आयुष
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में आयुष क्षेत्र में स्टार्टअप-प्रसार एवं अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी और आयुर्वेद फूड एक्सपो का आयोजन
Posted On:
30 OCT 2021 6:20PM by PIB Delhi
'पोषण के लिए आयुर्वेद' विषय पर छठे आयुर्वेद दिवस के समारोहों की श्रृंखला के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली में 30 अक्टूबर 2021 को एक राष्ट्रीय सेमिनार एवं आयुर्वेद फूड एक्सपो का आयोजन किया गया। आयुष मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय, आईआईटी, आईआईएम, एनसीआईएसएम व एनआईएफटीईएम के प्रख्यात वक्ताओं और फूड टेक्नोलॉजिस्ट एवं उद्यमियों ने इस कार्यशाला में अपनी विशेषज्ञता के बारे में बताया। इस दौरान भारत सरकार के आयुष सलाहकार डॉ. मनोज नेसारी, आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक, आईआईटी दिल्ली के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी) के प्रबंध निदेशक डॉ. अनिल वाली और एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा मनोज नेसारी जैसे प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. मनोज नेसारी ने अपने मुख्य भाषण में कहा, 'चुनौतियों को अवसरों में बदलने के प्रयास किए जाने चाहिए। सस्टेनेबिलिटी मॉडल का अनुपालन करते हुए आयुष क्षेत्र में स्टार्टअप संस्कृति को संभव बनाया जा सकता है। भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पोषण पर जोर देती है और फूड स्टार्टअप पर सक्रिय इनपुट एवं विचारों के साथ एआईआईए की पोषण आहार पहल इस सपने को साकार करने में मदद करेगी।
आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि भारत के हर राज्य से आयुर्वेद क्षेत्र के प्रतिनिधि इस कार्यशाला में शामिल हुए और 400 से अधिक आयुष संस्थानों ने वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया। एआईआईए उद्योग भागीदारों, शिक्षाविदों, पॉलिसी थिंक टैंकों को एक साथ लाने में चैंपियन रहा है और आयुर्वेद फूड एक्सपो आयुष क्षेत्र में जिस तरह के प्रोत्साहन की जरूरत है, उसे प्रदर्शित करने के लिए एक दमदार उदाहरण के रूप में काम करेगा। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि फूड स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर नए नवोन्मेषी विचारों को पोषित करने, उसे स्टार्टअप के रूप में विकसित करने, दिशा-निर्देश, मेंटी और मेंटर असाइनमेंट को जानने की सुविधा प्रदान करेगा। यदि एमएसएमई से किसी विचार को मंजूरी मिलती है तो 15 लाख तक की शुरुआती फंडिंग दी जा सकती है।
आईआईटी दिल्ली के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी) के प्रबंध निदेशक डॉ. अनिल वाली ने दूसरे सत्र में 'रोल ऑफ इनक्यूबेटर इन नर्चरिंग इनक्यूबेटीज' विषय पर बोलते हुए कहा कि एक अनुकूल परिवेश उपलब्ध कराना स्टार्टअप पहल सबसे महत्वपूर्ण घटक है। मुझे विश्वास है कि एआईआईए अपने दायरे में उपलब्ध विशेषज्ञों की एक बड़ी संख्या के साथ प्रभावी ढंग तौर पर योजना तैयार करने में समर्थ होगा।
कार्यक्रम में आयुर्वेद क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों को भी सम्मानित किया गया। कार्यशाला के अन्य प्रमुख वक्ताओं में अखिल भारतीय खाद्य प्रसंस्करण संघ के अध्यक्ष डॉ. प्रबोध हल्दे, निदेशक (प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) श्री आनंद राजकुमार चोरडिया, प्रवीण मसालावाले (सुहाना), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (एनआईएफटीईएम) के एसोसिएट प्रोफेसर (बैंकिंग और वित्त) डॉ. विमल पंत, मैनेजर इन्वेस्ट इंडिया इंद्राणी महतो, हेल्थ सेक्टर स्किल काउंस्लि के सीईओ श्री आशीष जैन, एआईआईए की डीन एमडी स्टडीज प्रो. सुजाता कदम, एआईआईए के डीन पीएचडी स्टडीज प्रोफेसर महेश व्यास और एआईआईएके रसशास्त्र विभाग एवं भैषज्य कल्पना विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पीके प्रजापति शामिल थे।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के स्वस्थवृत्ति विभाग ने भी बीमारियों के प्रबंधन के साथ-साथ स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आयुर्वेद न्यूट्रास्यूटिकल्स के प्रावधान के साथ-साथ रोगियों की प्रामाणिक एवं वैज्ञानिक पोषण संबंधी आवश्यकताओं के लिए एक स्टार्ट-अप 'महाभाष्य' पथ्यहार इकाई शुरू करने का प्रस्ताव किया है।
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एमजी/एएम/एसकेसी
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