रक्षा मंत्रालय
पूर्वावलोकन: गोवा सामुद्रिक संगोष्ठी- 2021
'सामुद्रिक ज्ञान के इस्तेमाल' के लिए भारतीय नौसेना की आउटरीच पहल
Posted On:
05 NOV 2021 2:44PM by PIB Delhi
गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (जीएमसी) - 2021 का तीसरा संस्करण 07 से 09 नवंबर 2021 तक नेवल वॉर कॉलेज, गोवा के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। जीएमसी भारतीय नौसेना की आउटरीच पहल है जो समुद्री सुरक्षा के अभ्यासियों और शिक्षाविदों के सामूहिक ज्ञान का उपयोग करने के लिए एक बहुराष्ट्रीय मंच प्रदान करती है ताकि परिणामोन्मुख सामुद्रिक समझ प्राप्त की जा सके । जीएमसी-21 कॉन्क्लेव शेरपा कार्यक्रम के रूप में इस साल मई में आयोजित गोवा समुद्री संगोष्ठी-21 के कार्य स्तर के विचार-विमर्श पर आधारित होगा।
जीएमसी के इस वर्ष के संस्करण का विषय "मेरीटाइम सिक्योरिटी एंड इमर्जिंग नॉन ट्रेडिशनल थ्रैट्स: ए केस फ़ॉर प्रोएक्टिव रोल फ़ॉर आईओआर नेवीज़" है जिसे समुद्री क्षेत्र में 'हर रोज़ शांति' की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। जीएमसी-21 में भारतीय नौसेना के नौसेनाध्यक्ष, एडमिरल करमबीर सिंह, बांग्लादेश, कोमोरोस, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड समेत हिंद महासागर के 12 समुद्री देशों से नौसेना प्रमुखों/ समुद्री बलों के प्रमुखों की मेजबानी करेंगे। रक्षा सचिव और विदेश सचिव जीएमसी-21 के कॉन्क्लेव के उद्बोधन व मुख्य भाषण देंगे।
हिंद महासागर क्षेत्र के 21वीं सदी के रणनीतिक परिदृश्य का फोकस बनने के साथ ही जीएमसी का लक्ष्य क्षेत्रीय हितधारकों को एक साथ लाना और समकालीन समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सहयोगी कार्यान्वयन रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना है। कॉन्क्लेव के प्रतिभागियों को प्रख्यात वक्ताओं और विषय वस्तु विशेषज्ञों के साथ तीन सत्रों में - उभरते गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करने के लिए सामूहिक समुद्री दक्षताओं का लाभ उठाना, समुद्री कानून प्रवर्तन के लिए क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना और बाहर के क्षेत्रों में उभरते गैर पारंपरिक खतरों को कम करने के लिए अनिवार्यताएं, आईओआर में राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार जैसे विषयों पर बातचीत से लाभ होगा।
हाइड्रोग्राफी और समुद्री सूचना साझा करने के क्षेत्र में भी व्यापक विचार-विमर्श होगा । भाग लेने वाले नौसेना प्रमुख/ समुद्री एजेंसियों के प्रमुख हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती और भविष्य की समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अंतःक्रियाशीलता के महत्व पर भी ध्यान देंगे।
कॉन्क्लेव के अंतर्गत आगंतुकों को 'मेक इन इंडिया प्रदर्शनी' में भारत के स्वदेशी जहाज निर्माण उद्योग और मारमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट, गोवा में पनडुब्बियों के लिए डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (डीएसआरवी) की क्षमताओं को देखने का अवसर भी दिया जाएगा।
अपनी तीसरे संस्करण में गोवा सामुद्रिक संगोष्ठी हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षित समुद्र और निरंतर शांति सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का प्रयास जारी रखता है।
एमजी/एएम/एबी
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