जनजातीय कार्य मंत्रालय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर 50 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखी   

Posted On: 15 NOV 2021 5:17PM by PIB Delhi

मुख्य बातें

  • 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 27 जिलों में नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) खोले जाएंगे।
  • जनजातीय विद्यार्थि‍यों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोले जा रहे हैं, जिसमें न केवल अकादमिक शिक्षा, बल्कि जनजातीय विद्यार्थि‍यों के सर्वांगीण विकास पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है

 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 15 नवंबर 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जनजातीय गौरव दिवसमनाए जाने से जुड़े समारोह की अगुवाई की। प्रारंभ में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए वर्चुअल ढंग से रांची में बिरसा मुंडा स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने जनजातीय विद्यार्थि‍यों के लिए बेहतरीन शिक्षा का मजबूत परिसर बनाने के मिशन को जारी रखते हुए भोपाल से वर्चुअल ढंग से 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 27 जिलों में 50 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के निर्माण की आधारशिला रखी। इस समारोह में गणमान्यजनों, राजनीतिक नेताओं, और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

 

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एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) पूरे भारत में भारतीय आदिवासियों (अनुसूचित जनजातियों) के लिए मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्‍वपूर्ण योजना है। यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख कदमों में से एक है और इसकी शुरुआत दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय विद्यार्थि‍यों को बेहतरीन शिक्षा सुलभ कराने के लिए वर्ष 1997-98 में की गई थी। वित्‍त वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की गई थी कि 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20,000 जनजातीय लोगों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे।  सरकार ने देश भर में 452  नए विद्यालय खोलने का फैसला किया है।

 

जनजातीय विद्यार्थि‍यों की आदिवासी संस्कृति और भाषा की सराहना एवं सम्‍मान करते हुए  श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा, ‘आजादी का अमृत महोत्सव (भारत @ 75) के तहत जनजातीय विद्यार्थि‍यों की शिक्षा में आवश्‍यक सहयोग देने के लिए लगभग 750 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने का संकल्प लिया गया है। इनमें से बड़ी संख्या में विद्यालय पहले ही खोले जा चुके हैं।’  उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले प्रति विद्यार्थी व्यय को लगभग 40,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये से भी अधिक कर दिया गया है, जिससे जनजातीय विद्यार्थि‍यों को बेहतरीन शिक्षा प्राप्‍त करने के अवसर मिलेंगे। उन्होंने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भावना को जीवंत या बरकरार रखते हुए जनजातीय विद्यार्थि‍यों की क्षेत्रीय भाषा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय न केवल अकादमिक शिक्षा, बल्कि जनजातीय विद्यार्थि‍यों के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर देते हुए जनजातीय विद्यार्थि‍यों को गुणवत्तापूर्ण या बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्‍य से खोले जा रहे हैं। इन विद्यालयों में छठी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्‍त करते हैं। प्रत्येक विद्यालय में 480 विद्यार्थि‍यों को शिक्षा प्रदान करने की क्षमता है।  वर्तमान में देश भर में इस तरह के 367 विद्यालयों में शिक्षा प्रदान की जा रही है जो नवोदय विद्यालय जैसे ही हैं और जहां खेल एवं कौशल विकास में प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष अत्याधुनिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसके अलावा, ईएमआरएस समग्र विकास के लिए विद्यार्थि‍यों की ऑन-कैंपस जरूरतों को पूरा करने वाली सुविधाओं से लैस हैं और इन विद्यालयों में भोजन एवं आवास नि:शुल्क होने के साथ-साथ मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है।  

 

जून 2021 से नवंबर 2021 तक मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव (भारत @ 75) के तहत शुरू की गई गतिविधियों के अंतर्गत  21 ईएमआरएस के लिए शिलान्यास समारोह आरंभ किया गया है। जनजातीय मामलों का मंत्रालय जनजातीय समुदाय के उत्थान की दिशा में निरंतर प्रयास करता रहा है; शिक्षा इसके विशेष ध्‍यान वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। वर्तमान में आयोजित भव्य शिलान्यास कार्यक्रम इस मंत्रालय की अदम्य भावना का प्रतीक है, जिसका लक्ष्य जनजातीय विद्यार्थि‍यों की भावी सफलता और उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक प्रभावशाली साधन के रूप में उन्‍हें विशिष्ट या बेहतरीन शिक्षा प्रदान करना है।  

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