सूचना और प्रसारण मंत्रालय
'अनबैलेंस्ड': कोविड-19 संकट के बीच यूटोपिया लिए एक व्यक्ति की बौद्धिक खोज पर आधारित एक मेलोड्रामैटिक आईएफएफआई 52 फिल्म
मैं आमतौर पर नाटकीय अंत से बचने की कोशिश करता हूं लेकिन मैंने निर्णय लिया कि 'अनबैलेंस्ड' को अलग होना चाहिए: निर्देशक जुआन बलदाना
'लाखों लोग ऐसे हैं जिनका कहीं जाना नहीं है और मैं केवल इसे बदलने के लिए केवल एक चीज कर सकता हूं और वह है पुस्तक जो मैं लिख रहा हूं।' जी हां, महामारी के संकट के बीच अपने विचारों की अपार शक्ति का उपयोग करके दुनिया को बदलने के लिए एक अधवयस्क वकील की असाधारण खोज आईएफएफआई 52 फिल्म अनबैलेंस्ड का विषय है। अर्जेंटीना के फिल्म निर्माता जुआन बलदाना द्वारा निर्देशित यह मेलोड्रामैटिक कथा रोडो की कहानी बयां करती है जो जर्मन-अर्जेंटीना व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता और लंबे समय से भुला दिए गए सैद्धांतिक अर्थशास्त्री सिल्वियो गेसेल के बारे में एक किताब लिखने के लिए जुनूनी हो जाता है। गेसेल ने रकम और अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ क्रांतिकारी विचारों को प्रतिपादित किया था। यह फिल्म कोविड के बाद के दौर की चुनिंदा आईएफएफआई फिल्मों में से एक है और इसे वर्ल्ड पैनोरमा सेक्शन में शामिल किया गया है।
इस फिल्म के पीछे प्रेरणा के बारे में बताते हुए निर्देशक बलदाना कहते हैं, 'मैं वैश्विक महामारी से पहले और बाद की दुनिया को कवर करना चाहता था कि वह इस कदर असंतुलित हुआ है।' यह बात उन्होंने गोवा में 20 से 28 नवंबर 2021 के दौरान आयोजित 52वें भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के अवसर पर आज, 23 नवंबर, 2021 को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। फिल्म के निर्माता डिएगो लोम्बार्डी भी इस संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए और और आईएफएफआई प्रतिनिधियों के साथ अपने अनुभव साझा किए।
निर्देशक और निर्माता दोनों ने कोविड वैश्विक महामारी के दौरान अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अलावा कोविड के बाद की अवधि में फिल्म की शूटिंग के दौरान विभिन्न आर्थिक एवं अन्य चुनौतियों के बारे में बात की। लोम्बार्डी ने वित्त पोषण हासिल करने की आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ शूटिंग के दौरान सरकारी मशीनरी और स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के बारे में बताया। उन्होंने कहा, 'हमने शूटिंग के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। यहां तक कि कुछ दृश्यों में दिखाई गई पुलिस भी असली पुलिस है जो हमारी तलाशी लेने आई थी।'
निर्देशक बलदाना ने कहा, 'मैंने अपने नवजात शिशु को फिल्म में एक किरदार बना दिया।'
यह फिल्म, जिसका कल आईएफएफआई में एशियाई प्रीमियर हुआ था, महान जर्मन विचारक सिल्वियो गेसेल के बारे में एक किताब लिखकर रोडो के बौद्धिक एवं कष्टप्रद संघर्षों की पड़ताल करती है जो दुनिया के लिए एक वैकल्पिक भविष्य को साकार करने के लिए जूनूनी है। गेसेल एक नए प्रकार की रकम सृजित करना चाहते थे। गेसेल एक ऐसी रकम सृजित करना चाहते थे जो 'आलू की तरह सड़ सकती है' और जिसमें 'लोहे की तरह जंग लग सकती है' यानी संग्रहीत करने पर उसका मूल्य विलुप्त हो जाएगा। उनका मानना था कि तब कोई भी इस तरह के धन को जमा नहीं करना चाहेगा जो 'विनिमय का महज एक साधन' है।
हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर अनिवार्य सामाजिक अलगाव के साथ-साथ दुनिया भर में हजारों लोगों को संक्रमित करने वाले वायरस का प्रसार रोडो के लक्ष्य की राह में बाधा बनकर खड़ा है।
यह फिल्म गर्भपात के मुद्दे को भी उठाती है जिसे हाल में अर्जेंटीना में वैध कर दिया गया है।
इस फिल्म के दु:खांत की प्रेरणा के बारे में एक सवाल के जवाब में निर्देशक और निर्माता ने खुलासा किया कि क्लाइमेक्स को लेकर उनके बीच मतभेद था जहां नायक की मृत्यु हो जाती है। हालांकि निर्देशक की बात मान ली गई। बलदाना ने कहा, 'मैं आमतौर पर नाटकीय अंत से बचने की कोशिश करता हूं लेकिन मेरा मानना था कि अनबैलेंस्ड में नायक को अंतत: मरना बेहतर रहेगा।'
इस फिल्म को 2021 सिने+ मास सैन फ्रांसिस्को लातीनी फिल्म महोत्सव दिखाया गया है। यह फिल्म सिनेमा प्रेमियों को संकट के बीच उम्मीद से भरती है, विश्वास पर जोर देती है और इस धारणा को दमदार तरीके से व्यक्त करती है कि यूटोपिया न केवल संभव है बल्कि अपरिहार्य भी है।
जुआन बलदाना ने लॉस डेल सुएलो, एम्बरकाडोस अ यूरोपा (टीवी लघु शृंखला), एरियरोस (डॉक्यूमेंट्री), लॉस एंजिल्स (लेखक, निर्माता भी), सोया हुआओ, पैशन लैटिना (टीवी लघु शृंखला डॉक्यूमेंट्री) जैसी फिल्मों का निर्माण किया है।
डिएगो लोम्बार्डी एक अभिनेता एवं निर्देशक हैं जिन्हें बिचोस क्रियोलोस (2012), लॉस एंजिल्स (2009) और यो सोया सोला (2008) के लिए जाना जाता है।
* * *
एमजी/एएम/एसकेसी
(Release ID: 1774489)
Visitor Counter : 247