रेल मंत्रालय
2021 के दौरान दक्षिण मध्य रेलवे में बुनियादी ढांचा और क्षमता वृद्धि हुई
दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) की 657 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण
दक्षिण मध्य रेलवे में गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल मार्ग, गोल्डन डायगोनल मार्ग और उच्च घनत्व नेटवर्क मार्ग के साथ सेक्शनल की गति को बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटे किया गया
दूध दुरंतो ने रेनीगुंटा से हजरत निजामुद्दीन तक लगभग 7.77 करोड़ लीटर दूध की ढुलाई की
दक्षिण मध्य रेलवे से 546 किसान रेलों ने 1.77 लाख टन कृषि उत्पादों की ढुलाई की
एससीआर के 63 स्टेशनों ने आईएसओ 14001 प्रमाणन हासिल किया
Posted On:
07 JAN 2022 1:28PM by PIB Delhi
ए. बुनियादी ढांचे में वृद्धि:
2021 के दौरान दक्षिण मध्य रेलवे के रेल नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए कुल 227.5 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, निर्बाध ट्रेन आवाजाही सुविधा प्रदान करने के लिए, 657 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है।
- नई लाइनें : 25 किलोमीटर का काम पूरा :
Ø भद्राचलम - चंदुरुगोंडा - 25 किमी
- डबल लाइन: 120.5 किलोमीटर का कार्य पूरा। इसमें ये अनुभाग शामिल हैं:
Ø पेंडेकल्लू- एड्डुलाडोड्डी - 8.5 किमी
Ø फलकनुमा- उम्दानगर-शादनगर- 44 किमी
Ø गज्लकोंडा- कुरीचेडु - 25 किमी
Ø विजयवाड़ा - उप्पलुरु - 17 किमी
Ø गूटी - कल्लुरु - 26 किमी
- तीसरी लाइन : 82 किलोमीटर का काम पूरा। इसमे ये अनुभाग में शामिल हैं:
Ø कोलनूर - पोटकापल्ली - 8 किमी
Ø उलवपाडु - कवाली - 30 किमी
Ø विरुर- मानिकगढ़ - 19 किमी
Ø तालामंची - श्रीवेंकटेश्वरपालेम - 25 किमी
Ø इसमें 506 रूट किलोमीटर और 151 ट्रैक किलोमीटर रेलवे लाइनें शामिल हैं।
बी. प्रमुख क्षमता बढोत्तरी कार्य
प्रमुख जंक्शनों पर भीड़भाड़ कम करने और मार्ग में अवरोधों के बिना सुरक्षित, आरामदायक रेल यात्रा प्रदान करने की दृष्टि से, ज़ोन ने नवीनतम तकनीकी प्रगति का उपयोग करके विभिन्न क्षमता निर्माण कार्य किए हैं, जो ट्रेनों के चालन समय को कम करके रेलवे के प्रवाह क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगे। जोन द्वारा किये गये विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
- प्रमुख यार्ड संशोधन-दो (02)
Ø राजमुंदरी यार्ड के साथ 2 पीएफ लाइनों और 260 से अधिक मार्गों वाली ईआई प्रणाली का निर्माण
Ø तिरुपति यार्ड के साथ एक पीएफ लाइन और 213 मार्गों वाली ईआई प्रणाली का निर्माण
Ø केबिन और ओएचई एलाइनमेंट के साथ निर्मित मोतुमरी में 2.1 किलोमीटर की महत्वपूर्ण बाईपास लाइन का निर्माण
Ø 1500 मीटर के साथ लंबी लूप लाइन, यानी नवाबपलेम स्टेशन पर शुरू की गई सामान्य लंबाई से दोगुनी यह लूप लाइन, इसे दक्षिण मध्य रेलवे पर दो स्टेशनों तक ले जाती है।.
