Posted On:
08 OCT 2021 5:28PM by PIB Delhi
जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा ने कृषि उत्पादों की निर्यात क्षमता तथा निर्यात के लिए राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) के तहत आवश्यकताओं पर उत्पादकों, निर्यातकों, राज्य सरकार के अधिकारियों तथा अन्य हितधारकों को जागरूक बनाने के लिए कई पहल करने के द्वारा कई सफलता गाथाएं लिखी हैं जिससे कृषि निर्यात की गतिविधियों में तेजी आई है ।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय, एपीडा की सहायता से जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश ने मार्च-अप्रैल 2021 के दौरान श्रीनगर से भौगोलिक संकेत (जीआई) प्रमाणित उत्पाद कश्मीर केसर का दुबई तथा अन्य मध्य पूर्व बाजारों में निर्यात किया।
फरवरी 2021 में जम्मू एवं श्रीनगर में एपीडा कार्यालयों के कार्यशील हो जाने के कुछ महीनों के बाद कश्मीर घाटी चेरी की एक ‘मिशरी‘ किस्म का निर्यात पहली बार श्रीनगर से दुबई के लिए किया गया जिसके बाद वाणिज्यिक निर्यात किए गए और फिर भारतीय चेरी के लिए बार बार ऑर्डर आने के बाद जून-जुलाई 2021 के दौरान भारतीय चेरी के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार का सृजन किया गया। इस निर्यात का संचालन कश्मीर के स्थानीय उद्यमियों द्वारा मुंबई के स्थापित निर्यातक तथा दुबई में उनके समकक्ष के साथ मिल कर किया गया था।
महामारी की स्थिति तथा यात्रा प्रतिबंधों के बावजूद, फरवरी 2021 में जम्मू एवं श्रीनगर में एपीडा कार्यालयों के कार्यशील हो जाने के तुरंत बाद कश्मीर घाटी चेरी की एक ‘मिशरी‘ किस्म का निर्यात पहली बार श्रीनगर से दुबई के लिए किया गया जिसके बाद भारतीय चेरी के लिए बार बार ऑर्डर आने लगे थे।
कश्मीर घाटी में निर्यात गतिविधियों को मिले एक प्रमुख प्रोत्साहन में, कश्मीर घाटी के सुगंधित चावल मुश्कबुद्जी तथा अकासियस शहद के निर्यात की योजना बनाई गई है और इसके नमूने पहले ही कश्मीर घाटी स्टार्ट अप्स/ नए उद्यमियों द्वारा अगस्त 2021 में लुलु ग्रुप एफएमसीजी दुबई, ओमान तथा मध्य पूर्व के अन्य बाजारों में भेजे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, कश्मीर घाटी के सेबों के नमूनों को भी निर्यात के लिए ओमान, कतर, दुबई तथा अन्य मध्य पूर्व बाजारों में भेजे जाने की योजना सितंबर, 2021 के दौरान बनाई गई है।
ऐसी उम्मीद है कि एक बार सड़क मार्ग द्वारा और फिर समुद्री कंटेनर द्वारा निर्यात मूल्य श्रृंखला स्थापित हो जाने के बाद कश्मीर घाटी से मध्य पूर्व तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नियमित आपूर्ति आरंभ हो जाएगी।
एपीडा की सहायता से लद्दाख खुबानी का निर्यात पहली बार लेह से दुबई के लिए किया गया जिसके बाद अगस्त-सितंबर 2021 के दौरान लद्दाख हलमान खुबानी का वाणिज्यिक निर्यात किया गया। इस निर्यात का संचालन कारगिल के स्थानीय उद्यमियों द्वारा मुंबई के स्थापित निर्यातक तथा दुबई में उनके समकक्ष के साथ मिल कर किया गया था।
जूस, पल्प, कंसंट्रेट, तेल तथा हर्बल फ्यूजन टी जैसे सीबकथोर्न के उत्पाद नमूनों को सितंबर 2021 में प्राप्त किया गया तथा घरेलू एवं विदेशी बाजारों के लिए उत्पादों को विकसित करने के लिए भारतीय कॉरपोरेट खाद्य उत्पादकों को उपलब्ध कराया गया। अंतरराष्ट्रीय फूड बाजार में लांच किए जाने के लिए इन उत्पादों के विकास में थोड़ा समय लग सकता है।
एपीडा ने जुलाई 2021 के दौरान एनपीओपी के तहत जैविक प्रमाणन एजेंसी में उनके समन्वयन के लिए बीज प्रमाणन, कृषि, बागवानी, पशुपालन निदेशालय, श्रीनगर एवं जम्मू क्षेत्रों के शेरे कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) के अधिकारियों का भी संवेदीकरण किया है।
