उप राष्ट्रपति सचिवालय

रामायण हमें शिक्षा देती है कि कर्तव्यों का निर्वहन भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना अपने अधिकारों के लिए दावा करना: उपराष्ट्रपति


भगवान राम एक शासक के रूप में नेतृत्व, सुशासन और कानून के शासन के उच्चतम गुणों के प्रतीक थे: श्री नायडु

उपराष्ट्रपति ने युवाओं से मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा

उपराष्ट्रपति ने मातृभाषा के संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया

हैदराबाद में श्री शशि किरण द्वारा लिखित ‘श्रीमद् रामायणम’ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया

Posted On: 18 NOV 2021 6:47PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने रामायण को सर्वकालिक महाग्रंथ बताते हुए कहा कि यह हमें शिक्षा देता है कि कर्तव्य निर्वहन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अपने अधिकारों के लिए दावा करना। श्री नायडु ने कहा कि परिवार, जनता और साम्राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में भगवान राम पूरी मानव जाति के लिए आदर्श हैं।

श्री शशि किरण की पुस्तक 'श्रीमद् रामायणम' का हैदराबाद में विमोचन करते हुए, श्री नायडु ने भगवान राम के जीवन चरित की चर्चा की और कहा कि एक शासक के रूप में उन्होंने नेतृत्व, सुशासन और कानून के शासन में उच्चतम गुणवत्ता की मिसाल पेश की। यह कहते हुए कि भगवान राम ने समाज के हित में निस्वार्थ जीवन दिया, श्री नायडु ने देश के युवाओं से श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा। रामायण के एक प्रसंग का हवाला देते हुए, श्री नायडु ने अपनी मातृभूमि के प्रति भगवान राम के लगाव पर प्रकाश डाला और युवाओं से इसे हमेशा याद रखने और अपने देश की भलाई के लिए काम करने का आग्रह किया, चाहे वे रोजगार के अवसरों की तलाश में कहीं भी जाएं।

इस अवसर पर, श्री नायडु ने पुस्तक के लिए लेखक श्री शशि किरण और प्रकाशकों को बधाई दी। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं के बीच विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य और काव्यों को लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने सभी से भारतीय भाषाओं को संरक्षण और उसे बढ़ावा देने का आग्रह किया।

इस कार्यक्रम में पुस्तक के लेखक श्री शशि किरण, प्रकाशक एमेस्को विजय कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।

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