रक्षा मंत्रालय
भारतीय नौसेना की पहली प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) की श्रीलंका यात्रा
Posted On:
24 OCT 2021 10:14AM by PIB Delhi
भारतीय सेना की पहली प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (जिसमें भारतीय नौसेना के जहाज सुजाता, मगर, शार्दुल, सुदर्शनी, तरंगिनी और तटरक्षक जहाज विक्रम शामिल हैं) दिनांक 24 से 28 अक्टूबर 2021 तक चार दिन के लिए 100वें और 101वें एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए श्रीलंका की यात्रा पर हैं। तैनाती का उद्देश्य युवा अधिकारियों और अधिकारी-प्रशिक्षुओं को हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न देशों के सामाजिक-राजनीतिक और समुद्री पहलुओं से अवगत कराकर उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है। यह तैनाती प्रशिक्षुओं को समुद्र में विभिन्न तैनातियों में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के संचालन, बंदरगाह से परिचित कराने और सबसे बढ़कर, विदेशी राष्ट्रों के साथ दोस्ताना सम्बंधों को बढ़ावा देने के बारे में भी बताएगी।
यह जहाज दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) का हिस्सा हैं, जो भारतीय नौसेना का प्रशिक्षण कमान है और इसका नेतृत्व दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एके चावला कर रहे हैं। भारतीय नौसेना पिछले चार दशकों से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दे रही है। आज की तारीख में, श्रीलंका से बड़ी संख्या में अधिकारी और नाविक एसएनसी में विभिन्न शुरुआती से लेकर उन्नत पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले रहे हैं। कमान ने उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए केंद्रित दृष्टिकोण बनाए रखते हुए और विकसित रणनीति और प्रौद्योगिकियों के निरंतर अनुकूलन द्वारा प्रशिक्षण का एक बेहतरीन गंतव्य होने की प्रतिष्ठा प्राप्त की है ।
कोच्चि स्थित पहला प्रशिक्षण स्क्वाड्रन भारतीय नौसेना अकादमी में अपने प्रारंभिक प्रशिक्षण के पूरा होने पर भारतीय नौसेना के कार्यकारी अधिकारियों को 'फर्स्ट सी लेग्स' प्रदान करता है। स्क्वाड्रन में स्वदेशी रूप से निर्मित सात जहाज शामिल हैं, अर्थात् भारतीय नौसेना के जहाज तीर, सुजाता, मगर, शार्दुल, तटरक्षक जहाज विक्रम और दो सेल ट्रेनिंग जहाज आईएनएस सुदर्शनी और आईएनएस तरंगिनी। स्क्वाड्रन वर्तमान में कैप्टन आफताब अहमद खान, सीनियर ऑफिसर फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन की देखरेख में है, जो कमांडिंग ऑफिसर, आईएनएस तीर के कमांडिंग अधिकारी भी हैं।
चार दिवसीय तैनाती के दौरान भारतीय नौसेना के जहाज मगर और शार्दुल 101 आईओटीसी के प्रशिक्षुओं के साथ कोलंबो बंदरगाह का दौरा करेंगे, जबकि आईएन जहाज सुजाता, सुदर्शनी, तरंगिनी और सीजीएस विक्रम 100वें आईओटीसी के प्रशिक्षुओं के साथ त्रिंकोमाली जाएंगे। दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियों का आयोजन करने की योजना है, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं की अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है।
ओवरसीज डिप्लॉयमेंट की अवधि से युवा अधिकारियों में सीमैनशिप और शिप हैंडलिंग के कौशल को विकसित करने और रोमांच की भावना का पोषण करने में मदद मिलेगी। यह न केवल साहस और जोश के साथ चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करेगा, बल्कि समुद्री वातावरण के तत्वों की गहरी समझ और उनके प्रति सम्मान भी पैदा करेगा। सभी आने वाले जहाजों के पूरे दल का दोहरा टीकाकरण किया गया है और उनका कोविड-19 के लिए परीक्षण भी किया गया है ।
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