कारण वर्ष 2011-12 से लेकर 2019-20 की अवधि में पूंजी निर्माण की दर बचत की दर से अधिक रही। स्थिर (2011-12) कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में जीसीएफ की दर 2019-20 में 34.1 प्रतिशत और 2020-21 में 31.5 प्रतिशत थी।
13. कुल जीएफसीएफ (मौजूदा कीमतों पर) में हिस्सेदारी के मामले में, सबसे अधिक योगदान गैर-वित्तीय निगमों का है। उसके बाद घरेलू क्षेत्र का स्थान है। 2020-21 में गैर-वित्तीय निगमों और घरेलू क्षेत्र का हिस्सा क्रमशः 43.9 प्रतिशत और 38.9 प्रतिशत था।
उपभोग व्यय
14. मौजूदा कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) वर्ष 2020-21 के लिए 120.33 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2019-20 में यह 122.37 लाख करोड़ रुपये था। जीडीपी के मामले में, 2019-20 और 2020-21 के दौरान मौजूदा कीमतों पर पीएफसीई से जीडीपी की दर क्रमशः 61.0 प्रतिशत और 60.8 प्रतिशत है। स्थिर (2011-12) कीमतों पर, वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए पीएफसीई का अनुमान क्रमशः 82.60 लाख करोड़ और 77.64 लाख करोड़ रुपये है। वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए जीडीपी में पीएफसीई की संबंधित दरें क्रमशः 56.9 प्रतिशत और 57.3 प्रतिशत हैं।
15. मौजूदा कीमतों पर सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) वर्ष 2020-21 के लिए 23.93 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2019-20 के दौरान 22.01 लाख करोड़ रुपये था। स्थिर (2011-12) कीमतों पर वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए जीएफसीई का अनुमान क्रमशः 14.84 लाख करोड़ रुपये और 15.38 लाख करोड़ रुपये है।
प्रति व्यक्ति अनुमान
16. मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय अर्थात् प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 के लिए क्रमशः 1,32,115 रुपये और 1,26,855 रुपये रहने का अनुमान है। मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति पीएफसीई वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए क्रमशः 91,254 रुपये और 88,775 रुपये अनुमानित है।
जीडीपी अनुमानों में संशोधनों का सारांश
वर्ष 2020-21 के अनुमानों में संशोधन
17. निम्नलिखित विवरण वर्ष 2020-21 के लिए अनंतिम अनुमानों (31 मई 2021 को जारी) और जीवीए के पहले संशोधित अनुमानों के बीच भिन्नता के प्रमुख कारणों के बारे में बताते हैं।
क्षेत्र
|
2020-21 में जीवीए वृद्धि (2011-12 की कीमतों पर)
|
भिन्नता के प्रमुख कारण
|
अनंतिम अनुमान (पीई) मई 2021
|
पहला संशोधित अनुमान (एफआरई) जनवरी 2022
|
प्राथमिक[i]
|
1.9
|
1.6
|
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल क्षेत्र के उत्पादन अनुमानों में संशोधन के कारण, कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन क्षेत्रों के जीवीए अनुमानों में संशोधन किया गया है। इसके अलावा, बागवानी क्षेत्र के लिए, उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमानों का उपयोग किया गया है। प्राथमिक क्षेत्र के अन्य उद्योगों के अनुमानों में संशोधन नवीनतम संशोधित आंकड़ों का समावेश किए जाने के कारण किया गया है।
|
द्वीतीयक[ii]
|
-6.8
|
-2.8
|