Ø एलामंचिली, निदुब्रोलू, अम्मानबरोलू और बिट्रगुंटा में कार्य प्रगति पर है
- जीक्यू-जीडी और एचडीएन के साथ सेक्शनल स्पीड को 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाना
- रेनिगुंटा-वाडी के बीच 536 किलोमीटर का गोल्डन क्वाड्रिलेटरल
- बल्हारशाह - काजीपेट - विजयवाड़ा - गुडूर के बीच 744 किलोमीटर का गोल्डन डायगोनल मार्ग
- सिकंदराबाद-काजीपेटी के बीच 132 कि.मी. का उच्च घनत्व नेटवर्क
सी. प्रमुख सुरक्षा कार्य
ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (टीसीएएस) को इस जोन के 92 स्थानों को कवर करते हुए 948 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है।
मानवसंचालित क्रॉसिंग: वर्ष 2021 के दौरान चरणबद्ध तरीके से 107 एमएलसी को समाप्त किया गया है।
- ट्रैक रखरखाव: दक्षिण मध्य रेलवे ट्रैक रखरखाव कार्यों के निष्पादन में लगातार सबसे आगे रहा है, भारतीय रेलवे के सभी जोनों में इसने अपने आपको शीर्ष पर स्थापित किया है। (2021 के दौरान प्रदर्शन):
- प्लेन पैकिंग- 14,468 किलोमीटर (भारतीय रेलवे में पहला स्थान)
- टर्नआउट पैकिंग - 5,161 अंक (भारतीय रेलवे में दूसरा स्थान)
- बीसीएम कार्य - 660 किलोमीटर (भारतीय रेलवे में दूसरा स्थान)
- पीक्यूआरएस कार्य - 163 किलोमीटर (भारतीय रेलवे में दूसरा स्थान)
- टी-28 कार्य - 432 अंक (भारतीय रेलवे में पहला स्थान)
डी. पार्सल और माल ढुलाई पहल
- दूध दुरंतो: एक दूध विशेष ट्रेन है, जिसे इस ज़ोन द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में दूध की आपूर्ति को पूरा करने के लिए आंध्र प्रदेश के रेनीगुंटा से लॉकडाउन अवधि के दौरान शुरू किया गया था। वर्ष 2021 के दौरान, लगभग 7.77 करोड़ लीटर दूध रेनीगुंटा से हजरत निजामुद्दीन तक पहुँचाया गया, जिससे कुल दूध की ढुलाई 13 करोड़ लीटर से अधिक हो गई।
- किसान रेल: किसानों की सहायता के लिए और कृषक समुदाय की आय को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए रियायती टैरिफ (नियमित टैरिफ का 50%) पर कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय बाजारों में परिवहन के लिए किसान रेल अवधारणा की शुरुआत की थी। तदनुसार, इस जोन ने किसान रेल चलाने पर विशेष बल दिया है। पिछले कलैण्डर वर्ष में जोन के विभिन्न स्टेशनों से कुल 1.77 लाख टन कृषि उत्पादों की 546 किसान रेलों के माध्यम से ढुलाई हुई।
- एससीआर अपने अधिकार क्षेत्र- तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र तीन राज्यों से किसान रेल संचालित करता है।
- एससीआर का अकेला स्टेशन- नागरसोल - 1,00,000 टन से अधिक कृषि जिंसों की ढुलाई करता है।
- पार्सल ट्रैफिक की विशेषताएं:
- 2021 के दौरान, एससीआर ने 207.9 करोड़ रुपये की पार्सल राजस्व आय हासिल की थी, जो एक कैलेंडर वर्ष में अब तक का सबसे अधिक पार्सल राजस्व है और यह पिछले कैलेंडर वर्ष (2020) की पार्सल आय 84.19 करोड़ से लगभग 2.5 गुना अधिक है।
Ø वैगन टर्नअराउंड जो 2019 में 3 दिन था 2021 में सुधर कर 2.9 दिन हो गया है।
Ø इंटरचेंज पर एक दिन में संचालित होने वाली ट्रेनों की औसत संख्या जो 2019 में 204 ट्रेन थी 2021 में बढ़कर 258 हो गई।
Ø पहली बार ताड़ीपत्री रेलवे स्टेशन से केला लेकर मुंबई तक रीफर कंटेनर लोडिंग शुरू की गई है।
Ø पहली बार, दक्षिण मध्य रेलवे पर मालगाड़ियों की डोर-टू-डोर कंटेनरीकृत ट्रेन की आवाजाही शुरू हो गई है। पहला रैक जगय्यापेट स्टेशन से लोड किया गया था।
