सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा - 2021 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय


आत्मनिर्भर भारत के तहत एमएसएमई क्षेत्र को सहायता देने की पहल

एमएसएमई के लिए इक्विटी/अर्ध इक्विटी, इक्विटी बढ़ाने या इक्विटी से वित्तपोषण के रूप में आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) फंड

एमएसएमई के रूप में खुदरा और थोक व्यापार सहित

"आजादी का अमृत महोत्सव" मनाने के लिए खादी कपड़े का विश्व का सबसे बड़ा स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज

Posted On: 30 DEC 2021 5:54PM by PIB Delhi

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने वर्ष 2021 में कई पथ प्रदर्शक/महत्वपूर्ण पहल की हैं। 2021 में मंत्रालय की विभिन्न पहल की झलक निम्नलिखित विवरणों से मिलती हैं

 

1. आत्मनिर्भर भारत के तहत पहल

 

i) संकटग्रस्त परिसंपत्ति फंड-एमएसएमई के लिए उप-ऋण-उप-ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएसडी)

 

 

24.06.2020 को यह योजना शुरू की गई थी, जिसे 31.03.2022 तक बढ़ा दिया गया है। जनवरी 2021 से नवंबर 2021 की अवधि में 537 ऋणधारकों को 59.98 करोड़ रूपये जारी किए गए।

 

ii) एमएसएमई के लिए फंड ऑफ फंड्स स्कीम : आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) कोष

 

) एसआरआई फंड एक श्रेणी-II वैकल्पिक निवेश कोष है जो सेबी के साथ मूल कोष (मदर फंड)/जोखिम पूंजी उपलब्ध कराने (डॉटर फंड) संरचना के साथ पंजीकृत है। 10000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक बजटीय सहायता के साथ भारत सरकार एकमात्र एंकर निवेशक है जो मदर फंड में चरणबद्ध तरीके से सहयोग कर रहा है। डॉटर फंड के माध्यम से यह 50000 करोड़ रुपये की सीमा तक फायदा उठाने की स्थिति में होगा। मदर फंड के संचालन के लिए राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) की सहायक कंपनी एनएसआईसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड (एनवीसीएफएल) को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत शामिल किया गया है।

 

बी) एनवीसीएफएल को श्रेणी 2 वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में पंजीकृत किया गया है और एसआरआई निधि के निजी नियोजन ज्ञापन पत्र को मंजूरी दी गई है। माननीय एमएसएमई मंत्री, माननीय एमएसएमई राज्य मंत्री और सचिव एमएसएमई की उपस्थिति में कानून और न्याय मंत्रालय के कानूनी मामलों के विभाग द्वारा विधिवत पुनरीक्षित योगदान अनुबंध एंकर निवेशक (एम/ एमएसएमई, भारत सरकार), प्रायोजक (एनएसआईसी), एआईएफ कंपनी एनवीसीएफएल और निवेश प्रबंधक (एसबीआईसीएपी वेंसर्स लिमिटेड) द्वारा निष्पादित किया गया।

 

सी) अंशदान समझौते पर हस्ताक्षर करने के 3 महीने के भीतर 2640 करोड़ रूपये (कुल कोष कोष का 26.38%) समर्पित किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक उम्मीद है कि 500 करोड़ रुपये का अंशदान प्रदान किया जाएगा। हालांकि सूची में शामिल डॉटर फंड की ओर से की जाने वाली मांग के मांग के हिसाब से धन दिया जाएगा।

 

लाभ

) डॉटर फंड के माध्यम से एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान कर इक्विटी या अर्ध इक्विटी के रूप में बढी हुई पूंजी, इक्विटी या अर्ध इक्विटी की बढी हुई पूंजी, एमएसएमई को वित्तपोषण जैसे इक्विटी /इक्विटी बढ़ाने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों पर एमएसएमई को सूचीबद्ध करने और एमएसएमई व्यवसायों को तेजी से विकास करने में सहयोग करने से अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

 

बी) सहायक उद्यम जो एमएसएमई वर्ग से आगे निकल कर राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय चैंपियन बनने की क्षमता रखते हैं

 

सी) प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों, वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करके भारत को आत्मनिर्भर बनाने में एमएसएमई का समर्थन करना।

 

डी) जैसा कि एमएसएमईडी अधिनियम में परिभाषित किया गया है इस फंड को डॉटर फंड के माध्यम से पूरे देश में सभी एमएसएमई को वितरित किया जाएगा।

 

2. नीतिगत पहल :

उद्यम पंजीकरण (यूआर) पोर्टल :

) यह पूरी तरह से आयकर और जीएसटीआईएन सिस्टम के साथ एकीकृत, पूरी तरह से ऑनलाइन, कागज रहित और पारदर्शी एमएसएमई पंजीकरण प्रक्रिया प्रदान करता है। 01.01.2021 से 31.10.2021 की अवधि में उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकृत कुल एमएसएमई 38,78,748 हैं।

 

बी) जीएसटीआईएन रखने की आवश्यकता से छूट

मंत्रालय ने दिनांक 05.03.2021 की विस्तृत अधिसूचना संख्या एस. . 1055() ने अधिसूचित किया है कि जीएसटीआईएन रखने की आवश्यकता से छूट केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम 2017 (2017 का 12) के प्रावधानों के अनुसार होगी, जिससे अधिक से अधिक एमएसएमई को उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण कराने का मौका मिलेगा।

 

सी) खुदरा और थोक व्यापार को शामिल करना

सरकार ने 2 जुलाई 2021 से खुदरा और थोक व्यापारों को एमएसएमई के रूप में शामिल किया है। उन्हें उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकृत होने की अनुमति है। उन्हें लाभ केवल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने तक ही सीमित है।

 

एमएसएमई श्रेणी में शहरी स्ट्रीट वेंडरों को शामिल करना :

सरकार ने 2 अगस्त 2021 से स्ट्रीट वेंडर्स को खुदरा व्यापार के रूप में एमएसएमई में शामिल किया है। उन्हें उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकृत होने की अनुमति है। उन्हें लाभ केवल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने तक ही सीमित है।

 

डी) देरी से भुगतान के लिए समधान पोर्टल:

समाधान पोर्टल (https://samadhaan.msme.gov.in/) में एक विशेष उप पोर्टल एक ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रणाली है जिसे भारत सरकार के मंत्रालयों और सीपीएसई द्वारा एमएसएमई को देय और मासिक भुगतान की रिपोर्ट करने के लिए विकसित किया गया है, जिसे 14 जून 2020 को लॉन्च किया गया था। सरकारी मंत्रालयों/विभागों/सीपीएसयू द्वारा 01.01.2021 से 31.10.2021 की अवधि में एमएसएमई विक्रेताओं को 50438.59 करोड़ का भुगतान किया गया।

 

3 एमएसएमई चैंपियंस :

पहले की प्रौद्योगिकी उन्नयन योजना (टीयूएस) के सभी 6 घटकों को मिलाकर स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) के माध्यम से एमएसएमई चैंपियंस योजना तैयार की गई है। एक ही उद्देश्य के साथ विभिन्न योजनाओं और हस्तक्षेपों को एकजुट करने तालमेल बिठाने और अभिसरण करने का यह एक समग्र दृष्टिकोण है। समूहों और उद्यमों को चुनना और उनकी प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करना, अपव्यय को कम करना, व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को तेज करना उनकी राष्ट्रीय और वैश्विक पहुंच एवं उत्कृष्टता को सुविधाजनक बनाना इसका अंतिम उद्देश्य है। नई एमएसएमई चैंपियंस योजना के तहत 3 घटक हैं, जिनका विवरण नीचे दिया गया है :

