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राष्ट्रीय कैडेट कोर और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने प्लास्टिक अपशिष्ट के पुन: उपयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 18 DEC 2021 4:11PM by PIB Delhi

प्रमुख विशेषताएं:

  • महीने भर चलने वाले कार्यकलाप में 127 तटीय क्षेत्र एनसीसी यूनिट के कुल 3,40,000 कैडेट भाग ले रहे हैं
  • विभिन्न स्थानों पर एनसीसी कैडेटों ने लगभग छह टन प्लास्टिक अपशिष्ट एकत्रित किया है
  • एकत्रित प्लास्टिक अपशिष्टों को सड़क निर्माण में उपयोग के लिए एनएचएआई के सुपुर्द किया जाएगा

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पूरे देश में एनएचएआई द्वारा सड़कों के निर्माण के लिए पुनीत सागर अभियान और अन्य स्वच्छता कार्यकलापों के दौरान एनसीसी कैडेटों द्वारा एकत्रित किए गए प्लास्टिक अपशिष्टों का फिर से उपयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। पर्यावरण सुरक्षा के लिए अनुकूल परिस्थितियों को बढ़ावा देने और उनका सृजन करने के लिए, एनसीसी ने एक राष्ट्रव्यापी अभियान पुनीत सागर अभियान आरंभ किया है, जो समुद्र के किनारे से प्लास्टिक और अन्य अपशिष्टों से समुद्र तटों को साफ करता है और समुद्र तटों को प्लास्टिक अपशिष्ट से मुक्त रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।

अभियान का उद्देश्य स्थानीय आबादी और आने वाली पीढ़ियों के बीच 'स्वच्छ समुद्र तटों के महत्व' के संदेश का प्रचार करना है। महीने भर चलने वाले कार्यकलाप में 127 तटीय क्षेत्र एनसीसी यूनिट के कुल 3,40,000 कैडेट भाग ले रहे हैं। अब तक, विभिन्न स्थानों पर एनसीसी कैडेटों ने इन क्षेत्रों से लगभग छह टन प्लास्टिक अपशिष्ट एकत्रित किया है।

एकत्रित किए गए प्लास्टिक अपशिष्ट को एनएचएआई के सुपुर्द किए जाने की योजना है जिसका उपयोग वे सड़क निर्माण में कर सकते हैं। एनसीसी और एनएचएआई के बीच समझौता ज्ञापन पर 17 दिसंबर 2021 को एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक श्री सुशील कुमार मिश्रा द्वारा हस्ताक्षर और आदान-प्रदान किया गया है।

राष्ट्रीय कैडेट कोर ने एकत्रित किए गए प्लास्टिक अपशिष्ट के पुनर्चक्रण और लाभकारी उपयोग में उनके सहयोग के लिए आईआईटी और एनआईआईटी से भी संपर्क किया है। आईआईटी खड़गपुर इसमें अपनी तकनीकी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए पहले ही सहमत हो चुका है। राष्ट्रीय कैडेट कोर प्लास्टिक अपशिष्ट के पुनर्चक्रण में शामिल गैर सरकारी संगठनों से भी संपर्क कर रहा है, जिनमें से एक, ओडिशा युवा चेतना संगठन ने पहले ही सहायता उपलब्ध कराने के लिए सहमति दे दी है।

समुद्र तटों की व्यवहारिक रूप से सफाई करने के अतिरिक्त, कैडेटों ने लोगों को प्लास्टिक के उपयोग की बुराइयों और नुकसान तथा प्लास्टिक से हमारे प्राकृतिक संसाधनों को होने वाली हानि के बारे में शिक्षित करने के लिए जन जागरूकता अभियान भी आरंभ किया है। ये कैडेट तटीय क्षेत्रों में आम लोगों, पर्यटकों, स्थानीय दुकानदारों / विक्रेताओं और मछुआरों के साथ परस्पर बातचीत कर रहे हैं, पैम्फलेट वितरित कर रहे हैं, लक्षित आबादी को शपथ दिला रहे हैं, स्वच्छ समुद्र तटों के महत्व का संदेश घर तक पहुंचाने के लिए नुक्कड़ नाटकों और रैलियों / पैदल पहरेदारी पर आधारित थीम का प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक, 64 विभिन्न स्थानों पर लगभग 1.5 लाख कैडेटों ने पुनीत सागर अभियान में भाग लिया है और लगभग 17 लाख की आबादी को प्रभावित किया है।

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