पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय

पशुपालन से जीवनयापन-एनईआरसीआरएमएस की एक पहल, जो डीओएनईआर मंत्रालय-एनईसी के तहत एक सोसायटी है

Posted On: 24 JAN 2022 5:55PM by PIB Delhi

एक अकेली मां और घर की एक मात्र कमाई करने वाली न्गोयुमयुमयांग को अपने परिवार को संभालने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। वह अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के लाजू गांव में रहती हैं और ओलो समुदाय की हैं।


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पति की अचानक मृत्यु के बाद, उन्हें सहसा अहसास हुआ कि उनके परिवार की आय समाप्त होने के कगार पर पहुंच गई है। उनके पति छोटी-मोटी दैनिक मजदूरी करके परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे। न्गोयुमयुमयांग के पास अब परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें अपने बच्चों के लिए भोजन और शिक्षा प्रदान करने में भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन कठिनाई से गुजरते हुए भी उन्होंने हार नहीं मानी और उन्हें अच्छे दिनों की उम्मीद थी।

उन्हें पता नहीं था कि वह जीवनयापन के लिए क्या कर सकती है क्योंकि वह अशिक्षित थी और उनकी कमाई का मुख्य जरिया झूम खेती थी। जिससे वह केवल भोजन की व्यवस्था कर सकती थी लेकिन उचित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था नहीं कर सकती थीं। उन्होंने महसूस किया कि अगर उनके बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिलेगी, तो उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, जिनसे वह गुजर रही हैं।


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उन्होने एनईआरसीआरएमएस की एनईआरसीओआरएमपी परियोजना के बारे में प्रत्येक छोटी-छोटी जानकारियों को अधिक से अधिक सीखना शुरू किया। उन्हें परियोजना से एक विचार आया और एक गाय के लिए एक प्रस्ताव लेकर आई। एनईआरसीआरएमएस के माध्यम से उन्हें दो गायें मिलीं और उन्होंने गायों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया।

इन वर्षों में, न्गोयुमयुमयांग का जीवन बेहतर होता चला गया । उन्होंने दो गायों से शुरुआत की और अब उनके पास दस से अधिक गायें हैं। वह गाय को बेचकर पैसा कमाया, और गाय के गोबर से खाद बनाकर मिट्टी की उर्वरता और फसल की पैदावार में सुधार के लिए जैविक पर्दाथों का एक अच्छा स्रोत भी तैयार किया।

चूंकि कृषि आय का मुख्य स्रोत है, इसलिए गाय का गोबर उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है; नतीजतन, उनके सब्जी की खेतों में गाय की खाद की मदद से पूरे साल फसलों की उगाना शुरू कर दिया। पहले मिट्टी उपजाऊ नहीं थी और सब्जी की खेती के लिए खराब थी इसलिए उत्पादन बेहद कम हो रहा था।

उनके पास अब एक बेहतर जीवन स्तर है और अपने बच्चों के लिए भोजन और अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त धन है। वह जीवन में कभी उम्मीद नहीं खोती है और लगातार अपनी स्थिति को सुधारने के तरीकों के तलाश में रहती है।



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