एपीडा ने उत्पादकता बढ़ाने तथा क्षेत्र से संभावित उत्पादों के संवर्धन के लिए तकनीकी सहायता तथा संवर्धन संबंधी गतिविधियों के लिए शेरे कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा जम्मू एवं कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर भी किया है।
क्षमता तथा क्षेत्र के लिए निर्यात अवसंरचना की आगामी आवश्यकता पर विचार करते हुए, एपीडा ने जम्मू, श्रीनगर तथा लेह हवाई अड्डो पर सीमा शुल्क मंजूरी सुविधा केंद्र, सुगम एक्स-रे तथा शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं के संचालन तथा पादप स्वच्छता प्रमाण जारी करने के लिए सुविधा केंद्रों की स्थापना के लिए जुलाई 2021 के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय, केंद्रीय वेयरहाउसिंग निगम तथा अन्य संबंधित विभागों के समक्ष जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लिए व्यापक निर्यात संभार तंत्र आवश्यकता जारी किए जाने का मुद्वा उठाया।
अगस्त 2021 के दौरान, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत के वस्तु निर्यात को बढ़ाकर 400 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने संबंधी संबोधन के बाद, एपीडा ने व्यवसाय पूछताछ आरंभ करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर में वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठकों का आयोजन किया जिसमें कश्मीर के 34 एवं जम्मू के 25 हितधारकों ने भाग लिया।
एपीडा ने जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों कश्मीर घाटी एवं जम्मू प्रभाग के लिए एक प्रारूप कृषि निर्यात योजना विकसित और उपलब्ध कराई है तथा निर्यात के लिए सेब, चेरी, अखरोट, शहद, केसर, चावल और गुच्ची जैसे संभावित उत्पादों की पहचान की है।
लद्दाख का केंद्र शासित प्रदेश जुलाई 2021 के दौरान एपीडा द्वारा प्रारूप कृषि निर्यात योजना तैयार किए जाने के बाद निर्यात के लिए सीबकथोर्न, खुबानी तथा प्रमाणित जैविक उत्पादों जैसे चिन्हित संभावित उत्पादों को कवर करते हुए एक कृषि निर्यात योजना के विकास की प्रक्रिया में है।
एपीडा ने सितंबर 2021 के दौरान जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के संभावित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हितधारकों के साथ परामर्श बैठक की योजना बनाई जिसमें स्टार्ट अप्स, उद्यमियों, सहकारी संघों, एफपीओ, एफपीसी, केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों, कृषि विश्वविद्यालय, केवीके, आईसीएआर संस्थानों के संबंधित अधिकारियों की भागीदारी थी।
जम्मू एवं कश्मीर में वाणिज्य सप्ताह के दौरान 23 सितंबर, 2021 को श्रीनगर के शेरे कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) में किसानों, सहकारी संघों, स्टार्ट अप कंपनियों तथा उद्यमियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में, जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के सभी केवीके सहित 390 प्रतिभागियों ने शारीरिक रूप से तथा 690 प्रतिभागियों ने वर्चुअल तरीके से भाग लिया।
एपीडा ने सितंबर 21 से 22 तक लेह में आयोजित वाणिज्य उत्सव का भी सह-आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश से पहचाने गए उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़े जाने के संबंध में भी चर्चा हुई।
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लेह में 21-22 सितंबर, 2021 को वाणिज्य सप्ताह में सहभागिता
एमजी/एएम/एसकेजे