 

)    एमएसएमई दीर्घकालिक (जेडईडी)

बी)    एमएसएमई प्रतिस्पर्धात्मक (एलईएएन)

सी)   एमएसएमई अभिनव (ऊष्मायन, आईपीआर, डिजाइन और डिजिटल एमएसएमई के लिए)

 

डिजिटल एमएसएमई को एमएसएमई चैंपियंस योजना के अन्य सभी घटकों के साथ जोड़ा जाएगा।

एमएसएमई चैंपियंस योजना के उद्देश्यों और उपलब्धियों का विवरण (पूर्ववर्ती सीएलसीएस टीयूएस में छह घटक, जेडईडी, एलईएन, इनक्यूबेशन, आईपीआर, डिजाइन और डिजिटल एमएसएमई में शामिल हैं) इस प्रकार हैं

 

एमएसएमई चैंपियंस योजना (पूर्ववर्ती सीएलसीएस-टीयूएस) की अवधि के लिए संक्षिप्त उपलब्धियां (जनवरी 2021 से अक्टूबर/नवंबर 2021)

 

 

क्रम संख्या

योजनाओं के नाम

विवरण

कौन आवेदन कर सकता हैकैसे करें आवेदन

उपलब्धियां

 

( जनवरी 2021 से नवंबर 2021)

1

एमएसएमई-

 

सस्टेनेबल (जेडईडी)

एमएसएमई सस्टेनेबल (जेडईडी) प्रमाणन जागरूकता पैदा करने के लिए एक व्यापक अभियान है जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेडईडी) प्रथाओं के बारे में एमएसएमई के बीच और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए जेड प्रमाणन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करें। जेडईडी प्रमाणन की यात्रा के माध्यम से, एमएसएमई काफी हद तक अपव्यय को कम कर सकते हैं, उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, पर्यावरण जागरूकता बढ़ा सकते हैं, ऊर्जा बचा सकते हैं, प्राकृतिक संसाधनों का किफायती रूप से उपयोग कर सकते हैं, अपने बाजारों आदि का विस्तार कर सकते हैं। एमएसएमई को अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और स्थिरता बढ़ाने के लिए कार्य संस्कृति, उत्पादों के मानकीकरण, प्रक्रियाओं और प्रणालियों आदि में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। जेडईडी प्रमाणनीकरण का उद्देश्य केवल प्रमाणन ही नहीं . मूल्यांकन, मार्गदर्शन के माध्यम से संशोधन, प्रबंधन, प्रबंधकीय और तकनीकी हस्तक्षेप द्वारा एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।

उद्यम पंजीकृत विनिर्माण एमएसएमई

स्थापना के बाद से जेडईडी योजना के तहत 23948 एमएसएमई पंजीकृत की इस योजना के तहत 503 एमएसएमई को रेटिंग दी गई है।

2

एमएसएमई.

 

प्रतिस्पर्धी (एलईएएन) (लीन)

एमएसएमई प्रतिस्पर्धी (एलईएएन) योजना लीन टूल्स और तकनीकों के कार्यान्वयन से एमएसएमई क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए है। लीन टूल्स और तकनीक एमएसएमई क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए जांची और परखी हुई पद्धति है।

उद्यम पंजीकृत विनिर्माण एमएसएमई।

क्यूसीआई और एनपीसी द्वारा 267 क्लस्टर्स (लगभग 2500 एमएसएमई) में यह योजना पूरे देश में लागू की गई है। लीन मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से अपशिष्ट और बचत में कमी: 5- 10%

3

एमएसएमई अभिनव ( ऊष्मायन, आईपीआर, डिजाइन और डिजिटल एमएसएमई) एसएमई- अभिनव (ऊष्मायन, आईपीआर, डिजाइन और डिजिटल एमएसएमई के लिए)

एमएसएमई के लिए ऊष्मायन, डिजाइन हस्तक्षेप में नवाचार के संयोजन के साथ एमएसएमई उन्नतशील (इनोवेटिव) एक नई अवधारणा है और भारत के नवाचार के बारे में एमएसएमई के बीच जागरूकता पैदा करने और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रेरित करने के लिए सिंगल मोड एप्रोच में आईपीआर की रक्षा करता है। यह नवाचार गतिविधियों के लिए केंद्र की तरह काम करेगा जो विकास सक्षम व्यावसायिक प्रस्ताव में विकास को सुगम बनाकर मार्गदर्शन करेगा, जिससे समाज को सीधे लाभ पहुंचा सकता है और सफलतापूर्वक विपणन किया जा सकता है। " डिजिटल एमएसएमई " योजना एमएसएमई को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और उन्हें घरेलू और वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने की दृष्टि से उत्पादन और व्यावसायिक प्रक्रियाओं में डिजिटल टूल, एप्लिकेशन और तकनीकों अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए है।
 

(i) ऊष्मायन: उद्यम पंजीकृत विनिर्माण एमएसएमई/अन्य https:// my.msme.gov.in/inc/ पर आवेदन करें

(ii) डिजाइन: उद्यम पंजीकृत विनिर्माण एमएसएमई योजना दिशानिर्देश के अनुसार कार्यान्वयन एजेंसी (आईए) को अपना प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं। योजना के दिशानिर्देश यहां उपलब्ध हैंज्यादा जानकारी के लिए यहां जाएं : http:// www.dcmsme.gov.in/schemes/Design- Guidelines- CLCS-TUS- 2019-

 

2020.pdf
(iii)आईपीआर: पंजीकृत विनिर्माण एमएसएमई
आवेदन करने के लिए जाएं :  https:// my.msme.gov.in/MyMsme/ Reg/COM_IprReim.aspx
(iv)
डिजिटल एमएसएमई : उद्यम पंजीकृत विनिर्माण एमएसएमई

 

होस्ट इंस्टीटयूट (मेजबान संस्थान) (एचआई)

 

स्वीकृतः 39 नंबर्स

स्वीकृत सुझाव : 87 नंबर्स

व्यावसायिक डिजाइन / छात्र परियोजनाओं की संख्या

 

स्वीकृत: 47
योजना के तहत स्वीकृत खिलौना डिजाइन परियोजनाओं की संख्या 22
 

मंत्रालय ने डिजाइन योजना के कार्यान्वयन को लेकर आईआईटी/एनआईटी के साथ 20 समझौता पत्र हस्ताक्षर किए हैं

आईपी ​​की संख्या

 

सुविधा केंद्र स्वीकृत: 28

 

पेटेंट/ट्रेडमार्क/जीआई की प्रतिपूर्ति के लिए प्रतिपूर्ति की संख्या: 105.

