जल शक्ति मंत्रालय

जल जीवन मिशन के अंतर्गत मध्यप्रदेश में पेयजल आपूर्ति योजनाओं के लिए 15,381.72 करोड़ रुपए स्वीकृत


15 जिलों को कवर करने वाली 22 वृहत पेयजल जलापूर्ति योजनाओं से 9,240 गांवों में 22 लाख परिवारों को लाभ होगा

मध्य प्रदेश की 2023 तक 'हर घर जल' वाला राज्य बनने की योजना है

Posted On: 30 DEC 2021 5:15PM by PIB Delhi

मध्य प्रदेश राज्य में जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में पेयजल आपूर्ति योजनाओं के लिए 15,381.72 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। 1.09 करोड़ से अधिक ग्रामीण आबादी को नल से जल के कनेक्शन प्रदान करने के लिए 22 बहु-ग्राम योजनाओं को मंजूरी दी गई। ये 22 योजनाएं रीवा, सतना, सीहोर, सीधी, अलीराजपुर, बड़वानी, जबलपुर, पन्ना, मंडला, सागर, कटनी, धार, श्योपुर, उमरिया और खरगोन जिले के 9240 गांवों के निवासियों को लाभांवित करेंगी। चूंकि राज्य की योजना 2023 तक सभी ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति करने की है, इसलिए इस समय इन योजनाओं की मंजूरी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।

इन सभी गांवों में लोगों को गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है। उम्मीद है कि इन 9,240 गांवों में रहने वाले 22 लाख से अधिक परिवारों को नियमित आधार पर अगले 30-40 वर्षों तक नल का स्वच्छ पानी पर्याप्त रूप से मिलेगा।

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जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए की जाने वाली योजनाओं पर विचार और अनुमोदन के लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) के गठन का प्रावधान है। एसएलएसएससी जल आपूर्ति योजनाओं/परियोजनाओं पर विचार करने के लिए एक राज्य स्तरीय समिति के रूप में कार्य करता है और भारत सरकार के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) का एक नामांकित व्यक्ति समिति का सदस्य होता है।

वर्ष 2021-22 में राज्य को 5,117 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें से 2,558 करोड़ रुपये की राशि 'हर घर जल' कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए मध्य प्रदेश को पहले ही जारी की जा चुकी है। इससे महिलाओं और बच्चों को होने वाले कठिन परिश्रम में काफी कमी आएगी। अभी महिलाओं और बच्चों को काफी दूर तक जल स्रोतों से पानी लाने में हर दिन घंटों खर्च करने पड़ते हैं।

15 अगस्त 2019 को, जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, राज्य में केवल 13.53 लाख (11 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति होती थी। पिछले 28 महीनों में, कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की बाधाओं के बावजूद, राज्य ने 31.63 लाख (25.8 प्रतिशत) घरों में नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए हैं। अभी तक राज्य के 1.22 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 45.16 लाख (36.93 प्रतिशत) को उनके घरों में नल का पानी मिल रहा है। राज्य की 2021-22 में 22.1 लाख घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है।

हर घर में स्वच्छ नल का पानी सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को पूरा करने के लिए, मिशन ने 2021-22 के दौरान मध्य प्रदेश को 2,558.39 करोड़ रुपए अनुदान सहायता के रूप में जारी किए हैं। इस वर्ष केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 5,116.79 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के आवंटन से चार गुना अधिक है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने चार गुना वृद्धि को मंजूरी देते हुए दिसंबर, 2023 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए राज्य को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया।

बैठक में एनजेजेएम टीम ने कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, प्रभावी सामुदायिक योगदान की आवश्यकता पर बल दिया और राज्य को जल आपूर्ति योजनाओं में दूषित जल प्रबंधन के प्रावधान को शामिल करने की सलाह दी क्योंकि यह जल जीवन मिशन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है।

देश में स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को सुरक्षित नल का पानी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की, जिसे केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2 अक्टूबर 2020 को शुरू किया था। शिक्षा केंद्रों में उपलब्ध कराए जाने वाले नल के पानी का उपयोग बच्चों और शिक्षकों द्वारा पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में किया जाता है। मध्य प्रदेश के 68,811 स्कूलों (73 प्रतिशत) और 40,357 आंगनवाड़ी केंद्रों (60 प्रतिशत) को उनके परिसरों में नल का पानी उपलब्ध कराया गया है। राज्य से शेष विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में जल्द से जल्द नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।

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'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के अनुरूप काम करते हुए, जल जीवन मिशन का आदर्श वाक्य 'कोई भी छूटेगा नहीं' है और इसका उद्देश्य पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति के लिए सार्वभौम पहुंच है। 2019 में मिशन की शुरुआत में, देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) परिवारों के पास नल के पानी की आपूर्ति थी। पिछले 28 महीनों के दौरान, कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन बाधाओं के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया है और आज, 5.50 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। वर्तमान में, देश भर में 8.74 करोड़ (45.5 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों में नल के पानी की आपूर्ति उपलब्ध है। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तथा पुद्दुचेरी, दादरा और नगर हवेली और दमण तथा दीव के केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया है। वर्तमान में 84 जिलों के प्रत्येक घर और 1.30 लाख से अधिक गांवों को अपने घरों में नल का पानी मिल रहा है।

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