रक्षा मंत्रालय
भारत और थाईलैंड की नौसेना के मध्य समन्वित गश्ती (कॉर्पैट) का 32 वां संस्करण
Posted On:
12 NOV 2021 6:35PM by PIB Delhi
भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (इंडो-थाई कॉर्पैट) का 32वां संस्करण 12-14 नवंबर 2021 तक आयोजित किया जा रहा है। भारतीय नौसेना के जहाज (आईएनएस) कर्मुक, जो एक स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट है और थाइलैंड का जहाज़ (एचटीएमएस) टायनचोन, जो एक खामरोसिन क्लास एंटी-सबमरीन पेट्रोल क्राफ्ट है, दोनों नौसेनाओं के मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के साथ इस कॉर्पैट में भाग ले रहे हैं।
दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने की दिशा में और हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से दोनों नौसेनाएं 2005 से अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ द्वि-वार्षिक कॉर्पेट कर रही हैं। कॉर्पेट नौसेनाओं के बीच समझ और अंतःक्रियाशीलता का निर्माण करता है और अवैध अनरिपोर्टेड अनियमित ढंग से मछली पकड़ना, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती और समुद्री डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने और दबाने के लिए उपायों की संस्थागत सुविधा प्रदान करता है। यह तस्करी अवैध अप्रवास की रोकथाम और समुद्र में खोज और बचाव (एसएआर) संचालन के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान द्वारा अभियानगत तालमेल को बढ़ाने में मदद करता है।
सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अंतर्गत भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों, समन्वित गश्ती, संयुक्त ईईजेड निगरानी और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के माध्यम से किया गया है। भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना ने विशेष रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों का आनंद लिया है जिसमें गतिविधियों और बातचीत के व्यापक आयाम शामिल हैं, जो कि पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं।
32वीं इंडो-थाई कॉर्पेट अंतर-संचालन को मजबूत करने और भारत और थाईलैंड के बीच दोस्ती के मजबूत बंधन बनाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों में योगदान देगी।
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