Ø कुल लदान में गैर-कोयला वस्तुओं में क्रमिक सुधार के साथ माल ढुलाई बास्केट में लगातार विविधता आई और कुल लदान जो 2019 में 44% था 2021 में बढ़कर 52% हो गया।
ई. रोलिंग स्टॉक - प्रमुख उपलब्धियां
त्वरित पानी की सुविधा: सिकंदराबाद में इसे जोन के 3 स्टेशनों पर स्थापित किया गया।
- स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट: सिकंदराबाद और हैदराबाद स्टेशनों पर चालू किया गया।
- एलएचबी कोच/ट्रेनें : वर्ष 2021 के दौरान कुल 288 एलएचबी कोचों ने पारंपरिक कोच का स्थान लिया, जिससे एलएचबी कोचों की कुल संख्या 1295 हो गई जिन्हें 35 ट्रेनों/51 रेक में शामिल किया गया है।
फ. हरित पहल
हरित वातावरण में सुधार और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वर्ष 2021 के दौरान प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग द्वारा विभिन्न कदम उठाए गए हैं:
· सौर संयंत्र: एससीआर ने वर्ष 2021 के दौरान 685 केडब्ल्यूपी क्षमता के सौर पैनल स्थापित किए हैं, जिससे कुल क्षमता 7800 केडब्ल्यूपी हो गई है।
· जल संरक्षण संयंत्र: बड़े पैमाने पर पानी के संरक्षण के लिए, एससीआर ने काजीपेट में 50 किलो लीटर प्रतिदिन की रीसाइक्लिंग क्षमता के साथ सीवेज उपचार संयंत्र और तिरुपति वर्कशॉप में 30 किलो लीटर प्रति दिन की क्षमता के साथ वर्ष 2021 के दौरान अपगामी (एफ्लुएंट) उपचार संयंत्र की स्थापना की है। इसके अलावा 5 स्थानों पर 1200 किलो लीटर प्रतिदिन की रिसाइक्लिंग, 2 स्थानों पर सीवेज उपचार संयंत्र, 480 किलो लीटर प्रति दिन की रिसाइक्लिंग और तिरुपति में 400 किलो लीटर प्रति दिन रिसाइक्लिंग दे अपगामी उपचार संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
· 2 विजयवाड़ा स्टेशन पर 50-50 किलो क्षमता के 2 अपशिष्ट से कम्पोस्ट बनाने के संयंत्र स्थापित किए गए हैं, इसके साथ इस जोन के 5 स्टेशनों पर कुल छह अपशिष्ट से खाद मशीनें उपलब्ध हैं।
· एनजीटी द्वारा चिन्हित सभी 63 स्टेशनों ने आईएसओ 14001 प्रमाणन हासिल कर लिया है।
· पिछले वर्ष (2021) के दौरान, हैदराबाद स्टेशन और मंडल अस्पताल, विजयवाड़ा के ओपीडी ब्लॉक के लिए ग्रीन कंपनी प्लेटिनम प्रमाणन प्राप्त किया गया है।
· काचीगुडा स्टेशन पर 5 प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनें स्थापित की गईं, इससे 75 स्टेशनों पर ऐसी मशीनों की संख्या 114 हो गई।
·
जी. कोविड-19 से निपटना
- स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाना:
- 660 बिस्तरों की कुल क्षमता वाले कोविड उपचार की क्षमता वाले 5 रेलवे अस्पतालों (सीएच/एलजीडी, आरएच/बीजेडए, आरएच/जीटीएल, एसडीएच/टीपीटीवाई, पीसी/केजेडजे) कोविड उपचार के लिए मान्यता दी गई है।
Ø 250 कोविड आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए गए
Ø जोन के विभिन्न स्थानों पर 1017 क्वारंटाइन बेड तैयार किए गए।
Ø रेलवे अस्पतालों में महत्वपूर्ण कोविड उपकरण (जैसे एचएफएनसी - 35, वेंटिलेटर - 29, आदि) प्रदान किए गए।
Ø लल्लागुडा, विजयवाड़ा, गुंतकल, तिरुपति, काजीपेट, नांदेड़ और मेट्टुगुडा (स्वास्थ्य इकाई) में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र चालू किए गए हैं।
Ø 60 अतिरिक्त डॉक्टर और 211 अतिरिक्त पैरामेडिकल स्टाफ लगाया गया है।
- कुल 41,386 रेलवे कर्मचारियों (स्वास्थ्य कर्मियों सहित) को दूसरी खुराक का टीका दिया गया है, जबकि 69,183 श्रमिकों को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है।
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