पूरे देश में 29 जागरूकता कार्यक्रम/कार्यशालाओं का आयोजन किया गया

 

 

नई पहल

 

  1. एमएसएमई मंत्रालय, यूएनआईडीओ वैश्विक पर्यावरण कोष (जीईएफ)-5 परियोजना पर एमएसएमई में ऊर्जा दक्षता के लिए बाजार परिवर्तन को बढ़ावा देना

 

पृष्ठभूमि :

ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों को शुरू कर और समूहों में पहचानी गई तकनीकों के उपयोग को बढ़ाकर एमएसएमई के लिए बाजार के माहौल को विकसित और बढ़ावा देना परियोजना का उद्देश्य है। यह कार्यक्रम सात क्षेत्रों (पल्प एंड पेपर, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, केमिकल एंड डाई, फाउंड्री एंड फोर्जिंग, आयरन एंड स्टील) के दस समूहों पर केंद्रित है। यह परियोजना भारत में ऊर्जा दक्षता के लिए जीईएफ कार्यात्मक ढांचा या तंत्र के तहत है और इसमें संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) कार्यान्वयन एजेंसी (आईए) के रूप में और एमएसएमई मंत्रालय प्रमुख कार्यकारी एजेंसी (ईए) के रूप में शामिल है। परियोजना के लिए प्रमुख कार्यकारी भागीदार एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) है। भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (एसआईडीबीआई) और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) परियोजना के लिए मार्गदर्शक एजेंसियां हैं।

 

उद्देश्य :

परियोजना के विशिष्ट उद्देश्य इस प्रकार हैं :

) एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता के कार्यान्वयन को बढ़ावा देना

बी) एक प्रक्रिया बनाना और बनाए रखना जो इस क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता उपायों की प्रतिकृति सुनिश्चित करेगा

सी) एग्रीगेटर (ईईएसएल) से राजस्व के एक हिस्से को अलग करके एक रिवॉल्विंग फंड बनाना जो इस परियोजना के जीवन से आगे गतिविधियों को बनाए रखेगा

डी) ऊर्जा दक्षता उपायों को बढ़ाने के लिए पहचान की गई कठिनाइयों को दूर करने और भारत में एक स्वच्छ और अधिक प्रतिस्पर्धी एमएसएमई उद्योग को बढ़ावा देना।

 

ऊर्जा बचत लक्ष्य :

10 साल के लिए आजीवन निवेश के साथ 956,1838 जीजे ऊर्जा की बचत के परिणामस्वरूप इस परियोजना से प्रति वर्ष सीधे 9,56183.80 जीजे ऊर्जा बचत होने की उम्मीद है। इससे प्रति वर्ष 86,000 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य होगा।

उपलब्धियां

i) 10 क्लस्टरों में 740 सर्वेक्षण, 100 आधारभूत अध्ययन और 90 विस्तृत ऊर्जा ऑडिट पूरे किए जा चुके हैं।

ii) 19 प्रौद्योगिकियों के तहत एमएसएमई प्रौद्योगिकी निर्माताओं और प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से 110 एमएसएमई इकाइयों को सीधे लाभ हुआ। अक्टूबर 2021 तक 35 तकनीकी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें 2500 एमएसएमई कर्मचारी क्षमता निर्माण से लाभान्वित हुए।

iii.) 35 ऊर्जा कुशल तकनीकों को अपनाने से 470 एमएसएमई इकाइयां सीधे लाभान्वित होंगी। अब तक इससे लगभग 50 एमएसएमई इकाइयों ने इन ऊर्जा कुशल तकनीकों को अपनी इकाइयों में लागू किया है।

iv.) यह परियोजना ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों से संबंधित 100 स्थानीय सेवा प्रदाताओं के विकास और प्रशिक्षण की प्रक्रिया में भी शमिल है।

v.) यह 150 मिलियन अमरीकी डालर के निवेश का अवसर पैदा करने के रास्ते पर है।

vi.) अब तक चिन्हित समूहों में 31 एमएसएमई इकाइयों में 17 तकनीकों को लागू किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 3585.21 टन सीओ2 की कमी हुई है और 697.906 मेगावाट बिजली की संबद्ध ऊर्जा बचत, 1203.7 टन कोयला, 234 मीट्रिक टन फर्नेस तेल और 25039 किलोलीटर पानी, 98512 एससीएम/वाई प्राकृतिक गैस और 321 टन सामग्री प्रति वर्ष की बचत हुई है। मौद्रिक मूल्य के संदर्भ में इसका हिसाब 155.66 लाख रुपये प्रति वर्ष लगाया जा सकता है।

 

बी) सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) :

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत के राजपत्र में जी.एस.आर. 571 () 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 में संशोधन के लिए अन्य बातों के साथ-साथ 2022 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर रोक लगाने के लिए अधिसूचना जारी की। स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्र दोनों पर कूड़े के प्लास्टिक कचरे के प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए एमएसएमई मंत्रालय प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के कार्यान्वयन और वर्ष 2018 और 2021 में इसके संशोधन में सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है, जिसमें एमएसएमई में अधिसूचित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना शामिल है। कुछ कार्रर्वाइ की गई, जिसका विवरण नीचे दिया गया है :

 

i. एमएसएमई मंत्रालय ने उनके सामने आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए हितधारकों के साथ परामर्श किया है।

ii.बड़े पैमाने पर कवरेज प्राप्त करने के लिए समूहों, इकाइयों, संघों आदि में 50 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

iii. हितधारकों, एमओईएफसीसी, उद्योग संघों, विशेषज्ञों, एमएसएमई अधिकारियों से प्राप्त परामर्श/सुझावों के आधार पर प्रौद्योगिकी उन्नयन, जागरूकता पैदा करने, विपणन सहायता, ढांचागत समर्थन और एसयूपी आदि के विकल्प अपनाने के लिए इस मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एमएसएमई की सहायता के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार की जाती है।

iv. एमएसएमई मंत्रालय द्वारा 30 सितंबर 2021 से मंत्रालय के साथ-साथ प्रशासनिक नियंत्रण के तहत संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों में अधिसूचित सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम (एसयूपी) के उपयोग/खरीद पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिनांक 14.09.2021 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया।

v. एसयूपी के विकल्पों को प्रदर्शित करने के लिए मेट्रो शहरों में चार प्रदर्शनी लगाने की योजना है।

 

सी) एमएसएमई के लिए ईंधन के रूप में हाइड्रोजन :

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के तहत मंत्रालय ने एमएसएमई द्वारा अपनी निर्माण प्रक्रिया में हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में उपयोग करने की संभावना का पता लगाने का बीड़ा उठाया है।

कांच और सिरेमिक क्षेत्र/एमएसएमई में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग की संभावना का पता लगाने के लिए एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव (एएफआई) की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया। इस संबंध में टास्क फोर्स की पहली बैठक में व्यवहार्यता अध्ययन करने निर्णय लिया गया, एमएसएमई मंत्रालय के तहत ग्लास एंड सिरेमिक विकास केंद्र (सीडीजीआई) फिरोजाबाद को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) और ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) के परामर्श से हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग को लेकर पायलट परियोजना के प्रमाणीकरण के लिए सौंपा गया। हाइड्रोजन के उपयोग के संबंध में अन्य पहलुओं पर काम चल रहा है।

 

4. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी):

पीएमईजीपी एक प्रमुख क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और बेरोजगार युवाओं की सहायता करके गैर कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है। राष्ट्रीय स्तर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) नोडल एजेंसी है। राज्य/जिला स्तर पर केवीआईसी के राज्य कार्यालय, कॉयर बोर्ड, केवीआईबी और जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।

 

पीएमईजीपी को 2008-09 में लॉन्च किया गया था, कुल 7.23 लाख सूक्ष्म उद्यमों को 17542 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी के साथ सहायता प्रदान की गई, जिससे 30.11.2021 तक करीब 59 लाख लोगों को रोजगार मिला। सहायता प्राप्त इकाइयों में से लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और लगभग 50 प्रतिशत इकाइयां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला श्रेणियों के स्वामित्व में हैं।

 

जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2021 की अवधि में 85030 सूक्ष्म उद्यमों को मार्जिन मनी सब्सिडी के साथ 2512.95 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई, जिससे लगभग 6.80 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

 

