सूचना और प्रसारण मंत्रालय
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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आईएफएफआई 52 में 75 रचनात्मक युवा प्रतिभाओं को सम्मानित किया


आईएफएफआई युवा प्रतिभाओं के लिए फिल्म उद्योग जगत की हस्तियों से सीखने का एक बड़ा अवसर है : श्री ठाकुर

मंच से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कंटेंट, अगर कंटेंट अच्छा होगा तो लोगों के मन में जरूर छाप छोड़ेगा: सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने नवोदित फिल्म कलाकारों से कहा

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गोवा में चल रहे 52वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई 52) में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित '75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो' प्रतियोगिता के विजेताओं को आज सम्मानित किया और उनका अभिनंदन किया।

उन्‍होंने कहा, "भारत में प्रतिभा और कौशल की कोई कमी नहीं है, इन युवा प्रतिभाशाली कलाकारों को एक अवसर चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में उनका मनोबल बढ़ाया जा सके और फिल्म उद्योग का हिस्सा बन सके और इसके लिए आजादी का अमृत महोत्सव के तहत इंडिया@75 के मंच से बेहतर क्या हो सकता है।"

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आईएफएफआई में मौजूद 75 रचनात्मक प्रतिभाएं बहुत ही भाग्यशाली हैं कि उन्हें फिल्म उद्योग के सर्वश्रेष्ठ लोगों से सीखने और बातचीत करने का अवसर मिलेगा, जो कई लोगों को दशकों के कठिन प्रयासों के बाद भी नहीं मिलता है। उन्होंने कहा, "जूरी की प्रतिष्ठित हस्तियों ने घंटों तक प्राप्त सैकड़ों रचनात्मक कार्यों को देखा और उनका मूल्यांकन किया, फिर उसके बाद उनमें से 75 सर्वश्रेष्ठ रचनाओं का चयन किया और यहां आपको सिनेमा जगत के आइकॉन से सीखने का मौका मिला है।" 

श्री ठाकुर ने कहा, "आप जो भी रचनात्मक कार्य करते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मंच कौन सा है, बल्कि विषय-वस्तु (कंटेंट) क्या है, यह मायने रखती है। अगर कंटेंट अच्छा होगा तो लोगों के मन में जरूर छाप छोड़ेगा। यहां आप भारतीय फिल्म उद्योग की हस्तियों द्वारा आयोजित मास्टरक्लास में भाग लेंगे ताकि आप सभी कला की सर्वोत्तम विधाओं और तकनीकों को सीख सकें जो आपको उत्कृष्ट कंटेंट बनाने के लिए तैयार करेंगे।”

महोत्सव में पिछले कुछ वर्षों में हुए परिवर्तनों और सुधारों के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा: "आईएफएफआई 52 के आयोजन स्थल पर विभिन्न प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों के साथ मेरी बातचीत में, मैंने पाया है कि कि  '75 क्रिएटिव माइंड्स' हाल के वर्षों में आईएफएफआई में हुआ प्रमुख उल्लेखनीय बदलाव है।"

उन्‍होंने युवा विजेताओं से भारत की आजादी के 75 साल के बारे में ब्लॉग लिखने और आईएफएफआई 52 में अपनी प्रतिक्रिया तथा सीखने के अनुभवों को व्यक्त करने और साझा करने का भी आग्रह किया। इस बात पर जोर देते हुए कि सीखना कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है, श्री ठाकुर ने सभी युवा प्रतिभाओं से अपनी सीख के आधार पर एक मजबूत करियर बनाने और फिल्म उद्योग के विकास में योगदान करने का आग्रह किया।

उन्‍होंने ने उद्योग जगत और 'युवा रचनात्मक दिमागों' से अपनी रचना के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर को दुनिया के सामने पेश करने का प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा स्थापित फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) देश को पसंदीदा फिल्म निर्माण और शूटिंग स्थल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो कौशल और तकनीक है, उससे हमारा देश आसानी से पोस्ट-प्रोडक्शन हब और दुनिया का कंटेंट उप-महाद्वीप बन सकता है।

युवा फिल्म निर्माताओं को संबोधित करते हुए, सीबीएफसी के अध्यक्ष और ग्रैंड जूरी के सदस्य, श्री प्रसून जोशी ने कहा, “अच्छी तरह से प्रयास करना बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि जब तक आप सही ढंग से प्रयास नहीं करेंगे तब तक आपको सही जानकारी नहीं मिलेगी या आप सही जगह नहीं पहुंच पाएंगे। एक रचनात्मक युवा कलाकार के रूप में आपको कभी भी भ्रम से नहीं डरना चाहिए क्योंकि भ्रमित अवस्था में आपका दिमाग सबसे उपयोगी और फायदेमंद होता है।”

निरंतर अभ्यास करने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री जोशी ने युवा प्रतिभाओं को सलाह दी कि अब उनके लिए अभ्यास करने का समय है ताकि जब भी मौका मिले वे अपनी अंतरतम भावनाओं को अपने शिल्प में पूरी तरह और सटीक रूप से व्यक्त कर सकें।

यह देखते हुए कि बच्चों के लिए बहुत कम फिल्में बनती हैं, श्री जोशी ने युवा फिल्म निर्माताओं से बच्चों के मनोरंजन के लिए अधिक फिल्में बनाने का आग्रह किया।

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और ग्रैंड जूरी के सदस्य श्री केतन मेहता ने कहा: "सिनेमा अब केवल बड़े पर्दे तक ही सीमित नहीं है, यह अब हवा में है, जिसमें हम सांस लेते हैं और हर किसी की जेब में है, इसके लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म को धन्यवाद।"

केंद्रीय मंत्री ने प्रतियोगिता के चयन जूरी सदस्यों और ग्रैंड जूरी सदस्यों को भी सम्मानित किया। चयन जूरी ने सैकड़ों प्रविष्टियों में से 150 रचनात्मक प्रतिभाओं का चयन किया और ग्रैंड जूरी ने इन 150 में से अंतिम 75 रचनात्मक प्रतिभाओं का चयन किया। इस अवसर पर चयन जूरी सदस्यों में, यतींद्र मिश्रा (लेखक), अनंत विजय (लेखक) और संजय पूरन सिंह (फिल्म निर्माता) को सम्मानित किया गया।

पहली बार, जेननेक्स्ट सिनेमा का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 रचनात्मक प्रतिभाशाली युवा गोवा में भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भाग ले रहे हैं। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में शूरू की गई यह अनूठी पहल देश में युवा रचनात्मक कलाकारों और नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगी और उनको अवसर प्रदान करेगी।

एमजी/एएम/केसीवी/वाईबी

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