सूचना और प्रसारण मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav
iffi banner

आईएफएफआई 52 के प्रतिनिधियों को लघु फिल्म निर्माण के लिए वैश्विक परिप्रेक्ष्य मिला, महोत्‍सव में ओटीटी प्लेटफॉर्म की पहली बार हुई भागीदारी


निर्माता को कलाकार के सपनों को साकार होने तक ले जाना होता है: आईएफएफआई 52 मास्टरक्लास में गोबेलिन्स के शिराज बाजिन मौसी

'आइडिया कितना भी छोटा क्यों न हो उसे निर्माताओं को प्रभावित करना महत्वपूर्ण है'

आईएफएफआई 52 में नेटफ्लिक्स द्वारा गोबेलिन्स मास्टरक्लास का प्रदर्शन

 

आईएफएफआई के हरेक संस्‍करण में सिनेमाई अनुभव में विस्‍तार होने के साथ ही फिल्म प्रेमियों का स्‍वागत फेस्टिवर फर्स्‍ट के साथ किया जाता है। महोत्‍सव और ओटीटी प्लेटफॉर्म के बीच अपने प्रकार की पहली साझेदारी के तहत भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 52वें संस्करण में भाग लेने वाले सिने उत्साही लोगों को 'निर्माताओं द्वारा लघु फिल्मों को क्‍या महत्व क्यों दिया जाता है?' विषय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पेरिस स्थित स्कूल ऑफ इमेज एंड आर्ट्स, गोबेलिन्स, आईकोल डि इमेज द्वारा एक वर्चुअल मास्टरक्लास में भाग लेने का दुर्लभ अवसर मिला। इस मास्टरक्लास का आयोजन नेटफ्लिक्स द्वारा किया गया और इसका संचालन गोबेलिन्स में प्रोडक्शंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिराज बाजिन मौसी ने किया।

मौसी ने निर्माता की भूमिका और उसकी विभिन्‍न पहलुओं पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्‍होंने कहा, 'निर्माता को कलाकार के सपनों को तब तक साथ लेकर चलना होता है जब तक वे वास्तविकता नहीं बन जाते। एक निर्माता के तौर पर मैं हमेशा सबसे नवीन परियोजनाओं को विकसित करने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता हूं कि वे समय की हवा से जुड़े रहें।'

अनुभवी निर्माता ने फिल्म जगत के आकांक्षी सदस्यों से कहा कि एक निर्माता को भी क्षितिज पर अपनी दृष्टि रखनी चाहिए और एक मजबूत कलात्मक भावना से लैस प्रवृत्तियों का अनुमान लगाना चाहिए। उन्‍होंने कहा, 'निर्माता का काम यह भी है कि वे रुझानों का पता लगाएं और परियोजना की प्रासंगिकता का आकलन करने के लिए अपने कलात्‍मक निर्णय का उपयोग करें। कभी-कभी किसी साधारण आइडिया से भी इसका प्रवाह होता है।'

तो लघु फिल्मों का निर्माण क्यों करना चाहिए? मौसी बताते हैं कि यह नई प्रतिभाओं की खोज करता है और इससे निर्माताओं को खुद को अभिव्यक्त करने में मदद मिलती है। उन्‍होंने कहा, 'यह कहानी कहने का एक नया तरीका खोजता है। प्रेरणा के नए स्रोतों को खोलने एवं अन्य संस्कृतियों का पता लगाने के लिए भी निर्माता आजकल लघु फिल्मों की ओर रुख कर रहे हैं।'

मौसी ने बताया कि लघु फिल्मों के निर्माण का एक अन्‍य फायदा यह है कि इसमें वित्तीय जोखिम कम होता है और ऐसे में निर्देशकों को अधिक स्वतंत्रता मिलती है। उन्‍होंने कहा, 'आजकल विभिन्न फिल्म महोत्‍सव के लिए अधिक से अधिक लघु फिल्मों का चयन किया जा रहा है और निर्माताओं ने मुख्य तौर पर दो कारणों से लघु फिल्मों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है- पहला,  छोटा बजट और दूसरा, नए आइडिया पर काम करने की क्षमता।'

मौसी ने कहा कि विचार आइडिया कितना भी छोटा क्यों न हो उसे निर्माताओं को प्रभावित करना महत्वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा, 'नए जमाने के निर्माता कहानियों को दिलचस्प तरीके से बताना पसंद करते हैं। कम बजट के साथ निर्मित लघु फिल्में एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली तरीके से कहानियों को बताने का एक अच्छा तरीका है।'

मौसी ने एनिमेशन सीरीज लस्कर्स का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सीरीज एक सफल कहानी बन गई है जिसने फिल्‍म उद्योग के कई युवा निर्माताओं को प्रेरित किया है। उन्‍होंने कहा, 'कहानियां पड़ोस के मजदूर वर्ग के युवाओं से ली गई हैं जो दोस्ती, इच्छाएं, कुंठा और सपनों के विषयों पर केंद्रित हैं।'

मौसी ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार और फिर एक प्रेस फोटोग्राफर के रूप में की थी। विजुअल आर्ट्स स्टूडियो मिलिमेजेज की प्रमुख के तौर पर उन्होंने नए प्रारूपों के साथ प्रयोग करने और एनीमेशन वीडियो और वीडियो गेम्‍स बनाने के उद्देश्य से खुद का प्रोडक्‍शन ढांचा तैयार किया है।

करीब 50 साल पहले स्‍थापित गोबेलिन्स- स्कूल लाइमेज विजुअल आर्ट्स स्कूलों के बीच एक उदाहरण बन गया है। गोबेलिन्‍स ने रचनात्मक उद्योग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह स्कूल सभी विजुअल क्रिएशन पेशे के लिए तैयारी करता है जिसमें सभी रूपों इमेज (स्टिल, एनिमेटेड, इंटरैक्टिव, 3डी) तैयार करना, प्रिंटिंग 4.0 से लेकर वर्चुअल रियलिटी तक शामिल है।

आईएफएफआई ने अपने प्रगतिशील विकास को बनाए रखा है और उसने प्रौद्योगिकी, समाज, संस्कृति एवं सदियों पुराने व नए जमाने के उन अवसरों एवं चुनौतियों के बदलते स्वरूप को स्‍वीकार किया है जो 21वीं सदी के डिजिटल एवं कने‍क्‍टेड युग में मानवता को घेरे हुए हैं। इतिहास में पहली बार नेटफ्लिक्स, एमेजॉन, सोनी आदि सभी प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म इस फिल्‍म महोत्‍सव में भाग ले रहे हैं। वे विशेष मास्टरक्लास, कंटेंट लॉन्च और प्रीव्‍यू, क्यूरेटेड फिल्म पैकेज स्क्रीनिंग एवं अन्‍य वर्चुअल कार्यक्रकों के जरिये इस फिल्म महोत्‍सव में भागीदारी कर रहे हैं।

भविष्य में ओटीटी प्लेटफार्मों की भागीदारी नियमित हो जाएगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव द्वारा 20 नवंबर, 2021 को इस महोत्‍सव के उद्घाटन समारोह में इसकी घोषणा की गई थी। महोत्सव का समापन कल यानी 28 नवंबर, 2021 को होगा।

***

 

एमजी/एएम/एसकेसी

 

iffi reel

(Release ID: 1775787) Visitor Counter : 255
Read this release in: Marathi , English , Urdu