सूचना और प्रसारण मंत्रालय
94वें अकादमी पुरस्कारों के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि 'कूड़ांगल' शादीशुदा जिंदगी के शोषण की पीड़ा को दर्शाती है
सरलतम तरीके से कही गई ये एक सरल सी कहानी दर्शकों को छू जाती है: इफ्फी-52 के दौरान विनोदराज पी. एस.
ऑस्कर के लिए भारत के आधिकारिक नामांकन वाली फ़िल्म "कूड़ांगल" एक बच्चे और एक मां के दर्द और पीड़ा को चित्रित करती है, दोनों ही वैवाहिक जीवन के शोषण के शिकार हैं।
इस तमिल फिल्म के निर्देशक विनोदराज पी. एस. ने आज गोवा में 52वें इफ्फी महोत्सव के दौरान हुई मीडिया वार्ता के दौरान कहा, "ये एक सरल सी कहानी है, जिसे एक सरलतम तरीके से कहा गया है और इस कहानी को मेरे ही जीवन से उधार लिया गया है। ये फिल्म उन कष्टों पर आधारित है जो एक शराबी पति के कारण मेरी बहन और उसके छोटे बच्चे को झेलने पड़े।"
अपनी पहली फीचर फ़िल्म के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए निर्देशक विनोदराज ने कहा कि कूड़ांगल एक शराबी पिता और उसके बेटे के रिश्ते पर आधारित है और उस यात्रा को प्रस्तुत करती है जो अपने पिता के घर चली गई पत्नी को वापस लाने के लिए वो पति करता है।
विनोदराज से जब इस फ़िल्म में परिदृश्य के महत्व पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा, “मैंने अपने गांव में ही इस फ़िल्म की शूटिंग की क्योंकि ये कहानी और इसका परिदृश्य दोनों ही मेरे दिल के करीब थे। फ़िल्म में दर्शाया गया लैंडस्केप इसमें तीसरा किरदार बनता है क्योंकि इंसान जिस जलवायु और भूगोल में रहते हैं, उससे उनका व्यवहार भी प्रभावित होता है। जिस शुष्क परिदृश्य और तेज धूप में पूरी कहानी स्थित है, वो किरदारों के आचरण को ढालने वाले महत्वपूर्ण तत्व हैं।"
फ़िल्म बनाते समय अपनी मुश्किलों के बारे में बताते हुए विनोदराज ने कहा कि शुरू में उनके पास इस फीचर फ़िल्म को शुरू करने के लिए पर्याप्त धन नहीं था। उन्होंने कहा, “हमने एक निर्माता खोजने की उम्मीद के साथ फ़िल्म का रफ कट एनएफडीसी फ़िल्म बाजार को भेज दिया था। इसे प्रसिद्ध तमिल निर्देशक राम ने देखा जो बाद में हमारा समर्थन करने के लिए आगे आए। इसके बाद फ़िल्म का निर्माण, निर्देशक विग्नेश शिवन और अभिनेता नयनतारा ने किया।”
फ़िल्म के बाल कलाकार चेल्लापंडी भी इस बातचीत में मौजूद थे और ये अभिनय के क्षेत्र में उनकी शुरुआत है।
ये फ़िल्म, जो आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल की भी दावेदार है, उसे विभिन्न फ़िल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया है और इसने दुनिया भर में प्रशंसाएं हासिल की है।
कूड़ांगल
(भारतीय पैनोरमा फीचर फ़िल्म श्रेणी - तमिल)
फ़िल्म के बारे में: झुलसाने वाली गर्मी के एक दिन गणपति, जो अपनी पत्नी को पीटने वाला एक शराबी है, वो अपनी नाराज़ पत्नी को मायके से घर वापस लाने के लिए 13 किलोमीटर दूर एक शुष्क बस्ती तक पहुंचने की यात्रा पर निकलता है। वो अपने छोटे बेटे वेलू को भी साथ ले जाता है। उनका सफर भीषण गर्मी और सुनसान इलाकों से गुजरता है। पहुंचने पर उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी उनके घर के लिए निकल गई है। निराशा में वो एक झगड़े में पड़ जाता है। नाराज वेलू बस का टिकट फाड़ देता है, जिसके बाद पिता-पुत्र को भयंकर धूप में पैदल घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
निर्देशक के बारे में: विनोदराज पी. एस. ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फ़िल्मकार ए. सरकुनम और निर्देशक एन. राघवन और एक थिएटर मंडली 'मनल मगुडी' में असिस्ट करके की थी। 'कूड़ांगल' उनकी पहली फ़िल्म है।
निर्माता: राउडी पिक्चर्स की स्थापना पटकथा लेखक-निर्देशक विग्नेश शिवन (उर्फ विग्नेश्वर एस.) ने की है। 'कूड़ांगल' (कंकड़) उनकी पहली फ़िल्म है, जिसका निर्माण संयुक्त रूप से मशहूर अभिनेत्री नयनतारा द्वारा किया गया है जो चार दक्षिण भारतीय भाषाओं में 65 से ज्यादा फ़िल्में कर चुकी हैं।
कलाकार और क्रू
पटकथा: विनोदराज पी. एस.
डीओपी: विग्नेश कुमुलाई, जेया पार्थी
संपादक: गणेश शिवा
कलाकार: करुतड़ैयान, चेल्लापंडी
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एमजी/एएम/जीबी/सीएस
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