वित्‍त मंत्रालय

भारत और विश्व बैंक ने आंध्र प्रदेश में 50 लाख से अधिक छात्रों के शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 23 NOV 2021 1:28PM by PIB Delhi

भारत सरकार, आंध्र प्रदेश सरकार और विश्व बैंक ने 18 नवम्‍बर, 2021 को एक परियोजना के बारे में 250 मिलियन डॉलर के कानूनी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य आंध्र प्रदेश राज्य में 50 लाख से अधिक छात्रों की शिक्षण गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।

 इस परियोजना से स्कूली शिक्षा के सभी ग्रेड और चरणों के छात्रों को लाभ होगा। इस योजना से 45,000 से अधिक सरकारी स्कूलों के लगभग 40 लाख छात्र (छह और चौदह वर्ष की आयु के बीच), और आंगनबाड़ियों (एकीकृत बाल विकास केन्‍द्रों) में नामांकित 10 लाख से अधिक बच्‍चे (तीन और छह वर्ष की आयु के बीच) तथा लगभग 1,90,000 शिक्षक और 50,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लाभान्वित होंगे।

 ‘सपोर्टिंग आंध्राज लर्निंग ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट’ से शिक्षकों का पेशेवर विकास प्रोत्साहित होगा और इससे कोविड-19 महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए उपचारात्मक शिक्षण पाठ्यक्रम उपलब्‍ध होगा; इसके अलावा विशेष जरूरत वाले बच्‍चों, अनुसूचित जनजातियों और लड़कियों सहित सीमांत समूहों के छात्रों पर विशेष ध्‍यान देने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने बताया कि ‘‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास का केन्‍द्र है। यह परियोजना आंध्र प्रदेश राज्य के कोविड-19 महामारी से प्रभावित बच्चों को हुई शिक्षण हानि से निपटने सहित बच्चों की बुनियादी शिक्षा पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए सरकारी स्‍कूलों को जीवंत संस्‍थानों में परिवर्तित करने के विजन को पूरा करने में भी मदद करेगी।”

इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से श्री रजत कुमार मिश्रा, अपर सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग, वित्त मंत्रालय ने तथा आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से स्‍कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री बुद्धिथी राजशेखर तथा विश्‍व बैंक की ओर से श्री जुनैद अहमद, कंट्री डायरेक्टर, भारत  ने हस्‍ताक्षर किए।

राज्य ने एक नया योग्यता-आधारित शिक्षण दृष्टिकोण अपनाया है। इस परियोजना से कक्षा-आधारित परामर्श, सभी ग्रेड और विषयों के शिक्षकों के लिए जरूरत-आधारित शिक्षक प्रशिक्षण, व्‍यक्तिगत अनुकूली शिक्षण (पीएएल) विधियों और मानकीकृत स्कूल-आधारित आकलन से जुड़ी उपचारात्मक शिक्षा के अन्य रूपों के माध्यम से शिक्षण प्रक्रियाओं में सुधार आएगा।

 इन सेवाओं को प्रदान करने के लिए स्कूलों की संस्थागत क्षमता का विकास करना समुदाय के विश्वास के निर्माण और शिक्षण के माहौल में सुधार करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। यह परियोजना स्कूल सुविधाओं के बेहतर रखरखाव, स्कूल प्रबंधन और निगरानी में माता-पिता की भागीदारी में सहायता प्रदान करने, डेटा उपलब्ध कराने और स्कूल की सुरक्षा बढ़ाने में भी योगदान देगी।

 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और प्रारंभिक ग्रेड (ग्रेड 1 और 2) शिक्षकों के लिए अल्पकालिक सेवाकालीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और इन केन्‍द्रों और स्कूलों में शिक्षण के लिए उपयुक्त शिक्षण सामग्री (टीएलएम) की आपूर्ति के माध्यम से बुनियादी शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इससे बुनियादी शिक्षा पर इस तरह ध्यान देने से बच्चों को भविष्य के श्रम बाजारों के लिए आवश्यक संज्ञानात्मक, सामाजिक-व्यवहार और भाषा कौशल के साथ तैयार करने के बारे में स्कूलों के कार्य में सुधार आएगा। यह परियोजना जनजातीय ब्लॉकों के 3,500 स्कूलों में एक वर्षीय प्री-स्कूल स्तर का पाठ्यक्रम शुरू करेगी, जिससे जनजातीय समुदाय के बच्‍चों के सीखने के कम स्तर के मुद्दे को हल करने में मदद मिलेगी।

 चल रही कोविड-19 महामारी के कारण, छात्रों के लिए घर में शिक्षा ग्रहण करने के अवसर प्रदान करना राज्‍य की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। छात्रों में डिजिटल उपकरणों की कम उपलब्धता को देखते हुए, टेलीविजन और रेडियो प्रसारण के लिए भौतिक शिक्षण किट और विषय सामग्री विकसित करने पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इससे मौजूदा महामारी, भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं या जलवायु परिवर्तन से संबंधित अन्य व्यवधानों से स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की होने वाले शिक्षण हानि को भी कम करने में मदद मिलेगी।

***

 

एमजी/एएम/आईपीएस/वीके



(Release ID: 1774294) Visitor Counter : 337


Read this release in: English , Urdu , Telugu