शिक्षा मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा 2021 - उच्च शिक्षा विभाग
उच्च शिक्षा व्यवस्था में व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत करने के लिए एनईपी-2020 के तहत पहल
इंटर्नशिप पोर्टल और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट) की शुरूआत
भारतीय ज्ञान व्यवस्था, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान प्रकोष्ठ (नॉलेज सेल) की स्थापना
वर्ष 2022-23 से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी)
Posted On:
31 DEC 2021 4:39PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020
प्रधानमंत्री द्वारा जुलाई 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शुरू की गई थी। उसके बाद के वर्ष में उच्च शिक्षा विभाग (डीओएचई) की ओर से कई तरह की पहल की गई हैं।
i.उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण के लिए (ए) यूजीसी (विश्वविद्यालय के लिए संस्थान) विनियमन 2019 में संशोधन किया गया और (बी) उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) अप्रेंटिसशिप/इंटर्नशिप से अंतरर्निहित डिग्री प्रोग्राम प्रदान कर सकें, इसको लेकर यूजीसी और एआईसीटीई द्वारा दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
ii. 3054 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है, जो अप्रेंटिसशिप (प्रशिक्षुता) के माध्यम से लगभग 9 लाख छात्रों को रोजगार योग्य बनाएगा। इस योजना के तहत छात्रों को उभरती और आगे की तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन तकनीक, नए विकसित और उभरते क्षेत्रों में उत्पादन लिंक प्रोत्साहन योजना के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और सरकार के पीएम गति शक्ति कार्यक्रम में प्रशिक्षुता दी जाएगी।
iii.अप्रेंटिसशिप स्कीम और इंटर्नशिप एंबेडेड कोर्स एक स्थायी कुशलता का इको सिस्टम तैयार करेगा। इंजीनियरिंग शाखा के अलावा मानविकी, वाणिज्य और विज्ञान के छात्रों को अप्रेंटिस देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना का दायरा बढ़ाया गया है।
iv. छात्रों को इंटर्नशिप का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए एआईसीटीई की ओर से इंटर्नशिप पोर्टल शुरू किया गया है। पोर्टल पर वर्तमान में 12.35 लाख प्रशिक्षुता, 73 लाख छात्र और 38650 नियोक्ता पंजीकृत हैं।
v. बड़े बहु विषयक विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर, मास्टर और डॉक्टरेट शिक्षा में कठिन अनुसंधान आधारित विशेषज्ञता देने से शिक्षा, सरकार और उद्योग सहित बहु विषयक कार्यों में अवसर मिलेगा। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा 29.07.2021 को अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का शुभारंभ किया गया। यह अकादमिक बैंक विभिन्न मान्यता प्राप्त एचईआई से प्राप्त अकादमिक क्रेडिट को डिजिटल रूप से संग्रहित करेगा ताकि किसी उच्च शिक्षा संस्थान से अर्जित किए गए क्रेडिट को ध्यान में रखते हुए डिग्रियां प्रदान की जा सकें। यूजीसी ने विनियमों के माध्यम से एचआई को आवश्यक सक्षम तंत्र उपलब्ध कराया है।
vi. एक से ज्यादा बार प्रवेश और निकास बिंदुओं को सक्षम बनाने के लिए वर्तमान की कठिन सीमाओं को हटाने और जीवन भर सीखने के लिए नई संभावनाएं पैदा करने को लेकर यूजीसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में अकादमिक कार्यक्रम में एकाधिक प्रवेश/निकास पर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
vii. सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन शिक्षण और सीखना विकल्पों में से एक है। इसके अनुसार यूजीसी ने ओपन डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) और ऑनलाइन कार्यक्रम विनियम 2020 को अधिसूचित किया और यूजीसी (स्वयं के माध्यम से ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क) विनियमन 2021, जिसमें ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की पेशकश करने के लिए एचईआई की योग्यता को व्यापक आधार दिया गया है साथ ही एमओओसी स्वयं का उपयोग करके क्रेडिट के लिए अनुमत पाठ्यक्रमों के प्रतिशत को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।