हाल की पहल :-

स्कोर कार्ड मॉडल पर पीएमईजीपी के तहत इकाइयों के चयन और स्थापना में तेजी लाने के लिए आवेदनों के चयन में जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी (डीएलटीएफसी) की भूमिका को समाप्त करके योजना प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।

 

पीएमईजीपी लाभार्थियों को मार्गदर्शन देने के लिए सभी राज्यों में विपणन और तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है।

 

ऑनलाइन उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण पोर्टल शुरू किया गया है और मौजूदा कोविड 19 स्थितियों में लाभार्थियों को ऑनलाइन ईडीपी प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

पीएमईजीपी इकाइयों द्वारा उत्पादों के विविधीकरण को बाजार की जरूरतों और मौजूदा कोविड 19 की परिस्थितियों के अनुसार इकाइयों की आर्थिक व्यवहार्यता बढ़ाने की अनुमति दी गई है।

 

एक जियो टैगिंग पोर्टल www.geotag.kvic.gov.in तैयार किया गया है और इसे शुरू किया जा रहा है। पीएमईजीपी के तहत स्थापित सभी सूक्ष्म उद्यमों की जियो मैपिंग की जाएगी, जिससे स्थान और इकाइयों की निगरानी की सुविधा आसान होगी।

 

5. सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई):

जनवरी 2021 से 30 नवंबर, 2021 की अवधि के दौरान कुल 7,53,321 गारंटियों को मंजूरी दी गई है, जिसमें लगभग 43,474.28 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।

 

6. एमएसएमई को वृद्धिशील ऋण के लिए ब्याज सबवेंशन योजना- 2018:

जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2021 की अवधि के दौरान कुल 92517 उधारकर्ताओं को लगभग 210.71 करोड़ रुपये की राशि जारी करके लाभान्वित किया गया है। यह योजना 31.03.2021 तक लागू थी।

 

7. क्लस्टर विकास कार्यक्रम

जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान 690.19 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत के साथ 54 नई परियोजनाओं और 431.93 करोड़ रूपये भारत सरकार के अनुदान को अंतिम मंजूरी दी गई। इन स्वीकृत परियोजनाओं में से 23 परियोजनाएं आंध्र प्रदेश, गोवा, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब और तमिलनाडु राज्यों में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) स्थापित करने के लिए हैं। बाकी 31 परियोजनाएं आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में औद्योगिक संपदाओं/फ्लैट फैक्ट्री परिसरों के बुनियादी ढांचे के विकास (आईडी) के लिए हैं।

 

जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान 5 सीएफसी परियोजनाएं पूरी की गई हैं। सीएएफसी के तहत फुटवियर क्लस्टर बहादुरगढ़, झज्जर, हरियाणा, मॉडर्न कार्पेट क्लस्टर भदोही, उत्तर प्रदेश, फूला हुआ चावल क्लस्टर चित्र दुर्गा, कर्नाटक, गोटा लूम क्लस्टर अजमेर, राजस्थान और रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर बरेली, उत्तर प्रदेश में स्थापित किए गए हैं। दो अवसंरचना विकास (आईडी) परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं।

 

8. SFURTI (स्फूर्ति) क्लस्टर:

पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए निधि योजना (स्फूर्ति) (एसएफयूआरटीआई) के तहत वर्ष 2015 से 30 नवंबर 2021 तक 434 क्लस्टरों को भारत सरकार के 1106 करोड़ रूपये के अनुदान से लगभग 2.50 लाख कारीगरों को लाभ होगा। इनमें से 77 क्लस्टर पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्वीकृत हैं। 434 में से 152 क्लस्टर काम कर रहे हैं, जिनमें से 96 क्लस्टर 2020 21 में शुरू हो गए।

जनवरी 2021 से नवंबर 2021 की अवधि के दौरान 103 स्फूर्ति क्लस्टर प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

 

9. प्रौद्योगिकी केंद्र/उपकरण कक्ष:

 

वित्त वर्ष 2020 21 के दौरान (1 जनवरी 2021 से 25 नवंबर 2021) डीसी (एमएसएमई) कार्यालय की उपलब्धियां/पहल

 

योजना का नाम

तकनीकी संस्थान (टीआर और टीआई)

 

1 जनवरी 2021 से 25 नवंबर 2021 के बीच हासिल की गई उपलब्धियों की मुख्य विशेषताएं:

 

() अवधि के लिए भौतिक प्रदर्शन -                         उपलब्धि

                                  

· प्रशिक्षित प्रशिक्षु : 134083

· यूनिट को सहायता प्रदान की : 26671

 

(बी) 18 प्रौद्योगिकी केंद्र (टीसी) / टूल रूम और तकनीकी संस्थानों की कुछ प्रमुख उपलब्धियां (आयात विकल्प या आयात विकल्प के विकास में सहायता, निर्यात सहायता और पेटेंट अनुमोदन सहित)

· सीटीटीसी भुवनेश्वर ने निम्नलिखित भागों/घटकों का निर्माण किया है: -

  1. ल्यूब्रिकेंटस पंप के पुर्जे, आपातकालीन शट ऑफ वाल्व और इंजन ईंधन नियंत्रण प्रणाली, गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई) के लिए कावेरी इंजन के पुर्जे, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय।
  2. मेसर्स वाशमैटिक सिस्टम्स (प्रा.) लिमिटेड, कोलकाता के लिए नोजल असेंबली (आयात विकल्प, यूके और फ्रांस से आयात किया जा रहा है) . वस्तु की कीमत 5000 रूपये से कम कर 1000 रुपये से कर दी गई है।

 

 

 

 

 

आईडीईएमआई मुंबई ने मध्य पूर्व में ओमान सल्तनत के मेसर्स नेशनल हीटर इंड. कंपनी एलएलसी को पैकिंग कार्य के लिए उपयोग किए जाने वाले सिंगल स्टेशन पियर्सिंग टूल का निर्यात किया है।

 

इंडो डेनिश टूल रूम (आईडीटीआर), जमशेदपुर ने निम्नलिखित भागों का विकास और निर्माण किया है:

 

(i) रिवर्स इंजीनियरिंग के माध्यम से एक सटीक घटक "ग्रिप जॉ" (एक आयात विकल्प) जिसका उपयोग स्टील रोलिंग मिल में शीट की क्लैम्पिंग में किया जाता है। यह आइटम मैसर्स ऑटोमोटिव इंडिया कोलकाता जो एक एमएसएमई है के लिए निर्मित किया गया है।

 

(ii) टाटा स्टील जमशेदपुर में पिघले हुए पदार्थ में नाइट्रोजन गैस डालने के लिए रिवर्स इंजीनियरिंग के माध्यम से ऑटो कपलर मेल और फीमेल की फिटिंग की गई। यह एक आयात विकल्प है, जिसका जर्मनी से आयात किया जा रहा है।

 

(iii) आयुध कारखाना वाई, दमदम के लिए रूसी निर्मित 7.62 मिमी पीकेटी मशीन गन बुलेट लोडर यंत्र संरचना (एक आयात विकल्प) के निर्माण में 42 उपकरणों का उपयोग किया गया।

