रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सीएसआर कॉन्क्लेव के दौरान वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष में प्रमुख योगदान कर्ताओं को सम्मानित किया


पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए उदार रुख अपनाते हुए दान की अपील

Posted On: 02 DEC 2021 5:24PM by PIB Delhi

रक्षा मंत्री के भाषण के प्रमुख बिंदु:

  • हमारे सशस्त्र बलों ने हमेशा युद्धों के दौरान और सीमा पार से आतंकी गतिविधियों का मुकाबला करके भारत की अखंडता व संप्रभुता की रक्षा की है
  • पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके परिवारों का साथ देना हमारा नैतिक दायित्व है
  • जिस तरह हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे सैनिकों पर टिकी हुई है, उसी तरह उनकी और उनके परिवारों की जिम्मेदारी हम पर टिकी हुई है
  • निजी क्षेत्र को सरकार की नीतियों का लाभ उठाना चाहिए और देश की प्रगति में भूमिका निभानी चाहिए

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिनांक 02 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में सशस्त्र बल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) सम्मेलन के तीसरे संस्करण के दौरान वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2020-21 के लिए सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष (एएफएफडीएफ) में प्रमुख योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया। भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष श्री दिनेश खारा और कार्यकारी निदेशक सन टीवी समूह श्रीमती कावेरी कलानिधि उन प्रमुख योगदानकर्ताओं में से थे जिन्हें इस अवसर पर सम्मानित किया गया।

अपने संबोधन में श्री राजनाथ सिंह ने उन सभी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने एएफएफडीएफ में बहुमूल्य योगदान दिया और पूर्व सैनिकों, वीर नारियों तथा उनके आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण के लिए अधिक उदार ढंग से दान देने की अपील की। उन्होंने युद्ध के दौरान देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के साथ-साथ सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान की सराहना की। उन्होंने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

रक्षा मंत्री ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ संघर्ष के दौरान विभिन्न स्थानों पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, सामुदायिक निगरानी, ​​​​अलग-अलग स्थानों पर क्वारंटाइन सुविधाओं के प्रबंधन में नागरिक प्रशासन की स्वेच्छा से मदद करने के लिए पूर्व सैनिकों की भी सराहना की। यह कहते हुए कि सरकार पूर्व सैनिकों सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है, उन्होंने उनके कल्याण को लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी और नैतिक दायित्व बताया कि वे आगे आएं और सैनिकों तथा उनके परिवारों का साथ दें।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, "जिस तरह हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे जवानों पर है, उसी तरह उनकी और उनके परिवार की जिम्मेदारी हम सब पर है। हमारे सैनिक बोर्डों के माध्यम से पूरे देश में मनाया जाने वाला 'गौरव माह' इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का एक तरीका है। राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए हमें बड़े और खुले दिमाग से आगे आना चाहिए। हमें व्यक्तिगत या संस्थागत प्रसिद्धि से ऊपर उठकर अपने देश और अपने सैनिकों के कल्याण के लिए काम करना है।"

रक्षा मंत्री ने स्वतंत्रता से पहले और बाद में सशस्त्र बलों के लिए आम जनता द्वारा किए गए योगदान को याद किया और कहा कि यह भावना हमेशा भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है। उन्होंने 'भारत के वीर' का उल्लेख किया, जो उनके गृह मंत्री रहते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों और जवानों के कल्याण के लिए शुरू किया गया था।

श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और राष्ट्र की प्रगति में अपनी भूमिका निभाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों का लाभ उठाने के लिए उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रतिनिधियों का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, "हमने निजी क्षेत्र की शक्ति और देश की प्रगति में उनकी भूमिका को पहचाना। हमने निजी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 2014 से हर संभव प्रयास किया है। रक्षा क्षेत्र अब आपके स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। आपकी प्रगति इस राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करेगी और आगे जाकर यह हमारे सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण का माध्यम बनेगी। यह सभी के लिए फायदे की स्थिति होग ।"

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने एएफएफडीएफ में स्वैच्छिक योगदान की सराहना की। उन्होंने योगदानकर्ताओं से सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण के सरकार के दृष्टिकोण में भागीदार बने रहने का आग्रह किया। उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपदाओं के दौरान समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सशस्त्र बलों के अनुशासन, समर्पण और क्षमताओं की सराहना की।

श्री बी आनंद सचिव (भूतपूर्व सैनिक कल्याण) ने एएफएफडीएफ द्वारा प्रायोजित 17 योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें पेन्यूरी ग्रांट, शिक्षा अनुदान और विवाह अनुदान शामिल हैं, जो भूतपूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों को सहारा देते हैं। उन्होंने कहा कि इन 17 योजनाओं के लिए सालाना कुल 210 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, हालांकि, एएफएफडीएफ हर साल केवल 95 करोड़ रुपये ही जुटा पाता है, जिसमें आंतरिक उपार्जन और संग्रह शामिल हैं। उन्होंने लाभार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोष में उदार ढंग से योगदान देने का आह्वान किया।

वित्त वर्ष 2020-21 में 32.86 करोड़ रुपये का योगदान मिला, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में 47.73 करोड़ रुपये का योगदान था। वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग 38,000 से अधिक व्यक्तिगत लाभार्थियों को 133 करोड़ रुपये वितरित किए गए। किरकी और मोहाली में पैराप्लेजिक रिहैबिलिटेशन सेंटर, देहरादून, लखनऊ और दिल्ली में चेशायर होम्स और देश भर में 36 वॉर मेमोरियल हॉस्टल को संस्थागत अनुदान भी प्रदान किया गया।

सशस्त्र बल फ्लैग डे सीएसआर कॉन्क्लेव का उद्देश्य भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग, रक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण के उपायों को उजागर करना तथा इन प्रयासों के लिए सीएसआर समर्थन जुटाना है।

सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष में कॉर्पोरेट योगदान कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत सीएसआर दायित्व को पूरा करने के लिए पात्र हैं क्योंकि यह 'सशस्त्र सेना के पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के लाभ के उपायों' का पालन करता है (अनुसूची VII का खंड VI) कंपनी अधिनियम, 2013) और सीएसआर गतिविधियों (पंजीकरण संख्या CSR00011199) करने के लिए कंपनियों के रजिस्ट्रार के कार्यालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत है। फंड में योगदान आयकर से मुक्त है।

कॉन्क्लेव के दौरान केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव, एयर कमोडोर बी. अहलूवालिया, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी तथा कॉर्पोरेट और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC04YOO7.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC07XEIQ.jpg

एमजी/एएम/एबी/वाईबी



(Release ID: 1777486) Visitor Counter : 287


Read this release in: English , Urdu