अनंतिम अनुमान (पीई) वित्तीय वर्ष 2020-21 के बाद कंपनियों के संबंध में अतिरिक्त डेटा की उपलब्धता और स्त्रोत एजेंसियों द्वारा इनपुट डेटा में संशोधन के कारण द्वितीयक क्षेत्र के अनुमानों में संशोधन हुआ है। अनंतिम अनुमान के संकलन के समय विशेष रूप से वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही के लिए सीमित संख्या में सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय परिणामों के अलावा आईआईपी से प्रमुख इनपुट डेटा प्राप्त किया गया था।
|
तृतीयक[iii]
|
-8.4
|
-7.8
|
बजट अनुमानों (बीई) के बजाय केन्द्रीय और राज्य के बजट दस्तावेजों से संशोधित अनुमानों (आरई) के उपयोग के कारण तृतीयक क्षेत्र के अनुमानों में संशोधन किया गया है। हालांकि, 2020-21 के लिए केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के वास्तविक व्यय की जानकारी का उपयोग पीएफएमएस पर उपलब्ध सीमा तक किया गया है। साथ ही संशोधित अनुमानों के संकलन में बड़ी संख्या में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों का विश्लेषण किया गया।
|
आधार कीमतों पर कुल जीवीए
|
-6.2
|
-4.8
|
|
जीडीपी
|
-7.3
|
-6.6
|
|
वर्ष 2018-19 और 2019-20 के अनुमानों में संशोधनों के कारण
18. विभिन्न एजेंसियों के नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के उपयोग के परिणामस्वरूप वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए जीवीए और वृद्धि अनुमानों दोनों स्तरों में कुछ बदलाव हुए हैं।
प्रमुख आंकड़ों में संशोधन
19. मौजूदा और स्थिर (2011-12) कीमतों पर प्रमुख आंकड़ों में संशोधन का स्तर निम्न तालिका में दिया गया हैः
राष्ट्रीय आय के प्रमुख आंकड़े और उनमें परिवर्तन का प्रतिशत (%)
(लाख करोड़ रु. में)
क्र.सं.
|
श्रेणी
|
2018-19
|
|
|
2019-20
|
|
|
|
|
दूसरा आरई
|
तीसरा आरई
|
% परिवर्तन
|
पहला आरई
|
दूसरा आरई
|
% परिवर्तन
|
मौजूदा
|
कीमतों
|
पर
|
|
|
|
|
|
1
|
आधार कीमतों पर जीवीए
|
171.61
|
171.75
|
0.08
|
184.61
|
183.55
|
-0.57
|
2
|
जीडीपी
|
188.87
|
189.00
|
0.07
|
203.51
|
200.75
|
-1.36
|
3
|
जीएनआई
|
186.85
|
186.97
|
0.07
|
201.58
|
198.82
|
-1.37
|
4
|
एनएनआई
|
167.05
|
167.13
|
0.05
|
179.94
|
177.17
|
-1.54
|
5
|
जीएनडीआई
|
191.78
|
191.91
|
0.07
|
206.98
|
204.22
|
-1.33
|
स्थिर
|
(2011-12)
|
कीमतों
|
पर
|
|
|
|
|
1
|
आधार कीमतों पर जीवीए
|
127.44
|
127.34
|
-0.08
|
132.71
|
132.19
|
-0.39
|
2
|
जीडीपी
|
140.03
|
139.93
|
-0.07
|
145.69
|
145.16
|
-0.36
|
3
|
जीएनआई
|
138.51
|
138.40
|
-0.08
|
144.28
|
143.74
|
-0.37
|
4
|
एनएनआई
|
122.40
|
122.26
|
-0.11
|
126.81
|
126.42
|
-0.31
|
जीवीए/जीडीपी अनुमानों में संशोधन के प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:
वर्ष 2018-19
• कुछ राज्यों एवं अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालयों (डीईएस) से प्राप्त कुछ फसलों, पशुधन उत्पादों, मछली और वानिकी उत्पादों के उत्पादन एवं कीमतों के नवीनतम अनुमानों का उपयोग।
• अनंतिम परिणामों की जगह एएसआईः2018-19 के अंतिम परिणामों का उपयोग।
• अखिल भारतीय ऋण और निवेश सर्वेक्षण के ताजा सर्वेक्षण परिणाम का उपयोग एवं कुछ एनबीएफआई/वित्तीय सहायक कंपनियों की नवीनतम रिपोर्टों का विश्लेषण।
• राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों से प्राप्त अद्यतन जानकारी का उपयोग।