  • सीटीआर लुधियाना ने एमएसएमई इकाई मेसर्स दीपक इंटरनेशनल लिमिटेड, कांगड़ा (हिप्र) के लिए प्रेशर डाई कास्टिंग डाई (एक आयात विकल्प, जो चीन से आयात किया गया) विकसित किया है। इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी के लिए पुर्जें हैं।
  • सीटीआर लुधियाना ने मैसर्स बीबीएन ओवरसीज प्रा लिमिटेड (एक निर्यात उन्मुख इकाई), लुधियाना के लिए 400 एक्सल शाफ्ट ऑर्डर की मशीनिंग पूरी कर ली है। यह वस्तुएं इटली को निर्यात की जाने वाली हैं।
  • सीएफटीआई आगरा की ओर से आगरा में 2 निर्यात उन्मुख इकाई के लिए अपने शू डिज़ाइन स्टूडियो में बच्चों के जूतों की 80 नई शैली और इसके पैटर्न विकसित किए हैं। लास्ट स्कैनिंग, 3डी सॉफ्टवेयर वर्चुअल डिजाइनिंग और रेंज बिल्डिंग आदि इसके काम के दायरे में शामिल हैं।
  • आईजीटीआर औरंगाबाद ने केटीएम क्रैंक केस आरएच कंपोनेंट के लिए 900 टन के हाई प्रेशर डाई कास्टिंग डाई का निर्माण किया है। केटीएम क्रैंक केस आरएच पुर्जे 200सीसी केटीएम बाइक के इंजन के हिस्से हैं।(अमेरिका, चीन, ब्राजील, यूरोपीय देशों को बाइक निर्यात की जाती है)
  • सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टूल डिजाइन (सीआईटीडी) हैदराबाद को मैसर्स स्टैंडर्ड फायरवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ आतिशबाजी उद्योगों में "शंक्वाकार आकार की आतिशबाजी के उत्पादन के लिए स्वचालित मशीन" के नवाचार के लिए 09.09.2021 को पेटेंट संख्या 376805 दिया गया।

 

कोविड 19 की चुनौतियों के खिलाफ लड़ाई:

कोविड 19 से संबंधित एमएसएमई के लिए टीसी ने विभिन्न घटकों/उत्पादों का विकास, निर्माण किया है और इन्हें घरेलू/स्वदेशी उत्पादन और विपणन के लिए एमएसएमई के साथ साझा किया है।

  • सीटीटीसी भुवनेश्वर ने सीएसआईआर-सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, दुर्गापुर के तकनीकी सहयोग से ऑक्सीजन जेनरेटर (प्राणवायु) का पहला प्रोटोटाइप विकसित किया है। इसमें ऑक्सीजन प्रवाह दर 5-10 लीटर प्रति मिनट होगी।

 

10. प्रौद्योगिकी केंद्र प्रणाली कार्यक्रम (टीसीएसपी):

  • मौजूदा प्रौद्योगिकी केंद्रों (टीसी) के सफल कामकाज को देखते हुए और देश में प्रौद्योगिकी केंद्रों (टूल रूम और प्रौद्योगिकी विकास केंद्र) के नेटवर्क का विस्तार और उन्नयन करने की दृष्टि से एमएसएमई मंत्रालय ने देश भर में 15 नए प्रौद्योगिकी केंद्र (टीसी) स्थापित करने और मौजूदा टीसी को अपग्रेड करने के लिए 2200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर टेक्नोलॉजी सेंटर सिस्टम प्रोग्राम (टीसीएसपी) का शुभारंभ किया है।
  • देश में एमएसएमई के लिए नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए टीसीएसपी की संकल्पना की गई है।
  • योजना का कार्यान्वयन 15 जनवरी 2015 से शुरू हुआ।
  • सभी 15 नई टीसी को सिविल काम का ठेका दे दिया गया है।
  • एमएसएमई के माननीय मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 में 3 टीसी भिवाड़ी, विशाखापट्टनम और भोपाल का उद्घाटन कर इन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में रोहतक में 01 टीसी का उद्घाटन किया गया।
  • टीसी साइटों पर 514 मशीनें और प्रयोगशालाएं (प्रशिक्षण और उत्पादन) वितरित की गई हैं।
  • 11 नए टीसी द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। 8000 हजार से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है।
  • 7 नए टीसी भिवाड़ी, भोपाल, विशाखापट्टनम, दुर्ग, बद्दी, कानपुर और रोहतक को एआईसीटीई की मंजूरी प्राप्त हुई।

 

11. प्रौद्योगिकी केंद्र / विस्तार केंद्र (टीसीईसी):

  • विश्व बैंक सहायता प्राप्त प्रौद्योगिकी केंद्र प्रणाली कार्यक्रम (टीसीएसपी) के तहत 18 मौजूदा प्रौद्योगिकी केंद्रों और 15 नए प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए 2 नवंबर 2018 को एमएसएमई के लिए 12 सूत्रीय पहुंच कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री द्वारा एक नई योजना "नए प्रौद्योगिकी केंद्रों/विस्तार केंद्रों की स्थापना" की घोषणा की गई थी।
  • योजना के अंतर्गत देश भर में टीसी/ईसी की पंहुच बढ़ाने के लिए छह हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 20 प्रौद्योगिकी केंद्र(टीसी) और 100 विस्तार केंद्र(ईसी) की स्थापना की संकल्पना की गई है। ये टीसी/ईसी प्रौद्योगिकी सहयोग,कौशलता,इनक्यूबेशन और परामर्श कार्य जैसी विभिन्न सेवाएं एमएसएमई और कौशल सीखने वालो को प्रदान कर रहे हैं। इसके कारण कौशल सीखने वालों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ने, एमएसएमई की प्रतियोगितात्मकता और देश में नए एमएसएमई का सृजन होगा।
  • अब तक 24 विस्तार केंद्रों को मंजूरी दी जा चुकी हैं जो स्थापना की प्रक्रिया में हैं। इनमें से चार राजस्थान में नागौर और जयपुर, जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर, ओडिशा के बेरहामपुर में विस्तार केंद्रों का उद्घाटन किया गया। अब तक स्वीकृत 24 विस्तार केंद्रों में से 17 विस्तार केंद्रों ने कौशल सीखने वालों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।

 

12. एमएसई के लिए सार्वजनिक खरीद नीति आदेश 2012:

  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) को विपणन सहायता प्रदान करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने एमएसएमईडी अधिनियम 2006 के तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) आदेश, 2012 के लिए सार्वजनिक खरीद नीति अधिसूचित की, जो 1 अप्रैल 2012 से प्रभावी है और यह 1 अप्रैल 2015 से अनिवार्य हो गया है।
  • दिनांक 9 नवंबर, 2018 को राजपत्र अधिसूचना संख्या एस. . 5670 () के माध्यम से इस नीति में संशोधन किया गया है। संशोधित नीति में केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा एमएसई से 25 प्रतिशत वार्षिक खरीद अनिवार्य है, जिसमें एससी/एसटी के स्वामित्व वाले एमएसई से 4 प्रतिशत और महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसई से 3 प्रतिशत शामिल हैं।
  • सभी पंजीकृत एमएसई को लाभ सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जैसे कि नि:शुल्क निविदा सेट, बयाना राशि के भुगतान से छूट, निविदा में भाग लेने वाले एमएसई को एल1+15% के मूल्य बैंड के भीतर मूल्य उद्धृत करने की अनुमति दी जाएगी, उन्हें अपनी कीमत को एल1 मूल्य तक कम करके आवश्यकता के एक हिस्से की आपूर्ति करने की अनुमति दी जाएगी, जहां एल1 की कीमत एमएसई के अलावा किसी अन्य से है और ऐसे एमएसई को कुल निविदा मूल्य के कम से कम 25% की आपूर्ति करने की अनुमति दी जानी चाहिए। एमएसएमई से 358 आइटम विशेष रूप से खरीद के लिए आरक्षित हैं, एमएसई और स्टार्ट-अप को भी पूर्व अनुभव और टर्नओवर उपनियम में छूट दी जा सकती है।
  • जीईएम प्लेटफार्म पर अधिकतम संख्या में एमएसएमई जुटाने के लिए जीईएम के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया है। सार्वजनिक खरीद नीति का लाभ उठाने के लिए सभी यूएएम धारकों को जीईएम पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने के लिए काफी संख्या में मेल भेजा गया था।
  • नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ, ऑनलाइन पंजीकरण की शुरूआत, व्यापार करने में आसानी के लिए उद्यम पंजीकरण, नीति के कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी के लिए समीक्षा समिति का गठन, एमएसई की शिकायतों के निवारण के लिए एक शिकायत प्रकोष्ठ को खोला गया, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के स्वामित्व वाले एमएसई को सहायता देने के लिए एससी/ एसटी हब की शुरूआत और एमएसई आदि से सीपीएसई द्वारा खरीद की प्रगति की निगरानी के लिए " एमएसएमई संबंध पोर्टल" का शुभारंभ शामिल हैं।
  • जैसा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग डीपीआईआईटी द्वारा चिन्हित किया गया, इस मंत्रालय ने दिनांक 11 अगस्त 2021 को सूचना संख्या एस 3237 () के माध्यम से एमएसएमई के लिए सार्वजनिक खरीद नीति आदेश 2012 से संबंधित नागरिकों पर व्यापार के साथ-साथ अनुपालन भार को भी कम कर दिया है।

