सूचना और प्रसारण मंत्रालय

धर्म के नाम पर विश्वासघात और धोखाधड़ी पर आधारित स्पेनिश थ्रिलर द प्रीचर आईएफएफआई 52 के वर्ल्ड प्रीमियर में प्रदर्शित

Posted On: 24 NOV 2021 8:49PM by PIB Delhi

द प्रीचर एक सस्पेंस थ्रिलर है जो धर्म के नाम पर धंधा करने वालों और धोखेबाजों द्वारा निर्दोष लोगों के संगठित शोषण पर आधारित है। यह एक शहर में साजिश और धर्मान्धता की कहानी है जहां झूठा विश्वास भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के साथ अच्छी तरह घुलमिल जाता है।

इस फिल्म के जरिये मैं एक ऐसे विषय की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा हूं जिसमें सार्वभौमिक अपील है: यह बात आईएफएफआई 52 वर्ल्ड प्रीमियर फिल्म के निर्देशक टीटो जारा ने कही। वह गोवा में आयोजित 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के मौके पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। मीडिया के साथ बातचीत में जारा के साथ निर्माता मैग्डा ग्रेस भी मौजूद थीं।

निर्देशक ने कहा, 'चूंकि मैं खुद आस्तिक हूं और इसलिए मेरी फिल्म किसी धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि उन स्‍याह तत्वों के खिलाफ है जो निर्दोष लोगों के जीवन और भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। उनका एकमात्र दोष यह है कि वे उम्‍मीद खोने के बाद निराशा में चमत्कार की तलाश करते हैं।'

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जारा ने बताया कि अपराध को छिपाने के लिए धर्म एक आसान विषय है। उन्‍होंने कहा, 'हम इस फिल्म के साथ कोई विवाद पैदा करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। मेरी फिल्म उन लोगों के खिलाफ है जो धर्म के नाम पर फायदा उठाते हैं।'

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जारा ने उम्‍मीद व्यक्त करते हुए कहा, 'मैं समझता हूं कि लोग धर्म के प्रति संवेदनशील होते हैं लेकिन मेरा मानना है कि हम इस विषय पर अच्छी बातचीत कर सकते हैं।'

जीवन की वास्तविक घटनाओं पर आधारित यह फिल्‍म एक छोटी लड़की की कहानी को चित्रित करने की कोशिश करती है जिसे एक ठग द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन लोगों को विश्वास हो जाता है कि वह एक 'धन्य' है जो बीमारों को ठीक कर सकती है और परेशान लोगों को सांत्वना दे सकती है।

इक्‍वाडोर की रहने वाली जारा ने कहा, 'इस फिल्म के निर्माण के दौरान, जिसमें मुझे 9 साल लग गए, मैंने चमत्कार करने वाले कई लोगों और ठगों से मुलाकाती की। मेरे देश में क्या हो रहा है उसका वास्तविक लेखा-जोखा इस फिल्‍म में है।'

जारा ने कहा कि इस तरह के प्रचारक, घोटालेबाज और संगठित गिरोह दुनिया के किसी भी हिस्से में पाए जा सकते हैं। जारा ने कहा कि उनका मानना है कि यह फिल्म इस विषय पर कुछ अलग विचारों और चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्‍होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि लोग आपस में पूछें कि एक इंसान निर्दोष लोगों के साथ ऐसा कैसे कर सकता है।'

इस फिल्‍म के लिए अधिकांश शूटिंग स्‍पेन में की गई थी। इसे इक्वाडोर, स्पेन और कोलंबिया के संयुक्त सहयोग से बनाई गई है।

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आईएफएफआई के वर्ल्‍ड प्रीमियर में इस फिल्म के प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त करते हुए जारा ने कहा कि वास्‍तव में इसका अनुभव अद्भुत रहा है। वह इस फिल्म के लेखक, संपादक और निर्माता भी हैं। उन्‍होंने कहा, 'मैं यहां आकर काफी सम्‍मानित महसूस कर रहा हूं। यह मेरे लिए अविश्वसनीय है। मैं बहुत खुश हूं कि दर्शकों ने फिल्म को खूब सराहा।'

 

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एमजी/एएम/एसकेसी

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