viii. इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस आईओई को ऑफशोर कोर्स (शिक्षा के वैश्वीकरण के लिए) की पेशकश करने के लिए यूजीसी ने यूजीसी (प्रतिष्ठित डीम्ड संस्थान विश्वविद्यालय बन सकते हैं) अधिनियम में संशोधन किया गया है।
ix.भारतीय ज्ञान व्यवस्था, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में नॉलेज सेल (ज्ञान प्रकोष्ठ) की स्थापना की गई है।
x.शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा/स्थानीय भाषा का उपयोग करने के लक्ष्य को प्राप्त करने, और/या द्विभाषी कार्यक्रमों की पेशकश करने, सकल नामांकन अनुपात की पहुंच और ताकत बढ़ाने और सभी भारतीय भाषाओं के गुण के उपयोग और जीवंतता को बढ़ावा देने के लिए जेईई (मेन) और एनईईटी ( यूजी), इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय परीक्षाएं अंग्रेजी के अलावा 12 भाषाओं में आयोजित की गई हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से दस राज्यों में छह भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम चलाने के लिए 19 इंजीनियरिंग कॉलेजों को मंजूरी दी है।
xii. एआईसीटीई ने "एआईसीटीई ट्रांसलेशन ऑटोमेशन एआई टूल" नामक उपकरण भी विकसित किया है, जिसका उद्देश्य अंग्रेजी भाषा के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को ग्यारह विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद करना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक पहुंच बनाई जा सके।
स्वयं
i. स्वयं प्लेटफॉर्म के माध्यम से अब तक पेश पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट ट्रांसफर को स्वीकार करने को लेकर एक सौ चौवन (154) विश्वविद्यालय पटल (बोर्ड) पर आ गए हैं।
ii. शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से कला, वाणिज्य और विज्ञान और इंजीनियरिंग में प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों को अंग्रेजी के अलावा 12 स्थानीय भाषाओं में स्वयं मंच पर उपलब्ध कराने की योजना है ताकि स्थानीय माध्यम से छात्रों को अच्छी तरह से अध्ययन करने और उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद मिल सके। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एएल और एमएल का उपयोग किया जाएगा।
ई-पीजीपाठशाला : पीजी पाठ्यक्रमों का ऑनलाइन प्रवेशद्वार
i. सूचना संचार प्रौद्योगिकी (एनएमई-आईसीटी) के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा मिशन को किसी भी समय किसी भी समय उच्च शिक्षा संस्थानों में सभी शिक्षार्थियों के लाभ के लिए शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया में आईसीटी की क्षमता का लाभ उठाने को लेकर केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में परिकल्पित किया गया है ।
ii. यह भारत में पीजी पाठ्यक्रमों की सामग्री वाले सबसे बड़े ओईआर संग्रह में से एक है।
iii. यह शिक्षकों और छात्रों की बेहतरी को लेकर पीजी कार्यक्रमों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ई-सामग्री प्रदान करता है।
iv. यह विभिन्न प्रकार की असमानताओं जैसे अमीर/गरीब, शहरी/ग्रामीण, जाति और धर्म आधारित असमानताओं, भौगोलिक विषमताओं, क्षेत्रीय असमानताओं आदि का भी समाधान करता है।
v. 67 विषयों में 23000 से ज्यादा ई-मॉड्यूल वाले 778 पेपर तैयार किए गए हैं, इनमें 23 विषयों में पूरे पाठ्यक्रम/सिलेबस को शामिल किया गया है।
vi. अंतरराष्ट्रीय समेत लगभग 1.3 करोड़ से अधिक लोगों ने ई-पीजी पाठशाला साइट का मुआयना किया है। अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों का विवरण इस प्रकार है : यूएसए से 11843, यूके से 7190, ऑस्ट्रेलिया से 8615, रूस से 13579, पाकिस्तान से 7215, यूएई से 3924, चीन से 28745, न्यूजीलैंड से 366, जापान से 6722 और जर्मनी से 23592 लोगों ने साइट का विजिट किया है।
vii. यू-टयूब चैनल विद्या-मित्र के 557000 सब्सक्राइबर (अभिदाता) हैं और कुल 63864531 वीडियो देखे जा चुके हैं।
viii. विश्वविद्यालयों द्वारा मिश्रित (ब्लेंडेड) शिक्षा के लिए ई-पीजीपाठशाला सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।