 

"एमएसएमई संबंध पोर्टल" की खास विशेषताएं :

  • 8 दिसंबर, 2017 को शुरूआत की गई।
  • सार्वजनिक खरीद के बारे में अद्यतन और समय पर जानकारी।
  • मंत्रालयों और सीपीएसई द्वारा खरीद की निगरानी करना।
  • आवश्यक उत्पादों/सेवाओं की सूची अपलोड करने के लिए सीपीएसई को सक्षम बनाना।
  • मासिक डेटा को अपलोड करना।
  • डैशबोर्ड खरीद का सारांश प्रदान करता है
  • दिए गए लिंक के माध्यम से पोर्टल पर पहुंचा जा सकता है

https://sambandh.msme.gov.in/PPP_Index.aspx

 

 

वित्त वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 और चालू वर्ष (08.12.2021 तक) के लिए एमएसएमई संबंध पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी के अनुसार वार्षिक/माहवार (जनवरी 2020-नवंबर 2021) माल की खरीद का विवरण और सीपीएसई द्वारा एससी/एसटी और महिलाओं सहित एमएसई की सेवाओं विवरण इस प्रकार दिया गया है :

 

वित्तीय वर्ष

कुल खरीद (करोड़ रुपये में)

एमएसई से खरीद

(करोड़ रुपये में)

एससी एसटी के स्वामित्व वाले एमएसई से खरीद

(करोड़ रुपये में)

महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसई से खरीद

(करोड़ रुपये में)

2018-19

(166 सीपीएसई)

153,484.51

40,399.70

(26.32%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या-1,28,152)

 

824.71

(0.54%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 4,587)

 

232.56

(0.15%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 1,410)

 

2019-20

(151 सीपीएसई)

131,429.74

39,665.10
(30.18%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या- 1,57,986)

692.88

(0.53%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -6,340)

 

393.51

(0.30%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -3,666)

 

2020-21

(152 सीपीएसई)

144,457.72

40,704.70

(28.18%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या  1,75,703)

756.91

(0.52%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या  6827)

718.69

(0.50%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या  4960)

2021-22

(103 सीपीएसई)

(08.12.2021 तक)

70,322.97

22,480.18

(31.97%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या  1,06726)

539.69

(0.77%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या  3,975)

518.28
(0.74%)


(लाभान्वित एमएसई की संख्या  3553)

 

जनवरी, 2020

(143 सीपीएसई)

28,059.61

3,894.47
(13.88%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 15,467)

 

77.59
(1.99%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 582)

60.05

(1.54%)
(लाभान्वित एमएसई की संख्या -463)

फरवरी,2020

(137 सीपीएसई)

9,860.52

3,621.43
(36.73%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 15,980)

81.93
(2.26%)


(लाभान्वित एमएसई की संख्या 621)


80.31
(2.21%)

(
लाभान्वित एमएसई की संख्या -471)

मार्च,2020

(131 सीपीएसई)

 

18,724.86

6,314.05
(33.72%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 17,922)

 

105.36
(1.66%)


(लाभान्वित एमएसई की संख्या 742)

114.13
(1.8%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -09987566)

अप्रैल,2021

(99 सीपीएसई)

9,506.36

2,180.87
(22.94%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 13,630)

96.58

(4.42%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 522)

72.95
(3.34%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -429)

मई,2021

(97 सीपीएसई)

8,622.08

2,829.51
(32.81%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 12,848)

56.69

(2%)

(
लाभान्वित एमएसई की संख्या 476)

79.45
(2.8%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -416)

जून,2021

(94 सीपीएसई)

10,038.03

3,095.15
(30.83%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 16,541)

56.28
(1.81%)

(
लाभान्वित एमएसई की संख्या -533)

60.64
(1.95%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -499)

जुलाई,2021

(91 सीपीएसई)

11,045.36

3,118.61
(28.23%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 15,962)

66.84
(2.14%)

(
लाभान्वित एमएसई की संख्या 564)

61.75
(1.98%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -537)

अगस्त,2021

(81 सीपीएसई)

8,289.79

3,098.79
(37.38%)
16,235)

62.95
62.95

(
लाभान्वित एमएसई की संख्या 576)

78.53
(2.53%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 549)

सितंबर,2021

(82 सीपीएसई)

10,167.99

3,640.78
(35.8%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 14,678)

81.61
(2.24%)

(
लाभान्वित एमएसई की संख्या -625)

94.2
(2.58%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -596)

अक्टूबर,2021 (63 सीपीएसई)

8,815.29

2,907.53
(32.98%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 11,846)

78.46
(2.69%)

(
लाभान्वित एमएसई की संख्या 549)

45.87
(1.57%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या -323)

नवंबर,2021
(21 सीपीएसई)

1,051.17

408.8
(38.89%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 2,249)

3.13

(0.76%)
(
लाभान्वित एमएसई की संख्या 31)

6.12
(1.49%)

(लाभान्वित एमएसई की संख्या 79)

 

  • मंत्रालय एमएसई आदेश, 2012 के लिए सार्वजनिक खरीद नीति के कार्यान्वयन की सक्रियता से निगरानी कर रहा है और सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के साथ लगातार संपर्क में है। मंत्रालय आवश्यकता पड़ने या मांगे जाने पर एमएसई के लिए सार्वजनिक खरीद नीति पर स्पष्टीकरण भी जारी करता है। वर्तमान संकट के परिदृश्य में इन गतिविधियों को और भी अधिक गहनता से लिया गया है।
  •  

12. एमएसई आदेश के लिए सार्वजनिक सरकारी खरीद नीति, 2012:

  • सार्वजनिक सरकारी खरीद नीति के अंतर्गत सभी केंद्रीय सरकारी मंत्रालय/विभागों और सीपीएसई को अपने सामान और सेवाओं की वार्षिक आवश्यकता में से 25 प्रतिशत की खरीद एमएसई से खरीदना आवश्यक है। इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति से 4 प्रतिशत और महिला उद्यमियो के स्वामित्व वाले एमएसई से 3 प्रतिशत की खरीद सम्मिलित है।

 