वर्ष 2019-20
• कुछ राज्यों एवं अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालयों (डीईएस) से प्राप्त कुछ फसलों, पशुधन उत्पादों, मछली और वानिकी उत्पादों के उत्पादन और कीमतों के नवीनतम अनुमानों का उपयोग।
• गैर-वित्तीय निजी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए संवर्धित आंकड़ों का उपयोग।
• केंद्र एवं राज्य सरकार के बजट में व्यय और प्राप्तियों के विभिन्न मदों में ‘संशोधित अनुमानों’ की जगह ‘वास्तविक’ का उपयोग।
• स्थानीय निकायों एवं स्वायत्त संस्थान के बारे में अद्यतन जानकारी का उपयोग।
• सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की नवीनतम वार्षिक रिपोर्टों का उपयोग।
• सहकारी बैंकों, डाक जीवन बीमा (पीएलआई) और डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफआई), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और वित्तीय सहायक के लिए प्राप्त नवीनतम आंकड़ों का उपयोग।
विस्तृत विवरण
20. इस प्रेस विज्ञप्ति में जारी विवरणों की सूची नीचे दी गई है। संशोधित अनुमानों की अधिक जानकारी, यानी एफआरई 2020-21, एसआरई 2019-20 और टीआरई 2018-19 इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ संलग्न विवरण 1 से 9 में उपलब्ध हैं।
1. विवरण 1.1- मौजूदा कीमतों पर राष्ट्रीय खातों के प्रमुख आंकड़े।
2. विवरण 1.2- स्थिर (2011-12) कीमतों पर राष्ट्रीय खातों के प्रमुख आंकड़े।
3. विवरण 2: प्रति व्यक्ति आय, उत्पाद और अंतिम उपभोग।
4. विवरण 3.1: आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त आउटपुट और उद्योगों द्वारा पूंजी निर्माण।
(मौजूदा कीमतों पर उपयोग के लिए)
5. विवरण 3.2: आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त आउटपुट और उद्योगों द्वारा पूंजी निर्माण।
(स्थिर (2011-12) कीमतों पर उपयोग के लिए)
6. विवरण 4.1: मौजूदा आधार कीमतों पर आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त सकल मूल्य वर्धन (ग्रॉस वैल्यू ऐडेड)।
7. विवरण 4.2: स्थिर (2011-12) आधार कीमतों पर आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त सकल मूल्य वर्धन (ग्रॉस वैल्यू ऐडेड)।
8. विवरण 5: सकल पूंजी निर्माण के लिए धनराशि।
9. विवरण 6.1: मौजूदा कीमतों पर उद्योग के उपयोग से प्राप्त सकल पूंजी निर्माण।
10. विवरण 6.2: उद्योग द्वारा सकल पूंजी निर्माण (स्थिर (2011-12) कीमतों पर उपयोग के लिए )।
11. विवरण 7.1: मौजूदा कीमतों पर परिसंपत्ति और संस्थागत क्षेत्र से सकल नियत (फिक्स्ड) पूंजी निर्माण।
12. विवरण 7.2: स्थिर (2011-12) कीमतों पर परिसंपत्ति और संस्थागत क्षेत्र से सकल नियत (फिक्स्ड) पूंजी निर्माण।
13. विवरण 8.1: मौजूदा कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय।
14. विवरण 8.2: स्थिर (2011-12) कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय।
15. विवरण 9: संस्थागत क्षेत्र- मौजूदा कीमतों पर प्रमुख आर्थिक संकेतक।
आगामी विज्ञप्तियां
21. जीडीपी पर आगामी विज्ञप्तियों को नीचे दिया गया है-
(अ) वर्ष 2021-22 के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान, 28 फरवरी, 2022 को 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून), दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के तिमाही अनुमानों के साथ; तथा,