ix. ई-पीजी पाठशाला की सामग्री को आई-एलएमएस के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों को सीखने की प्रबंधन प्रणाली के लिए वितरित किया गया है।
x.दो उप उत्पाद जैसे ई-पाठ्य (सभी ई-पीजी वीडियो के लिए ऑफलाइन एक्सेस) और ई-अध्यायन (ई-बुक्स) विकसित किया गया है।
xi. हाल ही में कोविड 19 लॉकडाउन के कारण सभी विश्वविद्यालयों में ई-पीजीपाठशाला वेबसाइट का व्यापक रूप से उपयोग किया गया और कई विश्वविद्यालयों ने ई-पीजीपाठशाला सामग्री को रूम में एक नजर देखने के रूप में उपयोग किया है।
xii. यूजीसी ने 2020 में ई-पीजी पाठशाला परियोजना की समीक्षा के लिए एक मूल्यांकन/परिणाम समीक्षा समिति का गठन किया।
समिति ने महसूस किया कि ई-पीजीपाठशाला शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए मुक्त शिक्षा संसाधन के रूप में बहुत उपयोगी साबित हुई है और इस योजना को जारी रखने की जोरदार अनुशंसा की और सिफारिश की कि ई-पीजी पर अपलोड किए गए पाठ्यक्रमों का अनुवाद करने के प्रयास किए जाने चाहिए। पाठशाला पोर्टल शुरू में आठ क्षेत्रीय भाषाओं हिंदी, मराठी, तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़, बांग्ला और गुजराती में इसे करेगा।
आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम)
भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े 75 गुमनाम नायकों, घटनाओं, स्थानों, संगठनों और साहित्य की पहचान करने के लिए देशव्यापी संगोष्ठियों का आयोजन कर रही है, जिसका बाद में प्रकाशन किया जाएगा। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अज्ञात और गुमनाम नायकों/ व्यक्तियों, विस्मृत स्थानों और घटनाओं को लेकर 75 पुस्तकों का प्रकाशन कर रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय पुस्तक न्यास उन गुमनाम व्यक्तियों पर 75 पुस्तकें भी प्रकाशित कर रहा है जिन्होंने आजादी के बाद देश को संवारने में अपना योगदान दिया है। जनवरी 2022 को नवाचार इको सिस्टम मनाने के लिए चिन्हित किया गया है।
इस महीने के दौरान मंत्रालय का नवाचार प्रकोष्ठ छात्र नवाचारों को प्रदर्शित करने, छात्रों और संकाय द्वारा विकसित 75 अभिनव तकनीकों को धन देने और इनक्यूबेशन सहायता प्रदान करने साथ ही बौद्धिक संपदा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए "कपिला अभियान" शुरू करने को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा।
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने सिफारिश की है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतर स्नातक व स्नातक प्रवेश और फेलोशिप के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए एनटीए प्रमुख, विशेषज्ञ, स्वायत्त परीक्षण संगठन के रूप में कार्य करेगा। इसके तहत यह निर्णय लिया गया है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वर्ष 2022-23 से प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाने वाली कॉमन यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में एक समान प्रवेश परीक्षा होगी।
यह परीक्षा वैचारिक समझ और ज्ञान को लागू करने की क्षमता का परीक्षण करेगी। इसका उद्देश्य इन परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेने की आवश्यकता को समाप्त करना होगा। इस प्रक्रिया से छात्रों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों एवं पूरी शिक्षा व्यवस्था पर बोझ कम होगा।
राज्य पात्रता परीक्षा एसईटी
वर्ष 2021 के दौरान यूजीसी ने एसईटी आयोजित करने को लेकर निम्नलिखित राज्य नोडल एसईटी एजेंसियों को मान्यता दी :
तमिलनाडु एसईटी (नोडल एजेंसी. अन्नामलाई विश्वविद्यालय, अन्नामलाई नगर, तमिलनाडु)
पश्चिम बंगाल एसईटी (नोडल एजेंसी. पश्चिम बंगाल कॉलेज सेवा आयोग)
जम्मू कश्मीर और लद्दाख एसईटी (नोडल एजेंसी. जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू)
एक भारत श्रेष्ठ भारत
एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत मंत्रालय ने दो मोबाइल ऐप लॉन्च किए हैं। इनमें पहले भाषा संगम में 22 भारतीय भाषाओं में दैनिक बातचीत के 100 वाक्यों का संग्रह है और इसका उद्देश्य एकेएएम अवधि के दौरान कम से कम 75 लाख लोगों को सिखाना है। दूसरा मोबाइल ऐप भारत के विभिन्न राज्यों पर मजेदार क्विज गेम (खेल प्रश्नोत्तरी ) है। दोनों ऐप्स में स्वयं परीक्षण और प्रमाण पत्र उत्पत्ति की गुंजाइश हैं।
उन्नत भारत अभियान
i.ग्रामीण जिलों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्नत भारत अभियान योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को समझने और काम करने के लिए प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों (केंद्रीय और राज्य, सार्वजनिक और निजी) को शामिल करना है।
ii. ग्रामीण भारत को समृद्ध बनाने के इरादे से उच्च शिक्षा संस्थानों से कम से कम 5 गांवों को गोद लेने और स्थानीय जरूरतों के अनुसार उपलब्ध तकनीकों को अनुकूलित करने और मौजूदा सरकारी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सुधार करने की अपेक्षा की जाती है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि कार्यक्रम तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण भारत के संवर्धन पर केंद्रित है। अभी तक 2897 (-2900) संस्थाएं भाग ले रही हैं और योजना के तहत -14500 गांवों को उनके द्वारा गोद लिया गया है। इस योजना को 48.53 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय पर और 5 साल की अवधि के लिए मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
छात्रवृत्ति योजनाएं
कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए केंद्रीय क्षेत्र की छात्रवृत्ति योजना :.
i. 06.07.2021 को आयोजित अपनी बैठक में ईएफसी ने कुल 1325.00 करोड़ रुपये की लागत से सीएस योजना "कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति" को जारी रखने की सिफारिश की।
ii. शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए 18 अगस्त 2021 को नए और नवीनीकरण (फ्रेश और रिन्यूअल) ऑनलाइन आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल को खोला गया है। अब तक एनएसपी पर 99957 नए और 115582 नवीनीकरण आवेदन प्राप्त हुए हैं।
iii. इस वर्ष (नवंबर तक) 166.78 करोड़ रुपये से 157528 छात्रवृत्तियां वितरित की गई हैं।
केंद्रीय क्षेत्र की ब्याज सब्सिडी योजना सीएसआईएस और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल)
i. 06.07.2021 को आयोजित अपनी बैठक में ईएफसी ने 7721.19 करोड़ रूपये की लागत से सीएसआईएस और सीजीएफएसईएल को अगले पांच वर्षों के लिए 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखने की सिफारिश की।
ii. पीएफएमएस के साथ सफलतापूर्वक केनरा बैंक वेब पोर्टल का पीएफएमएस एकीकरण किया गया। नए पीएफएमएस इंटरफेस के माध्यम से भुगतान फाइलें स्थानांतरित की जा रही हैं।
iii. सीएसआईएस योजना के तहत दावा वर्ष 2020-21 के लिए वेब पोर्टल 01.11.2021 को 31.12.2021 तक खोला गया।
iv. आर/ओ की संख्या 794694 के दावों को लेकर सीएसआईएस और सीजीएफएसईएल के तहत कुल 1623.52 करोड़ रूपये खर्च किए गए।
जम्मू कश्मीर के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना
i. ईएफसी ने 06.07.2021 को हुई बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 के दौरान जम्मू.कश्मीर और लद्दाख के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना को 1111.81 करोड़ रुपये की कुल लागत से जारी रखने की सिफारिश की थी।
ii. इस वर्ष (नवंबर तक) कुल 144 करोड़ रुपये से 14665 छात्रवृत्ति वितरित की गई है।
सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय
लद्दाख के केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मानसून सत्र में संसद द्वारा एक अधिनियम पारित किया गया और इसे 13.08.2021 को अधिसूचित किया गया।
उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी
i. एचईएफए स्वास्थ्य मंत्रालय के एचईआई, केवी, एनवी, एम्स और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए वित्त प्रदान करता है।
ii. 2022 तक की परियोजनाओं को निधि देने के लिए 100000 करोड़ रुपये है।
iii. 30 नवंबर 2021 तक 43115.00 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