  • एमएसई द्वारा सरकारी खरीद की प्रगति नियमित रूप से एमएसएमई-संबंध पोर्टल द्वारा निगरानी की जाती है। एमएसई से 27 दिसंबर 2021 तक (1 अप्रैल 2021 से 27 दिसंबर 2021) 24,038 करोड़ रूपए की सरकारी खरीद की गई है। यह कुल खरीद का 31.62 प्रतिशत है और 1,15,420 एमएसई को लाभ मिला है। नवंबर 2018 में निर्धारित लक्ष्य से कम से कम 25 प्रतिशत अधिक का लक्ष्य प्राप्त किया गया है।

 

13 जीईएम-सरकारी -मार्केटप्लेस:

  • जीईएम पर 27 दिसंबर, 2021 तक 7,40,743 सूक्ष्म और लघु उद्यम (एमएसई) का पंजीकरण
  • जीईएम पोर्टल पर 55.96 प्रतिशत आर्डर एमएसई से हैं।
  • जीईएम और टीआरईडीएस प्लेटफार्म को एकीकृत किया गया है।
  • यूएएम पोर्टल (31.12.2021 तक वैध) को उद्यम पंजीकरण पोर्टल (01.07.2020 से प्रभावी) से बदल दिया गया है। उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर उद्यमी सरकारी -मार्केट(जेइएम) पर जोड़ने के लिए उद्यम पोर्टल पर चुनने का विकल्प दे सकते हैं। उद्यमी जीईएम पोर्टल से जुड सकेंगे और इन दोनों पोर्टल के बीच सूचना का आदान-प्रदान शुरू हो सकेगा। इस सुविधा से एमएसई सरकारी खरीद प्रणाली से खुद को जोड़ सकेंगे और एमएसई से सरकार द्वारा अनिवार्य सरकारी खरीद कार्यक्रम में भागीदारी कर सकेंगे।

 

14. उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी):

  • देश भर में एमएसएमई डीआई/टीसी के माध्यम से विभिन्न उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रमों के आयोजन के लिए व्यय के रूप में 5.52 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
  • जनवरी 2021 से नवंबर 2021 के बीच 946 कार्यक्रमों को स्वीकृत/आयोजित किया गया, जिससे 43809 लोगों को लाभ हुआ है।

 

15. उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) और सिक्किम में एमएसएमई को बढ़ावा देना:

  • परियोजना अनुमोदन और निगरानी समिति (पीएएमसी) ने जनवरी 2020 से नवंबर 2020 की अवधि के दौरान कुल 91.59 करोड़ रुपये परियोजना लागत से 14 परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसमें केंद्र सरकार का 67.59 करोड़ रूपए का योगदान सम्मिलित है।
  • औद्योगिक संपदा के विकास के लिए 14 परियोजनाओं में से असम में (4), मिजोरम में (2) और सिक्किम में (1) हैं। प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करने के लिए 2 परियोजनाएं सिक्किम (1) और नागालैंड (1) में हैं। अन्य गतिविधियों के तहत 5 परियोजनाएं असम (1), सिक्किम (20 और स्टडीज (2) में हैं। इस योजना के तहत भारत सरकार के 8.0360 करोड़ रुपये योगदान से कुल 4 परियोजनाओं को पूरा किया गया है।
  • एनईआर और सिक्किम में एमएसएमई को प्रोत्साहन देने में कार्यरत 24 अधिकारियों की क्षमता वृद्धि के लिए सिंगापुर में एक अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 

16. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच):

  • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति हब के अंतर्गत मध्यवर्तन किए गए और जनवरी 2021 से नवबंर 2021 की अवधि में निम्नलिखित उपलब्धियां सम्मिलित हैं:
  • एनएसएसएच के विशेष क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना (एससीएलसीएसएस) के तहत 138 एससी/एसटी एमएसई के संबंध में नोडल बैंकों को 15.58 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
  • पूरे भारत में 2588 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को स्वायत्त प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कौशल/उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण दिया गया।
  • एनएसएसएच के विशेष विपणन सहायता योजना (एसएमएएस) के तहत 401 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एमएसएमई को प्रदर्शनियों में भाग लेने की सुविधा प्रदान की गई।
  • 5881 अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति एमएसई ने बी2बी पोर्टल "एमएसएमई मार्ट" की सदस्यता शुल्क पर सब्सिडी का लाभ उठाया है।
  • सिंगल प्वाइंट पंजीकरण योजना (एसपीआरएस) के तहत 698 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एमएसई ने पंजीकरण के लिए सब्सिडी का लाभ उठाया है।
  • 73 विशेष विक्रेता विकास कार्यक्रम (एसवीडीपी) में 2543 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों ने भाग लिया।
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब पर 96 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें 2406 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों ने भाग लिया।

 

17. खादी को लोकप्रिय बनाना और ग्रामोद्योगों को सशक्त बनाना

 

17.1 खादी विकास योजना (खादी कार्यक्रम):-

 

) संशोधित बाजार विकास सहायता (एमएमडीए)

भारत सरकार ने 2016 -17 की तीसरी तिमाही से "संशोधित बाजार विकास सहायता" (एमएमडीए) योजना शुरू की है, जिसके तहत खादी और पॉलीवस्त्र की मूल लागत पर 30 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाता है। संशोधित एमडीए योजना का उद्देश्य लागत चार्ट से बिक्री मूल्य को डी-कंट्रोल करना और डी-लिंक करना है, इस प्रकार खादी के मूल्यवर्धन के लिए संस्थानों को अवसर देना, ताकि उत्पादों को बाजारोन्मुखी कीमतों पर बेचा जा सके।

 

योजना के तहत उपलब्धियां इस प्रकार है

 

अवधि

भौतिक उपलब्धि

निधि का संवितरण/व्यय

(करोड़ रुपये में)

01.01.2021 से

से 30.11.2021

(अस्थायी)

 

केआई की संख्या 954

कारीगरों की संख्या 1,32,455

172.79

 

बी) ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाणपत्र (आईएसईसी) योजना

खादी संस्थानों के लिए वित्तीय संस्थानों/बैंकों से धन की अतिरिक्त आवश्यकताओं को जुटाने के लिए भारत सरकार ने मई, 1977 में "ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाणपत्र" (आईएसईसी) योजना शुरू की है। आईएसईसी योजना खादी कार्यक्रम के लिए वित्त पोषण का प्रमुख स्रोत है।

 

योजना के तहत उपलब्धियां इस प्रकार है:

 

अवधि

भौतिक उपलब्धि

निधि का संवितरण/व्यय

(करोड़ रुपये में)

01.01.2021 से

से 30.11.2021

(अस्थायी)

 

बैंक से वित्त प्राप्त  केआई की संख्या 1126

29.04

 

 

सी) खादी कारीगरों के लिए वर्क-शेड योजना

खादी कारीगरों को सुचारू और थकान मुक्त काम करने के लिए पर्याप्त जगह और अनुकूल वातावरण प्रदान करने की परिकल्पना करने के लिए 2008-09 में "खादी कारीगरों के लिए वर्क-शेड योजना" शुरू की गई थी; जिससे उत्पादकता और आय में वृद्धि होती है।

 

योजना के तहत उपलब्धियां इस प्रकार है:

अवधि

भौतिक उपलब्धि

निधि का संवितरण/व्यय

(करोड़ रुपये में)

01.01.2021 से

से 30.11.2021

(अस्थायी)

वर्क शेड की संख्या 949

2.71

डी) मौजूदा कमजोर खादी संस्थानों के बुनियादी तंत्र को मजबूत करना और विपणन बुनियादी ढांचे के लिए सहायता

 