(ब) वर्ष 2021-22 के लिए अनंतिम अनुमान, वित्तीय वर्ष 2021-22 की सभी चार तिमाहियों के लिए 31 मई, 2022 को अनुमानों के साथ।
***
अनुलग्नक
फॉर्मूला
1. आधार कीमतों पर जीवीए (उत्पादन संबंधी दृष्टिकोण) = आधार कीमत पर आउटपुट- मध्यवर्ती उपभोग।
2. आधार कीमतों पर जीवीए (आय संबंधी दृष्टिकोण) = सीई + ओएस/एमआई + सीएफसी + उत्पादन कर, कम उत्पादन सब्सिडी(i) ।
3. जीडीपी = ∑ आधार कीमतों पर जीवीए + उत्पादन कर, कम उत्पादन सब्सिडी(ii) ।
4. एनडीपी/एनएनआई = जीडीपी/जीएनआई-सीएफसी।
5. जीएनआई = जीडीपी + आरओडब्ल्यू (कम भुगतान प्राप्तियां) से शुद्ध प्राथमिक आय।
6. प्राथमिक आय = सीई + संपत्ति और उद्यमों से प्राप्त आय।
7. एनएनडीआई = एनएनआई + आरओडब्ल्यू से अन्य मौजूदा हस्तांतरण(iii), शुद्ध (कम भुगतान प्राप्तियां)।
8. जीएनडीआई = एनएनडीआई + सीएफसी = जीएनआई+ आरओडब्ल्यू से अन्य मौजूदा हस्तांतरण(iii), शुद्ध (कम भुगतान प्राप्तियां)।
9. सकल पूंजी निर्माण (iv) (वित्तीय)= सकल बचत + आरओडब्ल्यू से शुद्ध पूंजी प्रवाह।
10. जीसीएफ (व्यय) = जीएफसीएफ + सीआईएस + कीमती सामान।
11. सरकार की सकल प्रयोज्य आय = जीएफसीई+ सरकार की सकल बचत।
12. घरेलू क्षेत्र की सकल प्रयोज्य आय (जीडीआई) = जीएनडीआई – सरकार की जीडीआई- सभी निगमों की कुल बचत।
फॉर्मूले के संबंध में टिप्पणी
- उत्पादन करों या सब्सिडी को उत्पादन के संबंध में भुगतान या प्राप्त किया जाता है, और ये वास्तविक उत्पादन की मात्रा से अलग होते हैं। इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैः
उत्पादन कर - भूमि राजस्व, स्टाम्प एवं पंजीकरण शुल्क और पेशों पर कर।
उत्पादन सब्सिडी - रेलवे को सब्सिडी, गाँव और छोटे उद्योगों को सब्सिडी।
- उत्पाद करों या सब्सिडी को उत्पाद के प्रति यूनिट पर भुगतान या प्राप्त किया जाता है। इसके कुछ उदाहरण निम्न हैं:
उत्पाद कर- उत्पाद शुल्क, बिक्री कर, सेवा कर और आयात, निर्यात शुल्क।
उत्पाद सब्सिडी- खाद्य, पेट्रोलियम और उर्वरक सब्सिडी।
- अन्य मौजूदा हस्तांतरण प्राथमिक आय के अलावा अन्य मौजूदा हस्तांतरण को बताते हैं।
- मौजूदा और स्थिर कीमतों पर सकल पूंजी निर्माण (जीसीएफ) का अनुमान दो दृष्टिकोणों से लगाया जाता है: - (i) धन के प्रवाह के माध्यम से, सकल बचत के साथ विश्व से शुद्ध पूंजी प्रवाह (आरओडब्ल्यू); और (ii) संपत्ति के प्रकार द्वारा व्युत्पन्न वस्तु प्रवाह दृष्टिकोण द्वारा। फंड के प्रवाह के माध्यम से जीसीएफ के अनुमानों को मजबूत अनुमान के रूप में माना जाता है। उपयोग के उद्योग और संस्थागत क्षेत्रों द्वारा जीसीएफ में 'कीमती सामान' शामिल नहीं है और इसलिए, ये अनुमान वस्तु प्रवाह दृष्टिकोण से उपलब्ध अनुमानों से कम हैं।
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एमजी/एएम/एसके
* Available on www.mospi.gov.in
Formulae for various aggregates mentioned in the press note are given in Annexure.
[i] Primary sector comprises agriculture, forestry, fishing and mining & quarrying activities.
[ii] Secondary sector comprises manufacturing; electricity, gas, water supply & other utility services and construction
[iii] Tertiary sector comprises all services.
(Release ID: 1795963)
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