कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

सुशासन को आखिरी छोर तक ले जाना चाहिए: उपराष्ट्रपति


उपराष्ट्रपति ने आईआईपीए से वितरण प्रणाली में क्षमता अंतराल को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अनुरोध किया

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा- सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए सरकार शीर्ष से लेकर आखिरी स्तर तक 2 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगी

एक ऐतिहासिक निर्णय में, आईआईपीए सदस्यता, जो पहले सिर्फ सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए खुली थी, अब सेवारत अधिकारियों के लिए भी खोल दी गई है: डॉ जितेंद्र सिंह

Posted On: 01 NOV 2021 6:48PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने जोर देते हुए कहा है कि सुशासन को आखिरी छोर तक ले जाना चाहिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) की आम सभा की 67वीं वार्षिक बैठक की आज अध्यक्षता करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ऐसी नीतियां और कार्यक्रम तैयार कर रही है जिनका उद्देश्य भारत के विकास को तेजी से सुनिश्चित करते हुए लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके इसे सुख और आरामदायक बनाते हुए बेहतर बनाना है।

उन्होंने कहा कि लोक प्रशासन के सिद्धांत और व्यवहार के लिए समर्पित एक प्रमुख संस्थान के रूप में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) को वितरण प्रणाली में क्षमता अंतराल को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आईआईपीए देश में शासन सुधारों की नई लहर को उत्प्रेरणा देने के लिए एक उपयुक्त संगठन है।

अपने संबोधन में, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक ऐतिहासिक निर्णय में, आईआईपीए सदस्यता, जो पहले केवल सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए खुली थी, अब सेवारत अधिकारियों के लिए भी खोल दी गई है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए न केवल शीर्ष सिविल सेवकों को बल्कि सभी स्तर पर 2 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी सुधार 'मिशन कर्मयोगी' के माध्यम से सिविल सेवकों के कामकाज और कार्यप्रणाली को 'नियम से भूमिका' में बदलने के लिए एक क्रांतिकारी पहल की गई है ताकि वे आत्मविश्वास से परिपूर्ण हों और अपने लिए सौंपे गए कार्य को करने में सक्षम बनें।

मंत्री महोदय ने कहा कि भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, आईआईपीए ने आईआईपीए में एक मिशन-कर्मयोगी संसाधन प्रकोष्ठ की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि आईआईपीए राष्ट्रीय क्षमता निर्माण आयोग, एलबीएसएनएए और अन्य केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) के साथ निकट समन्वय में काम कर रहा है।

मंत्री ने बताया कि अपनी तरह के पहली पहल और शाखाओं के साथ अधिक एकीकरण और समन्वय के लिए, आईआईपीए ने जनवरी 2021 से क्षेत्रीय शाखाओं के सहयोग से भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं पर वेबिनार का आयोजन करना प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल आईआईपीए के लिए बल्कि क्षेत्रीय शाखाओं के विकास के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ है। श्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आईआईपीए राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) की स्थापना और इसको प्रोत्साहन देने में भारत सरकार के जनजातीय मामलें मंत्रालय की भी मदद कर रहा है।

स्मरण रहे कि पिछले महीने, डॉ. जितेंद्र सिंह ने सेवाओं के वितरण में दक्षता लाने और आम जन के "जीवन में आसानी" लाने के लिए भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में क्षमता निर्माण के लिए आयोजित 23 केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के पहले संयुक्त गोलमेज सम्मेलन को संबोधित किया था।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 के अति दुष्प्रभावों के बावजूद, आईआईपीए 2020-21 में न केवल 66 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और 8353 अधिकारियों को प्रशिक्षित करने में सफल रहा है, बल्कि इसने 60 शोध अध्ययन भी पूरे किए हैं और वर्तमान प्रासंगिकता के विषयों पर 46 वेबिनार आयोजित किए हैं। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में पूरे किए गए 60 शोध अध्ययन आईआईपीए के इतिहास में एक वर्ष में सबसे अधिक हैं और इसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के मूल्यांकन अध्ययन भी शामिल हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने सभी पॉल एपलबाई पुरस्कार विजेताओं, सर्वश्रेष्ठ लेख के लिए श्री टी एन चतुर्वेदी पुरस्कार, लोक सेवा में उत्कृष्टता, वार्षिक निबंध प्रतियोगिता, केस स्टडी प्रतियोगिता, और सर्वश्रेष्ठ शाखा के लिए पुरस्कार और अन्य पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।

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एमजी/एएम/एसएस



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