यह योजना दो उप योजनाओं का एक संयोजन है, जिसका नाम है "मौजूदा कमजोर खादी संस्थानों के बुनियादी तंत्र को मजबूत करना" और "विपणन बुनियादी ढांचे के लिए सहायता"

 

योजना के तहत उपलब्धियां इस प्रकार है:

अवधि

भौतिक उपलब्धि

निधि का संवितरण/व्यय

(करोड़ रुपये में)

01.01.2021 से

से 30.11.2021

(अस्थायी)

केआई सुदृढ़ीकरण संख्या 24

बिक्री केन्द्रों का नवीनीकरण 33

1.92





3.43

 

 

17.2 ग्रामोद्योग विकास योजना (ग्राम उद्योग कार्यक्रम)

. खनिज आधारित उद्योग के तहत कुम्हार सशक्तिकरण कार्यक्रम

खनिज आधारित उद्योग के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने मिट्टी के बर्तनों में लगे कुम्हार परिवारों को मजबूत करने के लिए कारीगरों को अन्य उपकरणों के साथ इलेक्ट्रिक पॉटरी व्हील वितरित किए।

 

योजना के तहत उपलब्धियां इस प्रकार है:

 

अवधि

भौतिक उपलब्धि

निधि का संवितरण/व्यय

(करोड़ रुपये में)

01.01.2021 से

से 30.11.2021

(अस्थायी)

इलेक्ट्रिक पॉटरी व्हील वितरित 4675

10.74

 

बी. कृषि आधारित और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के तहत शहद मिशन/मधुमक्खी पालन:

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) आधुनिक मधुमक्खी पालन शुरू करने लोकप्रिय बनाने एवं स्थायी रोजगार के साथ आमदनी को लेकर दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए मधुमक्खी पालन उद्योग के विकास में लगा हुआ है।

 

योजना के तहत उपलब्धियां इस प्रकार है:

 

अवधि

भौतिक उपलब्धि

निधि का संवितरण/व्यय

(करोड़ रुपये में)

01.01.2021 से

से 30.11.2021

(अस्थायी)

मधुमक्खी के डिब्बे/छत्ते: 5700
लाभान्वित हुए 570

13.96

 

 

17.3 खादी सुधार और विकास कार्यक्रम

योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार सृजन, कारीगरों की आय में वृद्धि, उपकरण लगाने और तकनीकी में सुधार के मामले में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र की महत्वपूर्ण विकास क्षमता को पूरी तरह से महसूस करना और मौजूदा बाजार की जरूरतों के अनुरूप खादी की स्थिति को सुनिश्चित करना है।

 

अवधि

भौतिक उपलब्धि

निधि का संवितरण/व्यय

(करोड़ रुपये में)

01.01.2021 से

से 30.11.2021

(अस्थायी)

वी आई संस्थान की संख्या (डीआरए) : 01

7.10

 

 

17.4. खादी और ग्रामोद्योगों का प्रदर्शन/निष्पादन 1 जनवरी 2020 से 31 अक्टूबर, 2020

(रुपये करोड़ में और रोजगार लाख व्यक्तियों में)

क्रम संख्या

विवरण

1 जनवरी 2020 से 31 अक्टूबर 2020

I.

उत्पादन

 

 

खादी

 

1340.75

बी

ग्रामोद्योग

52819.89

II.

बिक्री

 

खादी

 

1929.29

बी

ग्रामोद्योग

69210.31

III.

रोजगार (बढता हुआ)

 

खादी

 

4.97

बी

ग्रामोद्योग

150.84

 

18. कॉयर विकास योजना:

 

  • कॉयर और कॉयर उत्पादों का निर्यात : 2843.00 करोड़ रूपये (जनवरी 2021 से जुलाई 2021)
  • कॉयर और कॉयर उत्पादों का उत्पादन : 639.000 एमटी (जनवरी 2021 से नवंबर 2021)
  • रोजगार सृजन : 2757 (जनवरी 2021 से नवंबर 2021)

 

19. प्रशिक्षण संस्थानों को सहायता:-

  • जनवरी 2021 से नवंबर 2021 के बीच मंत्रालय और राज्य सरकारों के अधीन 8 संस्थानों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहयोग किया गया
  • अति योजना के तहत 9655 लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।

 

 

20. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:-

 

(i) द्विपक्षीय मामला:

  • एमएसएमई मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस मनाने और देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र के योगदान को अंगीकार करने के लिए 28 जून 2021 को "भारतीय एमएसएमई -अर्थव्यवस्था के विकास इंजन" पर सम्मेलन (वर्चुअल मोड में) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी और एमएसएमई राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने चीफ गेस्ट और गेस्ट ऑफ सेक्रेटरी के रूप में शिरकत की और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ देश भर के व्यापार/उद्योग संघों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एमएसएमई के लाभ के लिए सम्मेलन के दौरान एमएसएमई -कॉमर्स को सक्षम करने जैसे विभिन्न विषयों, नवाचार और बौद्धिक संपदा आदि के माध्यम से एमएसएमई में मूल्य सृजन को सक्षम बनाने को लेकर ज्ञान सत्र आयोजित किए गए।
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा 22 जुलाई 2021 को (वर्चुअल मोड में) ब्रिक्स एमएसएमई गोलमेज 2021 की मेजबानी की गई थी। गोलमेज सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया। गोलमेज विजन में पोस्ट कोविड रोडमैप और एमएसएमई के त्वरित विकास के लिए ब्रिक्स प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा की गई।
  • लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) पर आईबीएसए छठे त्रि-राष्ट्र वर्चुअल सम्मेलन की मेजबानी एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 02-03 सितंबर 2021 तक राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी), ब्राजील की सूक्ष्म और लघु व्यापार सहायता सेवा (एसईबीआरएई), लघु व्यवसाय विकास विभाग (डीएसबीडी) और दक्षिण अफ्रीका की लघु उद्यम विकास एजेंसी (एसईडीए) के सहयोग से की गई थी। त्रि-राष्ट्र शिखर सम्मेलन का विषय था : "स्थायी जनसांख्यिकी के लिए समान आर्थिक अवसर पैदा करने में एसएमई की विकास भूमिका" आईबीएसए देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सम्मेलन में भाग लिया।

 

 

(ii) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी) योजना का संक्षिप्त विवरण:

 

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी) योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) द्वारा प्रशासित केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह योजना 1996 से चली रही है। आईसी योजना दिशानिर्देश 2021 का उद्देश्य विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/व्यापार मेलों/सम्मेलनों/संगोष्ठियों/क्रेता-विक्रेता बैठकों में भागीदारी की सुविधा के साथ-साथ उन्हें व्यवहार्य बाजार की समझ और विभिन्न लागतों की प्रतिपूर्ति कर वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात बाजार में प्रवेश करने के लिए क्षमता निर्माण करना है। यह योजना एमएसएमई को तकनीकी में बदलाव, मांग में बदलाव, नए बाजार के उद्भव आदि से उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को लगातार अपडेट करने का अवसर प्रदान करती है।

 

21. सूचना, शिक्षा और संचार:

उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और ऑडियो/वीडियो फिल्म प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों और युवाओं के बीच मंत्रालय की योजनाओं/पहलों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मंत्रालय द्वारा 'संभव' -राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 27.10.2021 को शुरू किया गया है। लोगों तक पहुंच कार्यक्रम के तहत देश के सभी हिस्सों के विभिन्न कॉलेजों के छात्रों को उद्यमिता अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा पूरे भारत में 02.12.2021 तक कुल 61,481 छात्रों ने "संभव" में भाग लिया है।

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एमजी/एएम/आरकेजे/एसएस



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