वित्त मंत्रालय
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), अहमदाबाद के अधिकारियों ने स्थानीय सेंट्रल जीएसटी अधिकारियों के सहयोग से कानपुर में तलाशी अभियान चलाया
Posted On:
24 DEC 2021 4:40PM by PIB Delhi
खुफिया जानकारी पर, गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), अहमदाबाद के अधिकारियों ने स्थानीय सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों के सहयोग से 22.12.2021 को कानपुर में तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान में एम/एस तिरुमूर्ति फ्रैगरैंस प्रा. लि., कानपुर, शिखर ब्रांड पान मसाला व तम्बाकू उत्पादों के विनिर्माताओं के फैक्ट्री परिसरों और सामान की ढुलाई में शामिल एम/ एस गणपति रोड कैरियर्स, ट्रांसपोर्ट नगर, कानुपर के कार्यालय/ गोदामों को कवर किया गया था।
सूचना से विनिर्माता द्वारा लागू कर के भुगतान के बिना ही सामानों की गैर कानूनी आपूर्ति के संकेत मिले थे। ट्रांसपोर्टर सामान की ढुलाई के दौरान ई-वे बिल से बचने के लिए ऐसी कंपनियों के नाम पर कई इनवॉयस का इस्तेमाल करता था, जो सभी 50,000 रुपये से कम की होती थीं। ट्रांसपोर्टर इस गैर कानूनी आपूर्ति की बिक्री से मिली धनराशि को नकद में ले रहा था और अपना कमीशन काटने के बाद विनिर्माता को सौंप रहा था।
अधिकारियों ने शुरुआत में फैक्ट्री परिसर के बाहर ऐसे 4 ट्रकों को सफलतापूर्वक पकड़ा और सीज कर लिया, जो बिना इनवॉइस और ई-वे बिलों के फैक्ट्री से बाहर निकल थे जिससे मिली सूचना की पुष्टि हो गई थी।
फैक्ट्री परिसरों के भीतर, भौतिक रूप से स्टॉक लेने के दौरान, कच्चे माल और तैयार उत्पादों की कमी देखी गई, क्योंकि तैयार उत्पादों को गैर कानूनी रूप से बाहर निकाला गया था। कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता ने स्वीकार किया कि जीएसटी के बिना सामान को बाहर भेजा गया है।
ट्रांसपोर्टर एम/एस गणपति रोड कैरियर्स के परिसरों में जीएसटी के भुगतान के बिना सामान की ढुलाई के लिए इस्तेमाल की गईं 200 से ज्यादा फर्जी इनवॉइस मिलीं। ट्रांसपोर्टर ने भी स्वीकार किया कि फर्जी इनवॉइसेस के तहत ई-वे बिलों के बिना सामान बाहर भेजा गया था और बिक्री की धनराशि नकद में लेकर विनिर्माता को सौंपी जा रही थी। ट्रांसपोर्टर के कब्जे से 1.01 करोड़ रुपये की धनराशि नकद में जब्त की गई।
खुफिया जानकारी के आधार पर, परफ्यूमरी कम्पाउंड की आपूर्ति करने वाली एम/एस ओडोकेम इंडस्ट्री, कन्नौज, यूपी के साझीदारों के 143, आनंदपुरी, कानपुर स्थित आवासीय परिसरों की भी तलाशी ली गई, जहां ज्यादातर नकदी प्राप्त हुई। संदेह था कि बिक्री से मिली नकद धनराशि को परिसरों में छिपाकर रखा गया है।
आवासीय परिसरों की तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में कागज में लिपटी नकद धनराशि प्राप्त हुई। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कानपुर के अधिकारियों की सहायता से नकदी की गिनती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जो 24.12.2021 की शाम तक जारी रह सकती है। कुल नकदी 150 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है।
एजेंसी ने जांच पूरी होने तक सीजीएसटी अधिनियम की धारा 67 के प्रावधानों के तहत नकदी को जब्त करने का प्रस्ताव किया है।
कर बकायों के रूप में 3.09 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। संवेदनशील प्रकृति के कारण इस जांच में आगे के जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
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एमजी/एएम/एमपी/डीए
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