iv. 32807.06 करोड़ रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की गई और वस्तुतः 12892.98 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
v. एचईएफए के माध्यम से वित्त पोषण करने वाले शैक्षणिक संस्थानों की संख्या 97 है।
आईआईएसईआर
आईआईएसईआर तिरुपति और आईआईएसईआर बेरहामपुर के स्थायी परिसरों को क्रमशः 1137.16 करोड़ और 1129.32 करोड़ रुपये की पूंजी लागत के साथ स्थापित किया जाएगा। आईआईएसईआर तिरुपति और बरहमपुर ने अगले साल से स्थायी परिसरों में शिफ्ट करने की योजना बनाई है।
विश्वविद्यालय बनने वाले डीम्ड संस्थान
i. वर्ष 2021 के दौरान मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, 68, अशोक रोड, नई दिल्ली 110001 को डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया। ग्यारह प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।
ii. यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 12 बी के तहत निम्नलिखित डीम्ड विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है :
1.श्री बालाजी विद्यापीठ, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, पुडुचेरी।
2.वेल्स इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एडवांस स्टडीज ;वीआईएसटीएएस द्ध, पल्लावरम, चेन्नई, तमिलनाडु।
3.भारत उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
iii. निम्नलिखित डीम्ड विश्वविद्यालयों के ऑफ.कैंपस केंद्र को मंजूरी दी गई है।
1.एस. आर. एम. विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु।
2.आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन हैदराबाद, तेलंगाना।
महिला अध्ययन/जेंडर सेंसिटाइजेशन (लिंग संवेदीकरण) अनुभाग
i. इस योजना के तहत वर्तमान में विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 159 महिला अध्ययन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
ii. यूजीसी ने महिला अध्ययन केंद्रों के लिए विशिष्ट/स्वतंत्र ऑनलाइन पोर्टल बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
iii. यूजीसी ने 07.12.2021 को विश्वविद्यालयों /संबद्ध महाविद्यालयों में कार्यस्थल (महिला कर्मचारियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण विनियम 2015) में यौन उत्पीड़न पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रमों के लिए परामर्श जारी किया है।
iv. यौन उत्पीड़न के मामलों पर वार्षिक विवरण : यूजीसी साल में एक बार सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को परामर्श भेजकर यौन उत्पीड़न के मामलों पर वार्षिक विवरणी के संबंध में जानकारी भेजने और आंतरिक शिकायत समिति का गठन करने व सक्षम वेबपोर्टल पर लिंग लेखा परीक्षण का ऑनलाइन विवरण भरने के अनुरोध के साथ अपने संबद्ध कॉलेजों को भी सूचित करने का आग्रह किया है। नवीनतम एडवाइजरी 10.06.2021 को अपलोड की गई है।
v. लिंग चैंपियंस के दिशा निर्देशों को लागू करने के लिए रू यूजीसी साल में एक बार सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को जेंडर चैंपियंस के दिशानिर्देशों को लागू करने के अनुरोध के साथ एडवाइजरी भेजता है और सक्षम वेब पोर्टल पर जेंडर चैंपियन के ऑनलाइन विवरण भरने के साथ अपने संबद्ध कॉलेजों को भी इसकी सूचना देने का आग्रह किया है। नवीनतम एडवाइजरी 13.07.2021 को अपलोड की गई है। सभी एडवाइजरी यूजीसी की वेबसाइट . www.ugc.ac.in और saksham.ugc.ac.in.पर उपलब्ध हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
i. 2021 में स्टाइपेंडियम हंगारिकम कार्यक्रम के तहत 173 भारतीय छात्रों को सम्मानित किया गया।
ii. भारत-इजरायल संयुक्त अनुसंधान योजना के तहत कार्यक्रम का तृतीय पक्ष मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार की गई।
iii. 2021 में एनईपी के अनुरूप उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को लेकर 29.07.2021 को दिशानिर्देश जारी किए गए थे, विश्वविद्यालयों में 164 अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कार्यालय स्थापित किए गए जबकि 156 विश्वविद्यालयों ने एलुमनी कनेक्ट सेल की स्थापना की।
****
एमजी/एएम/आरकेजे/
(Release ID: 1786912)
Visitor Counter : 577